नानमेलोनोमा स्किन कैंसर क्या है

बहुत ज्यादा धूप में समय बीताने से त्वचा में कैंसर की कोशिकाओं की शुरुआत होने लगती है। त्वचा के कैंसर के लक्षण त्वचा के आम रोगों की तरह होते हैं, जिससे उनकी पहचना करना मुश्किल हो जाता है।
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नानमेलोनोमा स्किन कैंसर क्या है


रोगी की जांच करते हुए डॉक्टर

त्वचा में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि को स्किन कैंसर कहते हैं। यह एक सामान्य प्रकार का कैंसर है। शुरुआती अवस्था में अगर इसके लक्षणों की पहचान हो जाती है तो इसका इलाज संभव है। इसलिए अगर त्वचा में किसी तरह के बदलाव हों तो तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें।

अधिकांश स्किन कैंसर नानमेलोनोमा प्रकार के होते हैं। नानमेलोनोमा स्किन कैंसर दो तरह के होते हैं-  

बेसल सेल कार्सिनोमा -
ज्यादातर नानमेलोनोमा कैंस इसी प्रकार के होते हैं। यह भीतरी ऊतकों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं जैसे मांसपेशियां और हड्डियां। इस प्रकार के कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलते हैं।  

स्क्वैमस सेल
कार्सिनोमा - इस तरह के कैंसर के लक्षण कम लोगों में देखे जाते हैं। यह अकसर त्वचा के अंदर शुरु होता है और उसे चोटिल व रोगग्रस्त कर देता है। कभी-कभी यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाता है।

 

[इसे भी पढ़ें: कैसे करें स्किन कैंसर की जांच]

 

कारण

नानमेलोनोमा स्किन कैंसर की मुख्य वजह सूरज की रोशनी में ज्यादा देर तक रहना है। सूर्य से निकलने वाली यूवी रेज त्वचा को क्षतिग्रस्त कर देती है जिससे त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।



निदान

स्किन कैंसर में सामान्यत: एक अलग रंग व आकार की आकृति दिखाई देती है। जिसमें लालिमा, जलन व खुजली जैसी समस्या होने लगती है। दिखने में यह एक आम त्वचा रोग लगता है लेकिन असल में यह कैंसर की शुरुआत होती है। इस प्रकार का कैंसर माथा, गला, पीठ, सीने व कंधों पर होते हैं लेकिन नाक पर इसकी शुरुआत सबसे ज्यादा होती है।

अगर आपकी त्वचा की समस्या एक दो दिन में ठीक नहीं होती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। जांच के दौरान डॉक्टर बॉयोप्सी के जरिए स्किन कैंसर की पहचान कर सकता है। अगर कैंसर सेल्स की पहचान हो जाती है तो डॉक्टर एक सैंपल लेकर लैब में टेस्ट के लिए भेज सकता है।      


[इसे भी पढ़ें: स्किन कैंसर के प्रकार]

 

जोखिम कारक

  • धूप में ज्यादा देर तक बाहर रहना। अगर आपकी स्किन हल्की है तो सनबर्न आसानी से हो सकता है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • व्यावसायिक जोखिम (जैसे तारकोल, कारबोलिक अम्ल या तेज़ाब, आर्सेनिक यौगिकों का काम करने वाले लोगों में त्वचा कैंसर का खतरा होता है।
  • एक्स–रे कराने वाले बुजुर्गों और एक्ने का उपचार कराने वाले किशोरों में भी कैंसर पनपने के खतरे अधिक होते हैं।  
  • परिवार में किसी सदस्य को त्वचा कैंसर होने से अन्य लोगों में होने का खतरा होता है।



इलाज

इस प्रकार के कैंसर के इलाज के डॉक्टर सर्जरी की मदद लेते है। सर्जरी के जरिए त्वचा के कैंसर वाले आकार का काट कर अलग देते है। इसके लिए आपकी त्वचा के उस हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है। इसके बाद सर्जरी की जाती है। इसमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। कुछ दिनों में आप घर जा सकते हैं, लेकिन जब तक घाव भर ना जाए डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए।

 

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