कूल्हे की समस्या से जूझ रहे लोगों का हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी कूल्हे से जुड़ी बीमारियों में की जाती है। खासतौर पर कूल्हे की हड्डी में दर्द रहना, हिप्स की हड्डी टूटना या फिर कूल्हे की हड्डी खराब होने की स्थिति में डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह देता है। यह सर्जरी कूल्हे में हो रही इन परेशानियों का इलाज के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती हैं। कई लोगों को हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जानकारी नहीं होती है, इसलिए वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। आज हम इस लेख में हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की कब पड़ती है जरूरत? (When Hip Replacement surgery is required?)
हिप रिप्लेमेंट सर्जरी की आवश्यकता मुख्य रूप से तब होती है, जब किन्हीं कारणों से कूल्हे की हड्डी खराब या फिर नष्ट होने लगे। खासतौर पर अगर व्यक्ति को चलन, बैठने में काफी दर्द होता है, तो इस स्थिति में डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह दे सकता है। इसके अलावा कुछ स्थितियों में भी डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट सर्जी की सलाह दे सकते हैं। आइए जानते हैं उन स्थितियों के बारे में-
रुमेटाइड अर्थराइटिस - कुछ स्थितियों में व्यक्ति को रुमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से कूल्हे यानि हिप्स में सूजन आ जाती है। इस सूजन को कम करने के लिए मरीज को हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करने की सलाह दी जा सकती है। रुमेटाइड अर्थराइटिस के शुरुआती अवस्था में शरीर के छोटे-छोटे अंगों जैसे - हाथ, पैर, उंगली इत्यादि में दर्द होता है। धीरे-धीरे यह समस्या हिप्स को भी प्रभावित कर सकती है।
इसे भी पढ़ें - कूल्हे के दर्द (हिप बर्साइटिस) से राहत दिलाती हैं ये 5 एक्सरसाइज, जानें करने का तरीका
ट्रॉमेटिक अर्थराइटिस- ट्रॉमेटिक अर्थराइटिस (traumatic arthritis) से ग्रसित व्यक्तियों को भी डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से कुल्हे में चोट लगने की वजह से हो सकती है।
एवस्कुलर नेक्रोसिस - इसे समस्या को ऑस्टियोनेक्रोसिस (osteonecrosis) भी कहा जाता है। ऑस्टियोनेक्रोसिस (osteonecrosis) से ग्रसित व्यक्तियों को कूल्हे में काफी असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में डॉक्टर हिप रिप्लेसमेंट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
टॉप स्टोरीज़
कैसे की जाती है हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी (Procedure of Hip Replacement Surgery )
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में करीब 1 से 3 घंटे का समय लगता है। जिसमें निम्न स्टेप्स फॉलो किए जाते हैं।
Step 1 - एनेस्थीसिया देना - किसी भी सर्जरी को शुरु करने से पहले डॉक्टर मरीज को एनेस्थीसिया देता है। ताकि सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान मरीज को दर्द का अनुभव न हो और सही से सर्जरी की जा सके।
Step 2- प्रभावित हिस्से को कट करना - मरीज को एनेस्थीसिया देने के बाद डॉक्टर कूल्हे के प्रभावित हिस्से को कट करता है, ताकि सर्जरी को आगे बढ़ाया जा सके।
Step 3 - टूटी हुई कूल्हे की हड्डी को बाहर निकालना - कूल्हे के पास कट लगने के बाद डॉक्टर टूटी हुई हड्डी को बाहर निकाल देता है या फिर जो हड्डी नष्ट हो गई है, उसे बाहर निकाल देता है।
Step 4 - कृत्रिम अंग को रिप्लेस करना- इस स्टेप में क्षतिग्रस्त हड्डी को निकालने के बाद वहां पर कृत्रिम अंग लगाया जाता है। यह अंग मुख रूप से मेटल का बना हुआ होता है। इससे कूल्हे के दर्द को कम करने की कोशिश की जाती है। साथ ही मरीज की कार्य क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। इसके बाद कट को बंद कर दिया जाता है।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद बरतें सावधानी (Precaution after Hip Replacement Surgery in Hindi)
- सर्जरी के बाद मरीज को कुछ सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, ताकि मरीज जल्द से जल्द रिकवर हो सके। आइए जानते हैं उन सावधानियों के बारे में-
- ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद तक मरीज को बैसाखी के सहारे चलने की आवश्यकता होती है, ताकि सर्जरी वाले हिस्से पर ज्यादा जोर न पड़े।
- सर्जरी के बाद डॉक्टर दर्द निवारक दवाइयां देते हैं, जिसके समय पर लें। ताकि दर्द को कम किया जा सके।
- हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद मरीड को कुछ समय के लिए फिजियोथेरेपी लेनी चाहिए।
- डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से हल्के-फुल्के एक्सरसाइज जरूर करें।
- हिप रिप्लेसमेंट करवाने के बाद डॉक्टर से नियमित रूप से अपना चेकअप कराएं।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि यह कूल्हे में होने वाली परेशानी को कम करता है। वहीं, ध्यान रखें कि अगर आपको हिप में किसी तरह की परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ताकि समय पर आपका इलाज शुरू किया जा सके।