
Blood Protein Test in Hindi: शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए और कोशिकाओं को सही ढंग से काम करने के लिए प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होनी जरूरी है। शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। शरीर में कई तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं लेकिन इनमें दो तरह के प्रोटीन पहला एल्बुमिन और दूसरा ग्लोब्युलिन ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने से भी आपको परेशानी होती है। फुल बॉडी चेकअप में भी डॉक्टर आपके शरीर में मौजूद प्रोटीन की जांच करते हैं। ब्लड प्रोटीन जांच या टोटल प्रोटीन टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर शरीर में मौजूद प्रोटीन की मात्रा का पता करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस टेस्ट के बारे में।
ब्लड प्रोटीन टेस्ट क्या है?- What is Blood Protein Test?
ब्लड प्रोटीन टेस्ट के माध्यम से शरीर में मौजूद प्रोटीन की मात्रा का पता लगाया जाता है। वैसे तो यह टेस्ट सालाना हेल्थ चेकअप के दौरान भी किया जाता है। लेकिन कुछ बीमारी और स्थितियों में डॉक्टर इस टेस्ट को कराने की सलाह देते हैं। दरअसल शरीर में प्रोटीन का काम कोशिकाओं और ऊतकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शरीर की वृद्धि, विकास के लिए और शरीर को हेल्दी रखने के लिए प्रोटीन की संतुलित मात्रा जरूरी है। ब्लड में मौजूद एल्ब्यूमिन और ग्लोब्युलिन प्रोटीन की मात्रा की जांच के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
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किन समस्याओं में जरूरी है ब्लड प्रोटीन टेस्ट?- Importance of Blood Protein Test
ब्लड प्रोटीन टेस्ट जैसा कि हमने बताया है यह टेस्ट शरीर और ब्लड में मौजूद दो विशेष तरह के प्रोटीन एल्ब्यूमिन और ग्लोब्युलिन की कुल मात्रा की जानकारी के लिए किया जाता है। लेकिन डॉक्टर कुछ बीमारियों और समस्याओं में यह टेस्ट जरूर करते हैं। ब्लड प्रोटीन टेस्ट इन समस्याओं में बहुत जरूरी होता है-
- लिवर से जुड़ी बीमारियां
- किडनी से जुड़ी समस्याओं में
- कैंसर की बीमारी में
- बहुत ज्यादा तेजी से वजन कम होने पर
- लिवर सिरोसिस की समस्या में
- वजन बहुत ज्यादा होने पर
- शरीर में ब्लीडिंग ज्यादा होने पर
कैसे करते हैं ब्लड प्रोटीन टेस्ट?
ब्लड प्रोटीन टेस्ट करने के लिए सबसे पहले आपके ब्लड सैंपल की जरूरत होती है। इस टेस्ट को करने के लिए सबसे पहले आपका ब्लड सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल को टेस्ट करने वाली मशीन पर परफॉर्म किया जाता है। टेस्ट में सामने आई रीडिंग के आधार पर डॉक्टर मरीज का इलाज करते हैं। इस टेस्ट की सामान्य रीडिंग 6.0 से 8.3 g/dL होती है। इस रीडिंग से कम या ज्यादा रीडिंग होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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