
विटामिन 'ए' हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी विटामिन हैं। इसकी कमी से कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती है लेकिन हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार विटामिन 'ए' की कमी के कारण आपको टीबी भी हो सकती है।
विटामिन 'ए' हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी विटामिन हैं। इसका सेवन आंखों, मसल्स, हड्डियों और ब्लड में कैल्शियम का स्तर सही रखने में बहुत फायदेमंद होता हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए अनेक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जिसमें से विटामिन 'ए' हमारी त्वचा, बाल, नाखूनों आदि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। यानी फैट में घुलनशील विटामिन 'ए' शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। लेकिन विटामिन की कमी दिल, अस्थमा, डायबिटीज जैसे रोगों का कारण बन सकता है। लेकिन हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार विटामिन 'ए' की कमी के कारण आपको ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी भी हो सकती है।
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क्या कहता है शोध
रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों में विटामिन ए का स्तर कम रहता है उनमें सामान्य लोगों की तुलना में टीबी होने का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। शोध में ये भी पाया गया कि विटामिन 'ए' की सही खुराक मिलने पर ट्यूबरक्लोसिस को बढ़ने से रोका जा सकता है। आपको बता दें, दुनियाभर में बीमारियों से होने वाली मौतों में से टीबी एक है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
अमेरिका के बोस्टन में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की प्रोफेसर मेगन मरे का कहना है कि अगर शरीर में विटामिन 'ए' की मात्रा सही रहती है तो टीबी होने का खतरा टल सकता है। क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीजेज में पब्लिश हुई इस रिसर्च में पेरू के लीमा में 6000 से अधिक लोगों के ब्लड सैंपल लेकर विश्लेषण किया गया।
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जानलेवा बीमारी टीबी
टीबी एक जानलेवा बीमारी है, हालांकि एक समय पर महामारी के रूप में फैली इस बीमारी का आज इलाज संभव है, लेकिन फिर भी यह एक घातक बीमारी होती है। इस रोग के उत्पन्न होने का सबसे बड़ा कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया होता है। यह एक तरह का संक्रामक रोग है। इसके जीवाणु दूषित पानी या मिट्टी में पाए जाते हैं। इसलिए दूषित जगहों पर टीबी के ज्यादा मरीज पाए जाते हैं। ट्यूबरक्यूलोसिस का बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से जैसे-किडनी, मेरुदंड, दिमाग पर अटैक कर सकते हैं। और अगर इसका जल्द से जल्द इलाज नहीं कराया गया तो यह घातक हो सकता है।
विटामिन 'ए' के स्रोत
गाजर, चुकंदर, शलजम, शकरकंद, मटर, टमाटर, ब्रोकली, कद्दू, साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, धनिया, गिरीदार फल, पीले या नारंगी रंग के फल, आम, तरबूत, पपीता, चीकू, पनीर, सरसों, राजमा, बींस, अंडा आदि इन सभी में उचित मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है।
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