कई पुरुषों की आदत होती है कि वो कपड़े पहनने के बजाय तौलिया लपेट कर बैठे रहते हैं। उन्हें लगता है कि उन्होंने बहुत सही चीज पहनी हुई है जिससे उन्हें कोई नुकसान भी नहीं होगा। लेकिन आपको बता दें कि जिस तौलिये को आप अपने कपड़े से भी ज्यादा साफ समझते हैं वो आपकी टॉयलेट से भी ज्यादा गंदा रहता है। एकदम सही सुन रहे हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में साफ हुआ है कि घरों में इस्तेमाल होने वाले टॉवल्स में टॉयलेट से भी ज्यादा जर्म्स होते हैं। युनिवर्सिटी ऑफ अरिजोना की एक रिसर्च के मुताबिक, तौलिए में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और जर्म्स कई बीमारियों को जन्म देते हैं। ऐसे में टॉवल के इस्तेमाल में सावधानी बरतनी चाहिए।
रिसर्च में यह भी कहा गया है कि के मुताबिक, घरों में इस्तेमाल होने वाले बाथ टॉवेल, हैंड टॉवेल और किचन टॉवेल में सबसे ज्यादा जर्म्स होते हैं। जिसकी वजह से 89% डायरिया और फूड प्वॉइजनिंग होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि तौलिए में लंबे समय तक नमी बरकरार रहती है जिसके चलते वजह इनमें बैक्टीरिया के अधिक पनपने का डर रहता है।
अगर देखा जाए तो लोग आमतौर पर गीले तौलिए को बिस्तर पर छोड़ देते हैं या कंधे पर रखकर घूमते रहते हैं। घर में अक्सर जर्म्स होते हैं जो कि आसानी से तौलिए में आ जाते हैं। फिर तौलिये तक पहुंचने के बाद वो जर्म्स आप पर हमला करते हैं। एक बड़ा कारण तौलिए की ठीक से सफाई ना करना। लोग कई-कई दिन तक तौलिया नहीं धोते जिससे इसमें जर्म्स पनपने लगते हैं और बॉडी में चले जाते हैं।
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एक्सपर्ट की राय
- तीले तौलिये को सीधा धोने के लिए डाल दें। घर में हर सदस्य का तौलिया अलग ही होना चाहिए और किसी को दूसरे का तौलिया इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- कोशिश करें की हमेशा आपका तौलिया सूखा रहे।
- सप्ताह में कम से कम 3 बार अपने तैलिये को धोएं।
- तौलिया को हमेशा उच्च तापमान 90 डिग्री सेल्सियस पर धोना चाहिए ताकि धुलाई के दौरान सारे जर्म्स मर जाएं। अगर आपके पास धोने का समय नहीं है तो आप तौलिये को ड्राईक्लीन के लिए भेज सकते हैं।
- मुलायम तौलिएं का इस्तेमाल करना ज्यादा सही रहता है।
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