यह कैंसर वंशानुगत नहीं होता है। गर्भाशय कैंसर ह्यूमन पैपिलोमेवायरस (एचपीवी) विषाणु के संक्रमण द्वारा होता है जो सर्विक्स को संक्रमित करता है। यह सामान्य विषाणु है तथा जननांग के संपर्क से संचरित होता है। इस विषाणु संक्रमण की रोकथाम अब टीकाकरण द्वारा संभव है।
गर्भाशय कैंसर से बचाव
- यूटेराइन कैंसर से बचने के लिए मोटापा कम होना जरूरी है। शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी गर्भाशय कैंसर का कारण हो सकता है।
- जिन महिलाओं में मासिक धर्म की जल्दी शुरु होता है, या देर से रजोनिवृत्ति होती है और जिन महिलाओं ने अपने जीवन में बच्चे को जन्म नहीं दिया है वे गर्भाशय के कैंसर के विकास के लिए अतिरिक्त खतरे में होती हैं इसलिए नियमित जांच करानी चाहिए और गर्भाशय में किसी भी प्रकार का असामान्य परिवर्तन होने पर शीघ्र निदान सुनिश्चित करना चाहिए।
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- धूम्रपान करने वाली महिलाएं ओवेरियन कैंसर की चपेट में जल्दी आ सकती हैं। इसलिए धूम्रपान व नशे के सेवन से बचें।
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- सुरक्षित संबंध नारीत्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, फिर यह सुरक्षा सर्विकल कैंसर के अर्थ में और भी अहम हो जाता है। भारत में महिलाओं की कैंसर से मृत्यु मुख्यतः सर्विकल कैंसर (स्तन कैंसर से अधिक) के कारण होती है।
- समय पर खाना खाएं, सुबह व शाम व्यायाम के बाद नियमित जांच कराएं।
- कम उम्र में न हो लड़कियों की शादी।
- बच्चे दो से न हो ज्यादा, उसके बाद कराएं बंध्याकरण।
- 21 से 60 साल की उम्र तक की महिलाओं को करानी चाहिए नियमित जांच।
उपरोक्त बातों का खयाल रखते हुए आप इस कैंर के जोखिम को काफी हद तक टाल सकते हैँ। साथ ही आपको किसी भी प्रकार के कैंसर से बचने के लिये एक्टिव जीवनशैली और पौष्टिक डाइट का पालन करना चाहिये।
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