आपका खानपान बहुत हद तक आपकी सेहत को प्रभावित करता है। स्वस्थ लोगों में गलत खानपान का असर तो देर से दिखता है, लेकिन जो लोग किसी बीमारी का शिकार होते हैं, उनमें ये असर बहुत जल्दी दिखता है। आज हम बात करेंगे अर्थराइटिस या गठिया रोग (arthritis) से पीड़ित लोगों की डाइट के बारे में। गठिया रोग में छोटी से लेकर बड़ी हड्डियों के जोड़ों पर दर्द रहता है। इन दिनों बहुत से युवाओं में भी ये बीमारी आम होती जा रही है। जोड़ों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- शरीर का बहुत ज्यादा वजन होना, जोड़ों में यूरिक एसिड का जमा हो जाना आदि। ज्वाइंट्स में होने वाले दर्द को कम करना का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने खानपान पर गौर करें। (balanced diet)। हालांकि यहां यह भी बता दें कि केवल डाइट काफी नहीं है, जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आपको व्यायाम का साथ नहीं छोड़ना है।
गलन भरे दिनों में आपको दर्द सताने लगा है तो इस बात पर ध्यान दें कि आप क्या खा रहे हैं। वैसे तो सब्जियां हमारी सेहत के लिये फायदेमंद मानी जाती हैं पर कुछ सब्जियां ऐसी भी हैं जिन्हें गठिया रोग से पीड़ित लोगों को संभलकर खाना चाहिये। इसके अलावा कुकिंग स्टाइल पर भी ध्यान दें। खाना पकाने का तरीका भी आपकी सेहत पर बड़ा असर डालता है। अर्थराइटिस पेशेंट्स को किन सब्जियों से दूरी बनानी चाहिये इस बात को समझने के लिये हमने बात की लखनऊ स्थित वेलनेस डाइट क्लीनिक की डाइटीशियन डॉ स्मिता सिंह से। आइये समझते हैं ज्वाइंट्स पेन में आपको क्या नहीं खाना है।
आलू-गाजर से बढ़ती है शुगर (high sugar vegetable)
जोड़ों में दर्द का बड़ा कारण है वजन बढ़ना। अगर आप चीनी कम नहीं करेंगे तो परेशानी बढ़ती जायेगी। अगर सामान्य डाइट लेने के बाद भी आपका वजन नहीं घट रहा तो ध्यान दें कि कहीं आप मीठी सब्जियां तो नहीं खा रहे हैं। जी हां। सब्जियों में भी शुगर की मात्रा पाई जाती है। कुछ सब्जियों में ज्यादा शुगर होती है इसलिये उन्हें अर्थराइटिस रोगियों को नहीं खाना चाहिये। आलू और गाजर में भारी मात्रा में शुगर होता है इसलिये ये दोनों सब्जियां से कई मीठी चीजें बनाई जाती हैं पर ज्वाइंट्स में पेन है तो इनसे दूरी बनाकर चलें। गाजर को सलाद में कच्चा खा सकते हैं पर इन्हें पकाकर खाना आपके लिए ठीक नहीं। बीटरूट (चुकंदर) को भी सलाद में खा सकते हैं पर इसकी पकी हुई सब्जी आपके शरीर में शुगर लेवल बढ़ा देगी। शुगर लेवल बढ़ने से आपके शरीर में साइटोकिन्स कैमिकल बनने लगता है जिससे आपके शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ता है और दर्द भी बढ़ता है। सूजन भी जोड़ों के दर्द के लिये जिम्मेदार है। इसलिये आपको मीठी और ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली सब्जियों को नहीं खाना है ताकि आपका वजन नियंत्रण में रहे। इनके अलावा प्याज, हरी मटर, स्वीटकॉर्न, कद्दू में भी शुगर पाई जाती है।
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पत्तेदार सब्जियों में मिलने वाला नमक बढ़ा सकता है दर्द
नमक के बिना कोई भी खाने का मजा हमें नहीं आता पर क्या आपने कभी ध्यान दिया कि शरीर में सोडियम बढ़ने का क्या असर हो रहा है। दरअसल सोडियम का लेवल बढ़ने से भी जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है पर इसे पूरी तरह से छोड़ना मुमकिन नहीं है। ऐसी कई सब्जियां है जिनमें नेचुरल सॉल्ट होता है। जितनी भी पत्तेदार सब्जियां हैं जैसे पत्तागोभी, पालक, बथुआ, हरा साग। इन सब में सोडियम थोड़ी मात्रा में होता है इसलिये इन्हें खाने के लिये vegetable leaching method का इस्तेमाल करें। इस प्रॉसेस में सब्जियों को उबालकर खाया जाता है। ऐसा करने से सब्जियों