नाॅन वेजिटेरियन व्यक्ति की डाइट में भले ही प्रोटीन की मात्रा उच्च स्तर में पाई जाती है लेकिन शाकाहारी मनुष्य के लिए हाई प्रोटीन के सोर्स काफी हद तक सीमित हो जाते हैं। शाकाहारी मनुष्य ज्यादातर सोया, दालों, दूध व दूध से बने पदार्थों के जरिए प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति लैक्टोज इनटाॅलरेंट हो तो उसके लिए समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति पी प्रोटीन मिल्क अर्थात मटर के दूध का सेवन कर सकता है। तो चलिए जानते हैं मार्केट में पाउडर के रूप में मिलने वाले पी प्रोटीन मिल्क के सेवन के तरीके व इसके फायदों के बारे में-
ऐसे बनता है पी प्रोटीन
मटर का दूध बनाने से पहले मटर की मदद से प्रोटीन पाउडर तैयार किया जाता है। इसके लिए मटर के दानों को सुखाकर व पीसकर बारीक पाउडर बनाया जाता है। इसके बाद इसमें पानी की मदद से पेस्ट बनाकर फाइबर व स्टार्च निकाला जाता है और उसके बाद उसमें प्रोटीन, विटामिन व मिनरल्स बचते हैं। अंत में दोबारा उस पेस्ट को सुखाकर बारीक पाडउर बनाया जाता है। मार्केट में पी प्रोटीन पाउडर बेहद आसानी से अवेलेबल हो जाता है। इस पी प्रोटीन पाउडर का सेवन दूध में मिलाकर किया जाता है।
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नहीं होती प्रोटीन की कमी
मैक्स हेल्थकेयर की चीफ डायटीशियन रितिका समादार कहती हैं कि पी प्रोटीन मिल्क को प्रोटीन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ग्लूटन फ्री होने के साथ-साथ प्रोटीन का एक गुड सोर्स है। अगर एक शाकाहारी व्यक्ति लैक्टोज इनटाॅलरेंट है और उसकी प्रोटीन की दैनिक आवश्यकताएं पूरी नहीं हो रही हैं तो वह पी प्रोटीन मिल्क का संवन कर सकता है। इसके सेवन के लिए एक गिलास दूध में दो चम्मच पी प्रोटीन पाउडर डालकर मिक्स करके सेवन करें।
मिलते हैं कई पोषक तत्व
जैसा कि इसके नाम से ही व्यक्त है, पी प्रोटीन मिल्क में प्रोटीन का उच्च स्तर पाया जाता है। एक सर्विंग में व्यक्ति को लगभग 16 से 20 ग्राम प्रोटीन मिलता है। यह दो कप मटर और लगभग चार कप ग्रेन्स के बराबर है। इतना ही नहीं, पी प्रोटीन मिल्क शाकाहारियों के लिए आयरन का भी अच्छा स्त्रोत साबित होता है। इसके अतिरिक्त इसमें कुछ विटामिन्स जैसे विटामिन ए, ई, डी, के व मिनरल्स भी पाए जाते हैं।
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भर जाता है पेट
पी प्रोटीन पाउडर में अमीनो एसिड का एक सतुंलित अनुपात पाया जाता है। जिसके कारण जब व्यक्ति इसका सेवन करता है तो उसे लम्बे समय तक पेट भरे होने का अहसास होता है। साथ ही यह कई तरह के फलेवर में मार्केट में अवेलेबल है। इसका स्वाद इतना माइल्ड होता है कि व्यक्ति को इसका सेवन करते हुए किसी भी तरह की परेशानी का आभास नहीं होता।
नहीं होती समस्याएं
मटर के दूध का सेवन का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके सेवन से व्यक्ति कई तरह की समस्याओं से आसानी से बच सकता है। मसलन, पी प्रोटीन मिल्क को डाइजेस्ट करना बेहद आसान है क्योंकि इसे बनाने में किसी भी तरह के बीन्स या ग्रेन्स का प्रयोग नहीं होता। जहां सोया मिल्क या अन्य डेयरी प्राॅडक्ट्स से लोगों को पेट में गैस व ब्लोटिंग की परेशानी होती है, लेकिन पी प्रोटीन के साथ्ज्ञ ऐसा नहीं होता। साथ ही इसके सेवन से किसी भी तरह की एलर्जी होने की संभावना नहीं होती। इसलिए कोई भी व्यक्ति बेझिझक होकर इसका सेवन कर सकता है।
घटाएं वजन
जो लोग अपने बढ़ते वजन पर लगाम लगाना चाहते हैं, वह पी प्रोटीन मिल्क का सेवन करके अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। दरअसल, जब व्यक्ति की दैनिक प्रोटीन आवश्यकता पूरी होती है तो इससे मसल्स बिल्डअप होने के साथ-साथ तेजी से वजन घटता है। इसके अतिरिक्त पी प्रोटीन पाउडर में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बार-बार लगने वाली भूख को नियंत्रित करने का काम करते हैं। जिससे फूड क्रेविंग्स नियंत्रित होती हैं और वजन घटने लगता है।
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