Vitamin D Deficiency: सिर से पसीना आना और ये 6 संकेत बताते हैं कि आपको विटामिन डी की है सख्‍त जरूरत

Vitamin D Deficiency: विटामिन डी मानव शरीर के लिए एक जरुरी पोषक तत्‍व है, जिसकी कमी होने पर शरीर को कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। जानें क्‍या है इसके संकेत।
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Vitamin D Deficiency: सिर से पसीना आना और ये 6 संकेत बताते हैं कि आपको विटामिन डी की है सख्‍त जरूरत

Vitamin D Deficiency: विटामिन डी वसा में घुलनशील एक विटामिन है, जो हमारी हड्डियों को कैल्शियम की आपूर्ति से लेकर हमारे रोग प्रतिरोधक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है। हम सामान्य रूप से इस विटामिन को खाद्य पदार्थों, सप्‍लीमेंट्स और सूर्य की किरणों से प्राप्त करते हैं, लेकिन जब कुछ गलत हो जाता है तो हमें विटामिन डी की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हमारा शरीर का पूरा सिस्टम खराब हो सकता है।

इस लेख के माध्‍यम से हमने निम्न लिखित विटामिन डी लेवल (What are the signs of vitamin D deficiency) के सबसे सामान्य संकेतों का अध्ययन किया है और हम आपको बताना चाहते हैं कि हमने क्या पाया है।

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विटामिन डी की कमी के संकेत- Signs of vitamin D deficiency

सिर से अत्‍‍यधिक पसीना आना

वैज्ञानिक साहित्य (Scientific literature) अत्यधिक पसीने का वर्णन करता है जो विटामिन डी की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक है। शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में सिर से अत्यधिक पसीना आना वयस्‍कों में विटामिन डी का एक अलग तरह का संकेत है। यदि आपके सिर से बहुत अधिक पसीना आता है तो यह आपके शरीर में विटामिन डी की कमी से संबंधित हो सकता है और आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता हो सकती है।

हड्डियों में दर्द 

दरअसल, विटामिन डी हड्डियों में कैल्शियम की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है। यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो हड्डियों में सही तरह से कैल्शियम की आपूर्ति नही हो पाती है, जिससे हड्डियों में दर्द की समस्‍या उत्‍पन्‍न होने लगती है। विटामिन डी की कमी विभिन्न मस्कुलोस्केलेटल दर्द के साथ जुड़ी हो सकती है। हड्डियों के दर्द, हड्डी के फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी संबंधित बीमारियों से बचने के लिए विटामिन डी की आवश्यक मात्रा जरुरी है। इसके मुख्‍य स्‍त्रोत सुर्य और कुछ खाद्य पदार्थ है। 

मांसपेशियों में दर्द 

विटामिन डी न केवल हमारी हड्डियों बल्कि हमारी मांसपेशियों को भी प्रभावित करता है। इस विटामिन की कमी से शारीरिक गतिविधि जैसे- एक्‍सरसाइज या स्‍पोर्ट्स एक्टिविटी और किसी मेहनत वाले काम के बाद मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी आदि समस्‍याएं हो सकती है। विटामिन डी का निम्न स्तर शरीर में क्रॉनिक पेन का कारण बन सकता है, जो फाइब्रोमायल्जिया के मुख्य लक्षणों में से एक है।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी 

विटामिन डी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। अनजाने में एंटीबायोटिक्स की खोज से बहुत पहले डॉक्टरों ने संक्रमण का इलाज करने के लिए इस विटामिन का उपयोग करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, तपेदिक के रोगियों को सैनेटोरियम में भेजा जाता है, जहां उन्हें धूप के संपर्क में लाया जाता है। इससे सीधे संक्रमण को खत्‍म किया जा सकता है। तो, यदि आप लगातार वायरल संक्रमण से पीड़ित हैं, तो कम विटामिन डी का स्तर इसका कारण हो सकता है।

थकान और सुस्‍ती

हम अक्सर व्यस्त जीवनशैली या नींद की कमी के कारण थकान और थकान महसूस करते हैं। हालांकि, शोध में यह पता चला है कि शरीर में विटामिन डी की कमी भी थकान और सुस्‍ती का संकेत हो सकता है। थकान के साथ रोगियों पर विटामिन डी सप्‍लीमेंट के प्रभाव का अध्ययन करने वाले एक अध्ययन में विटामिन डी के स्तर के सामान्य होने के बाद थकान के लक्षणों में कमी देखी गई। विटामिन डी से भरपूर दस आहार

बालों का झड़ना 

ऐसे कई कारक हैं जो बालों के झड़ने को बढ़ावा दे सकते हैं, और विटामिन डी की कमी उनमें से एक है। इस विटामिन की कमी से उगने और टूटने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, जैसे- बालों का पतला होना और बालों का झड़ना आदि। विटामिन डी बालों के लिए एक आवश्‍यक पोषक तत्‍व है। और इसका उपयोग बिना किसी नुकसान के उपचार के उद्देश्य से सप्‍लीमेंट के रूप में किया जा सकता है।

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तनाव और अवसाद 

विटामिन डी एक अनूठा विटामिन है जो हमारे शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है, जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है। हमारी त्वचा में विटामिन डी संश्लेषित होने के बाद, यह डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को मुक्त करता है जो मस्तिष्क के कामकाज को प्रभावित करते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, विटामिन डी की कमी से चिंता, अवसाद हो सकता है। यह सिज़ोफ्रेनिया सहित मानसिक बीमारियों से भी संबंधित हो सकता है।

यदि आपके शरीर विटामिन डी की कमी के संकेत हैं, तो आप किसी अच्‍छे डॉक्टर से मिलने की योजना बनाएं जो आपके शरीर में इस विटामिन के स्तर का मूल्यांकन करेगा और आपको विटामिन डी की आवश्यक खुराक निर्धारित करेगा।

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