का नेचुरल सॉल्ट अपने आप कम हो जाता है। अर्थराइटिस में पूरी तरह से इन सब्जियों को खाना नहीं छोड़ सकते क्योंकि इनमें फाइबर होता है। अगर आप फाइबर डाइट नहीं लेंगे तो आपको वजन घटाने में मुश्किल होगी। इस कारण से सही मात्रा में इन सब्जियों का सेवन करना भी जरूरी है। अर्थराइटिस में प्रिजर्वेटिव वाले फूड (डिब्बाबंद-पैकेटबंद-फ्रोजन सब्जियां) लेने से भी बचें। बाहर का खाना या फास्ट फूड में भी ढेर सारा नमक मिलाया जाता है जो अपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है।
नींबू से जुड़े मिथ पर करें गौर
डॉ. स्मिता ने बताया कि अर्थराइटिस से जुड़ा एक मिथ है कि नींबू नहीं खाना। जबकि नींबू में विटामिन सी (vitamin c) होता है। भले ही आप कम खाओ पर नींबू खाना पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिये। सलाद में नींबू निचोड़कर खायें। आंवला, संतरा भी विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं आप इन्हें भी खा सकते हैं।
पोटैशियम की मात्रा ज्यादा है तो न खायें टमाटर
टमाटर (tomato) को लेकर भी बड़ा मिथ ये है कि हमें गठिया रोग में टमाटर नहीं खाना चाहिये। जबकि उसका (joint pain) से कोई लेना-देना नहीं है। टमाटर में पोटैशियम पाया जाता है। हमारे शरीर में पोटैशियम का स्तर अगर ज्यादा है तो किडनी से जुड़ी परेशानी होने लगती है। इसलिये जिन लोगों को डॉक्टर पोटैशियम स्तर कम करने की सलाह दे वे टमाटर न खायें। अर्थराइटिस के मरीजों के लिये टमाटर से कोई परहेज नहीं है। इसके साथ ही जोड़ो के दर्द को काबू में रखने के लिये यूरिक एसिड को नियंत्रण में रखें। यूरिक एसिड बढ़ने से छोटे ज्वाइंट्स जैसे उंगलियों में दर्द उठने लगता है। इसे ठीक रखने के लिये दूध के उत्पादों (dairy products) को खायें। कैलशियम खाने से शरीर में यूरिक एसिड का लेवल ठीक रहता है।
इन नुस्खों को अपनाने से नहीं सतायेगा जोड़ों का दर्द
- -लोग सोचते हैं कि अर्थराइटिस में व्यायाम दर्द बढ़ा सकता है जबकि ऐसा नहीं है। आप हल्के व्यायाम से शुरूआत करें। जोड़ों के दर्द में ब्रिस्क वॉक, स्विमिंग, साइक्लिंग बहुत अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है।
- -सब्जियों को तलने या भुनने की बजाय उन्हें उबालकर खायें। सही कुकिंग मेथड (cooking method) का सेहत पर अच्छा असर होता है।
- -थोड़ी देर धूप में जरूर बैठें। विटामिन डी (vitamin d) आपकी हड्डियों के लिये फायदेमंद होता है। इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी।
- -ऐसे आहार जिससे आपके शरीर में सूजन बढ़ाएं उन्हें लेने से बचें। अदरक और हल्दी आपके शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी को दूध और अदरक को चाय में डालकर ले सकते हैं।
- -शराब और धूम्रपान सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। और अगर आपको पहले ही कोई बीमारी है, तब तो इसे लेने से आपके लिए कई जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए अगर ऐसी आदत आपको है तो आज ही इसे छोड़ दें।
- -वजन को नियंत्रित करें। ज्यादा वजन होगा तो आपके घुटनों और कूल्हों पर दबाव पड़ेगा। (control weight)
- -फ्रिज से कोई भी चीज निकालकर तुरंत न खायें। उसे सामान्य तापमान में आने का समय दें तब आप उसे खा सकते हैं। ऐसा करने से वजन कंट्रोल रहता है।
किन सब्जियों या आहार से आपके शरीर में फर्क पड़ रहा है ये देखने के लिये कुछ समय तक वो सब्जी या आहार खाना बंद कर दें। इससे आप जान पायेंगे कि कहीं कोई चीज आपको नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है। कोई भी दिक्कत हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
Written by Yashaswi Mathur
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