
प्यार में छोटे-मोटे झगड़े और मन-मुटाव तो चलते रहते हैं। लेकिन अगर आपके पार्टनर बिना कारण आप पर गुस्सा करते हैं या छोटी-छोटी बात के लिए झिड़कते और चिल्लाते हैं, तो इसका असर आपके रिश्ते पर पड़ना लाजमी है। कई बार कुछ लोगों का स्वभाव ऐसा होता है कि उन्हें छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है। वहीं ऐसे झगड़ने और चिल्लाने का एक कारण यह भी हो सकता है कि आपके पार्टनर आप का सम्मान नहीं करते। अगर ऐसा अक्सर होता है, तो इसे रोकने का प्रयास आपको ही करना पड़ेगा। आइए आपको बताते हैं कि इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए आप क्या कर सकते/सकती हैं।
अपनी गलती के बारे में भी विचार करें
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पार्टनर का आप पर गुस्सा करना या झगड़ा करना गलत बात है। लेकिन अगर यह स्थिति अक्सर बनती है, तो आपको अपनी गलतियों के बारे में भी जरूर सोचना चाहिए। संभव है कि आप ही अंजाने में कुछ ऐसी स्थिति बना देते हों, जो आपके पार्टनर को पसंद न हो। हम यह नहीं कहते कि आपको पार्टनर के गुस्से को चुपचाप बर्दाश्त करना चाहिए, लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखकर गुस्से या खीझ को कम किया जा सकता है, तो सबसे पहले ऐसी स्थिति ही बनने से रोकनी चाहिए।
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तुरंत प्रतिक्रिया न दें
कई बार निजी समस्याओं और उलझनों के कारण भी व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप अनावश्यक गुस्सा और झगड़े की स्थिति बनती है। ऐसे में आपको कभी भी गुस्से की प्रतिक्रिया गुस्से से नहीं देनी चाहिए। इससे बात बढ़ती और बिगड़ती है। इसलिए अगर आप अपनी कोई बात रखना चाहते हैं, तो पार्टनर को शांत होने दें।
गुस्सा शांत होने के बाद बात करें
जब पार्टनर का गुस्सा शांत हो जाए, तो आप उनसे झगड़े के विषय में बात कर सकते हैं। अगर आपके पार्टनर वाकई आपसे प्यार करते हैं या आपका सम्मान करते हैं, तो वो आपकी बात जरूर सुनेंगे। तब आप उनसे पूरी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। आमतौर पर गुस्से में व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है, इसलिए उस स्थिति में बात करने पर शायद पार्टनर आपकी बात न समझ पाएं।
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सीमा तय करें
अगर पार्टनर को हर समय गुस्सा आता है या वो हर बात में झगड़े का प्वाइंट ढूंढते हैं, तो आपको सबसे पहले अपने और उनके रिश्ते की सीमा तय करनी चाहिए। आप शांत तरीके से पार्टनर से नाराजगी जाहिर करके उन्हें उनकी गलती का एहसास दिला सकते हैं। ध्यान रखें कि गुस्से में कभी कोई ऐसी बात न बोलें, जो आपके पार्टनर की भावनाओं को आहत करे या जिसके लिए आपको बाद में पछताना पड़े।
घरेलू हिंसा को सहें नहीं, आवाज उठाएं
गुस्सा और झिड़कन तक फिर भी ठीक है, लेकिन अगर बात घरेलू हिंसा तक पहुंच जाए, तो आपको तुरंत आवाज उठानी चाहिए। इस संदर्भ में पहले तो अपने पार्टनर से स्पष्ट बातचीत करें। अगर फिर भी बात बनती नहीं दिखे तो आप फैमिली के अन्य सदस्यों की मदद ले सकते हैं। स्थिति के न बदलने पर आको कानूनी मदद लेने से भी नहीं हिचकना चाहिए क्योंकि हिंसा कभी भी जायज नहीं ठहराई जा सकती।