
Ways to Teach Kids Patience: बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता बच्चों में अच्छे संस्कार और गुण डेवलप करना चाहते हैं। बच्चों में शिष्टाचार, धैर्य रखना और बड़ों की इज्जत करने जैसे गुण विकसित करने से उनका व्यक्तित्व विकसित होता है। बचपन से ही इन गुणों के होने से आगे चलकर उनका व्यवहार लोगों के प्रति अच्छा रहता है और समाज में आदर्श बनते हैं। बच्चों को धैर्य रखना जरूर सिखाना चाहिए। ज्यादातर अभिभावक इसकी कोशिश तो करते हैं, लेकिन जानकारी या तरीके के बारे में पता न होने के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। तो आइए इस लेख में जानते हैं कि बच्चों में धैर्य रखना कैसे सिखाएं और इसके लिए बच्चे की परवरिश कैसे करें?
बच्चों को कैसे सिखाएं धैर्य रखना?- How to Develop Patience in Kids in Hindi
आज के समय में ज्यादातर पेरेंट्स को यह कहते हुए सुना गया है कि बच्चा ही तो है आगे चलकर सीख जाएगा। इस तरह का व्यवहार बच्चे के व्यक्तित्व को खराब कर सकता है और इससे आगे चलकर बच्चों में ऐसे गुण विकसित हो सकते हैं जो सही नहीं माने जाते हैं। बच्चे की बातों को अनसुना करना या टाल देना बहुत गलत होता है। मनोविज्ञानिक और पेरेंटिंग एक्सपर्ट भूमिका सच्चर कहती हैं कि बच्चों में धैर्य विकसित करने के लिए माता-पिता को प्रयास जरूर करने चाहिए।
इसे भी पढ़ें: क्या आपका बच्चा भी नहीं सुनता आपकी बात? जानें कैसे सुधारें उनकी ये आदत
आइये जानते हैं बच्चों में धैर्य विकसित करने के टिप्स-
1. बच्चे की भावनाएं और जरूरतें समझें
बच्चों की भावनाओं और जरूरतों की कद्र जरूर करनी चाहिए। इसके लिए आप बच्चे से चीजों को शेयर करना जरूर सिखाएं। इसके अलावा बच्चों में भी दूसरों की भावनाएं समझने और जरूरतों के प्रति सेंसिटिव होने के गुण सिखाएं। ऐसा करने से बच्चे में मदद करने का भाव विकसित होगा और भावनाओं और जरूरतों के अनुसार बच्चा चीजों को लेकर निर्णय लेगा। इससे धीरे-धीरे बच्चे में धैर्य रखने के गुण विकसित होंगे।
2. घर में शांतिपूर्ण माहौल रखें
घर के माहौल का असर बच्चे पर जरूर पड़ता है। बच्चे में धैर्य के गुण विकसित करने के लिए घर का माहौल शांतिपूर्ण बनाएं। ऐसा करने से शांत माहौल में बच्चे का मानसिक स्तर ठीक रहेगा और धैर्य रखना सीख जाएगा।
3. बच्चों पर चिल्लाएं नहीं
बच्चों की गलतियों पर चिल्लाने की वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से आपके बच्चे इरिटेट हो जाते हैं और उनमें चीजों के प्रति धैर्य नहीं रह जाता है।
4. बच्चों के साथ समय बिताएं
बच्चों के साथ समय बिताने से आपकी बॉन्डिंग मजबूत होती है और उनकी चीजों के बारे में आप सही ढंग से समझ सकते हैं। इससे आप उनसे चीजों के बारे में खुलकर बातचीत भी कर सकते हैं।
5. बच्चे की गलती उसे जरूर समझाएं
बच्चे द्वारा गलती करने पर उसे उसके बारे में समझाने से बच्चे के दिमाग पर सही असर पड़ता है। जब आप बच्चे की गलतियों पर उन्हें समझाते हैं और उनकी गलतियों से अवगत कराते हैं तो इससे उन्हें अपनी गलती का अहसास होता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों से दूर-दूर रहने या कम ध्यान देने का उन पर क्या असर पड़ता है? जानें अन-इंवॉल्वड पेरेंटिंग के बारे में
इन टिप्स को अपनाकर आप अपने बच्चे में धैर्य रखने के गुण विकसित कर सकते हैं। इसके अलावा पेरेंटिंग से जुड़ी किसी भी सवाल का जवाब जानने के लिए आप अपना सवाल कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें भेज सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
(Image Courtesy: Freepik.com)