शरीर के लिए क्यों जरूरी है कफ, क्या है इसके असंतुलन और दोष के लक्षण

हमारे शरीर और मस्तिष्क के विकास के लिए कफ जरूरी है। अगर शरीर में कफ संतुलित होता है तो व्यक्ति का मन और दिमाग शांत रहता है। ऐसे व्यक्ति शरीर तथा दिमाग से मजबूत और स्थिर होते हैं।
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शरीर के लिए क्यों जरूरी है कफ, क्या है इसके असंतुलन और दोष के लक्षण

आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए तीन तरह की ऊर्जाओं का संतुलन जरूरी है, वात, पित्त और कफ। ये सभी उर्जाएं हमारे मन और शरीर में मौजूद होती हैं। इनमें से किसी एक या एक से ज्यादा ऊर्जा के असंतुलन से ही आप बीमार पड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि सिर से लेकर छाती के बीच तक के रोग कफ बिगड़ने से होते हैं। छाती के बीच से लेकर पेट और कमर के अंत तक में होने वाले रोग पित्त बिगड़ने के कारण होते हैं। और कमर से लेकर घुटने और पैरों के अंत तक होने वाले रोग वात बिगड़ने के कारण होते हैं। इन सभी दोषों में कफ दोष सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि शेष दोनों दोषों यानि पित्त और वात के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइये आपको बताते हैं कफ दोष के बारे में।

क्या है कफ

हमारे शरीर और मस्तिष्क के विकास के लिए कफ जरूरी है। अगर शरीर में कफ संतुलित होता है तो व्यक्ति का मन और दिमाग शांत रहता है। ऐसे व्यक्ति शरीर तथा दिमाग से मजबूत और स्थिर होते हैं। कफ दोष तीनों दोषों में सबसे धीमा और संतुलित माना जाता है। कफ आपके शरीर में त्वचा को नमी देने, जोड़ों को चिकना करने, लिबिडो बढ़ाने और इम्‍यूनिटी बढ़ाने में सहायक होता है। जब शरीर में वात और पित्त के ज्‍यादा हो जाते हैं तब कफ ही शरीर के ऊतकों को नुकसान होने से बचाकर मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूती देता है।

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क्या होता है कफ के असंतुलन से

शरीर में कफ का असंतुलन अगर थोड़ा है, तो शरीर पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है मगर यदि कफ ज्यादा असंतुलित हो गया है, तो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान और हताश हो जाता है, व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है और पूरे शरीर में सूजन भी आ जाती है। इसके अलावा कफ के असंतुलन के कारण व्यक्ति को हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी अन्य कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

क्यों होता है कफ का असंतुलन

शरीर में कफ के असंतुलन के कई कारण होते हैं। आमतौर पर उन लोगों को कफ दोष का ज्यादा खतरा होता है जो दूध और दूध से बनी चीजों का अधिक सेवन करते हैं या मीठे का बहुत अधिक सेवन करते हैं। इसलिए अगर आप ढेर सारी मिठाइयां खाते हैं तो आपके शरीर में कफ दोष हो सकता है। इसके अलावा साइनस, फेफड़ों का संक्रमण या कोई बीमारी, साइनोसाइटिस से होने वाले सिरदर्द, बुखार, ब्रोंकियल अस्थमा आदि के कारण भी शरीर में कफ का असंतुलन हो सकता है।

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कफ के असंतुलन के लक्षण

हाई कोलेस्ट्रॉल
जल्दी-जल्दी जुकाम होना
शरीर का वजन बढ़ना
मुंह में मीठा स्वाद लगना
एलर्जी का प्रभाव
खांसी के साथ कफ आना
डायबिटीज
साइनस का दर्द
शरीर में सूजन
त्वचा में पीलापन
अर्थराइटिस
निमोनिया के कारण सीने में जकड़न
टीबी होना
शरीर फूलने लगना
बेचैनी होना
हर काम सुस्ती के साथ करना और शरीर में ऊर्जा की कमी होना
गले में खराश के साथ कफ आना
शरीर में खुजली होना
पेशाब और पसीना असंतुलित हो जाना

कैसे सही करेंगे इसे

शरीर में कफ के असंतुलन को ठीक करने के लिए तीखे, कड़वे और गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा उल्टी करने से पेट और छाती के कफ को निकालने में मदद मिलती है। उल्टी के लिए आप कड़वी आयुर्वेदिक दवाओं या नीम की पत्ती आदि खा सकते हैं। इसके अलावा कफ होने पर धूप में रहना अच्छा रहता है। ठंडी जगह पर आपको सामान्य से ज्यादा ठंड लग सकती है। इसके अलावा आप सुस्ती और आलस से बचें और थोड़ा टहलें, दौड़ें या स्विमिंग कर लें।

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