आजकल महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस एक्सप्लेनर की बीमारी बेहद सामान्य हो गई है। एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय में होने वाली एक बीमारी है। इसमें एंडोमेट्रियल टिश्यू (गर्भाशय की आंतरिक परत) में असामान्य वृद्धि होने लगती है। इसके बाद ये गर्भाशय से बाहर निकलने लगते हैं। इसके अलावा कभी-कभी यह अंडाशय, आंतों और अन्य प्रजनन अंगों तक फैल जाता है। महिलाओं में यह समस्या मासिक धर्म के दौरान अधिक देखने को मिलती है। इस स्थिति में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द महसूस हो सकता है, इस लक्षण को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण एक महिला से दूसरी महिला में अलग हो सकते हैं। एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण निम्न हैं-
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- ब्लैडर में जलन
- बार-बार पेशाब आना
- ब्लैडर के भरे होने पर दर्द
- पीरियड्स के दौरान यूरिन में कभी-कभी खून आना
- किडनी क्षेत्र में कमर दर्द
- मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द
- सेक्स के दौरान या बाद में दर्द
- पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव
- थकान
- दस्त
- कब्ज
- सूजन
किसे हो सकता है एंडोमेट्रियोसिस
- एंडोमेट्रियोसिस की समस्या ज्यादातर 25 से 40 साल की उम्र की महिलाओं में देखने की मिलती है।
- कम उम्र की महिलाओं को भी यह समस्या हो सकता है।
- किसी लड़की के पहली माहवारी होने से पहले यह समस्या होना दुर्लभ है।
एंडोमेट्रियोसिस से होने वाली जटिलताएं
- एंडोमेट्रियोसिस से मुख्य जटिलता बिगड़ा हुआ प्रजनन क्षमता है।
- एंडोमेट्रियोसिस वाली 30 से 50 फीसदी महिलाओं में बांझपन का अनुभव हो सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस वाली सभी महिलाओं को बांझपन की समस्या नहीं होती है। वे प्रजनन उपचार की आवश्यकता के बिना ही गर्भवती होने में सक्षम हो सकती हैं। इसके अलावा यह यूरिनरी ब्लैडर को भी प्रभावित कर सकता है। वहीं सर्जरी से इस स्थिति में महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।