बच्चों में मोटापा काफी तेजी से बढ़ रही है। पहले भले ही ऐसे बच्चों को गोलू-मोलू कहकर पसंद किया जाता हो, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बच्चों में मोटापे की समस्या और उससे सेहत को होने वाले नुकसानों के बारे में व्यापक चर्चा की जाती है। बच्चों में मोटापा कई कारणों से हो सकता है। इनमें अनुवांशिक कारणों को तो हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, लेकिन कुछ कारण ऐसे हैं, जिन पर यदि नजर रखी जाए, तो हम समय रहते बच्चों को मोटापे से बचा सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम बच्चों में मोटापे के कारणों के बारे में जानें
शारीरिक गतिविधियों का अभाव
उछलकूद करना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। इससे न केवल उनका मानसिक विकास होता है, बल्कि इससे उनका शरीर भी स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही बच्चों को छोटी-मोटी शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें। रसोई तक अपने बर्तन खुद रख कर आना। लाइट का स्विच ऑफ करने उठना। पानी पीने जाना, घर की सीढि़यां चढ़ना, जैसे काम भी आजकल बच्चे नहीं करते। इससे उनमें आलस्य आ जाता है और शरीर पर बेकार की चर्बी जमा होने लगती है। इसके साथ ही आपको चाहिए कि आप अपने बच्चे के साथ घूमने जाएं, उन्हें आउटडोर गेम्स में शामिल करें। वरना आजकल के बच्चों के लिए गेम्स का अर्थ कंप्यूटर अथवा ऑनलाइन गेम्स हो गया है।
लिक्विड कैलोरी का अधिक सेवन
शुगर ड्रिंक और फ्रूट ड्रिंक बच्चों के पसंदीदा पेय पदार्थ हैं, लेकिन इससे बच्चों को और कुछ नहीं बस चीनी और कैलोरी ही मिलती है। आपको चाहिए कि बच्चों को ऐसे पेय पदार्थों के सेवन से रोकें क्योंकि इनसे उन्हें पोषण नहीं मिलता, बल्कि उनकी सेहत को नुकसान ही पहुंचता है।
पर्याप्त नींद न लेना
देर रात तक जागते रहना आजकल की जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। लेकिन, आपके बच्चों के लिए यह बिलकुल ही फायदेमंद नहीं है। मोटापे और नींद के बीच गहरा संबंध है। शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि जो बच्चे पूरी नींद नहीं लेते, उनके मोटापे से ग्रस्त होने की आशंका बहुत अधिक होती है। इसके साथ ही ज्यादा नींद भी आपके बच्चों के लिए अच्छी नहीं। इससे आपका बच्चा आलसी हो सकता है। ध्यान रहे आपके बच्चे के लिए नौ से दस घंटे की नींद काफी है।
जंक फूड का सेवन
बच्चों में मोटापे का अहम कारण जंक फूड का सेवन है। जरा सी भूख लगने पर ही बच्चे बर्गर, पिज्जा या कोई अन्य जंक फूड खा लेते हैं। ये हाई कैलारेी खाद्य पदार्थ बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में अभिभावकों का उत्तरदायित्व बनता है कि वे अपने बच्चों के खानपान का ध्यान रखें। बच्चों की जिद के चक्कर में आप उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ न करें। कभी-कभार इस प्रकार का भोजन ठीक है, लेकिन इसका नियमित सेवन सेहत के नुकसानदेह है।
टीवी है बीमारी
एक वैज्ञानिक शोध में यह बात सामने आयी थी कि जो बच्चे टीवी के सामने अधिक समय बिताते हैं, वे सामान्य बच्चों से अधिक मोटे होते हैं। टीवी मनोरंजन तक तो ठीक है, लेकिन इसके सामने अधिक समय तक बैठे रहना बच्चों को मोटा और थुलथुला बना सकता है। लास एंजेलिस स्थित पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने शयनकक्ष में टीवी देखने एवं बचपन में मोटापे के बीच सम्बधों को सामने रखा।
भोजन अगर न हो सही
बच्चे के आहार में फाइबर युक्त पदार्थों को शामिल करें। इससे उन्हें ऊर्जा भी मिलेगी और साथ ही उनका पेट भी लंबे समय तक भरा रहेगा। राजमा, ब्रोकली, मटर, नाशपति, साबुत अनाज का पास्ता, ओटमील आदि फाइबर के उच्च स्रोत हैं। इसके साथ ही आप उन्हें फल और सब्जियों का सेवन भी करवायें। इनके अभाव से भी बच्चे में मोटापा बढ़ सकता है।
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