विराट कोहली की फिटनेस ट्रेंनिंग का हिस्सा है 'बैलेस्टिक ट्रेनिंग' और 'बैंडेड जंप', जानें इसे करने का सही तरीका

एक अध्ययन के अनुसार, कोई भी अपने ट्रेनिंग में कुछ बैलिस्टिक अभ्यास जोड़कर अपनी स्ट्रेंथ और एनर्जी को बढ़ा सकता है।
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विराट कोहली की फिटनेस ट्रेंनिंग का हिस्सा है 'बैलेस्टिक ट्रेनिंग' और 'बैंडेड जंप', जानें इसे करने का सही तरीका

फिटनेस जीवन के हर पहलू के लिए बेहद जरूरी है। आज नेता हो, अभिनता हो या कोई स्टार खिलाड़ी , हर कोई हेल्थ से जुड़े मुद्दों को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। हाल ही में क्रिकेटर विराट कोहली ने बैलिस्टिक और बैंडिंग जंप नामक शक्ति प्रशिक्षण का एक रूप देकर अपने फिटनेस खेल को आगे बढ़ाया है। उनके कोच निक वेबबी द्वारा इंस्टाग्राम पर साझा किए गए वीडियो में वे ये करते हुए नजर आ रहे हैं। 31 वर्षीय विराट को पहले वीडियो में लेटे हुए मेडिसिन बॉल पार्टनर चेस्ट-पास का प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है और दूसरे में बैंडेड साइड-जंप कर रहे हैं। वहीं खिलाड़ियों और फिट रहने वाले व्यक्तियों को इस तरह की बैलिस्टिक ट्रेनिंग और बेडेंड जंप्स स्टेमिना बनाने और बॉडी बैंलेस बढ़ाने में मदद करती है। आइए जानते हैं इन दोनों फिटनेस ट्रेनिंग के बारे में।

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बैलेस्टिक ट्रेनिंग (Ballistics training) 

शरीर की एनर्जी और स्टेमिना बढ़ाने के लिए, बैलिस्टिक बैलेस्टिक ट्रेनिंग में वेट को फेंकना और इसे लेकर कूदना आदि शामिल होता है। यह एथलीटों को खेल के माहौल की नकल करने में मदद करता है जैसे कि क्रिकेट, बास्केटबॉल और टेनिस के मामले में जहां किसी को किसी वस्तु को फेंकने या तुरंत वापस फेंकने के लिए तेजी लाने की आवश्यकता होती है। जर्नल ऑफ स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग रिसर्च में प्रकाशित 2008 के एक अध्ययन के अनुसार, कोई भी अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुछ बैलिस्टिक अभ्यास जोड़कर अपनी शक्ति और बल बढ़ा सकता है। पारंपरिक शक्ति ट्रेनिंग के विपरीत, जहां आप एक समय में एक ही मांसपेशी पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं, वहीं बैलिस्टिक व्यायाम में एक साथ विभिन्न मांसपेशियों पर काम शामिल होता है। ये शरीर को प्रशिक्षित करने के लिए न केवल कोर में उत्पादित शक्ति का उपयोग करते हैं, बल्कि हाथ या पैर सहित पूरे शरीर में इसे पास करने में मदद करते हैं, जो कि स्प्रिंटिंग, थ्रोइंग, किकिंग में अच्छा प्रफॉर्म करने में मदद कर सकता है।

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अगर किसी की खेल क्षमता या प्रदर्शन को सीधे शक्ति प्रशिक्षण द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है, ये प्रशिक्षण खेल में भागीदारी के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है क्योंकि यह उनकी चपलता को बढ़ाता है। वहीं विशेषता की बात करें, तो ये कई मायनों में फायदेमंद हैं, जैसे

  • -ये शरीर के भार को बैलेंस करने में मदद करता है।
  • -ये स्टैमिना और स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ आपको चपल बनाता है।
  • -खिलाड़ियों के लिए ये प्रमुख रूप से ध्यान और शक्ति को बैलेंस करने में मदद करता है।
  • -इस ट्रेनिंग से शरीर की सभी मांसपेशियों की एक्सरसाइज की जा सकती है।

बैंडेड जंप (Banded Jumps)

कोहली को बैंडेड जंपर्स या बैंड-असिस्टेड जंप्स के रूप में देखा जा सकता है, जिन्हें बैंडेड साइड-जंप कहा जाता है। इसे पैरों की गति बढ़ाने के लिए वेग विकसित करने के तरीके के रूप में जाना जाता है। बैंड को अपने बगल में खींचने के कारण, उसके कूदने पर, पैरों को शरीर के वजन के रूप में ले जाने की जरूरत नहीं होती है, जो तेजी से अधिक ताकत विकसित करने में मदद करता है। मुख्य घटक प्रत्येक छलांग की ओर शरीर को प्रेरित करने के लिए गुरुत्वाकर्षण की शक्ति का दोहन करना होता है। बैंड-असिस्टेड जंपर्स को प्रशिक्षण सत्र से पहले या डायनेमिक वार्म-अप के बाद सहित कई तरीकों से दैनिक दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। वे एक एथलेटिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। साथ ही ये फैट जलाने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

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यह कैसे करना है

    • -जब तक बैंड तना हुआ हो, तब तक बगल में चलते रहें लेकिन इसे फैलाए नहीं।
    • -लगभग हिपकी चौड़ाई की दूरी से थोड़ा ज्यादा पैर फैलाएं।
    • -शुरू करने के लिए अपने शरीर को एक जोरदार गति में घुमाएं।
    • -कोशिश करें और वजन के साथ एक एथलेटिक स्थिति में उतरें, ताकि आप को खींचने की कोशिश कर रहे बैंड के प्रतिरोध में मदद मिल सके।
    • - अंत में अपनी सांस की गति का ख्याल रखते हुए शक्ति प्रशिक्षण पर ध्यान दें।

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