बच्चों को गंभीर रोगों से बचाने के लिए जरूरी है कि उनका टीकाकरण सही समय पर करवाया जाए। इन टीकों की मदद से बच्चों के शरीर की रोग से लड़ने की शक्ति बढती है। टीकाकरण से बच्चों मे कई सक्रांमक बीमारियों की रोकथाम होती है। आमतौर पर बच्चों को टीके लगवाने की सुविधा लगभग हर सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होती है। अगर आपके आसपास यह सुविधा नहीं है तो आप किसी प्राइवेट डॉक्टर की मदद से इन टीकों को जरूर लगवाएं। यह आपके बच्चे को जीवनभर कई गंभीर और संक्रामक बीमारियों से दूर रखेगा। आइए जानें बच्चों का लगाए जाने वाले महत्वपूर्ण टीकों के बारे में।
हेपेटाइटिस बी
बच्चों के हेपेटाइटिस बी का टीका बहुत जरूरी है। अस्पताल से निकलने से पहले बच्चों को यह टीका लगवाना ना भूलें और इसकी अगली डोज एक या दो महीने में लगवाएं और तीसरी छ से आठ महीने में लगवाना जरूरी है। इस टीके बच्चा लिवर में इंफेक्शन फैलाने वाले वायरस से बचेगा। अगर मां को हेपेटाइटिस बी है तो बच्चे का जन्म होने पर उसे भी यह समस्या हो सकती है।
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डिप्थेरिया
डीटीएपी का टीका बच्चों को डिप्थेरिया के खतरे से बचाता है। यह ऐसा संक्रमण है जो श्वसन प्रणाली (फेफड़ों), गला, मुंह या त्वचा के घावों को प्रभावित करता है। यह जीवाणु से उत्पन्न होता है। कोरिनेबेक्टीरियम डिप्थेरिया और कफ के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह फैलता है। इसके अतिरिक्त जीवाणु एक प्रकार के जीव विष को जन्म देता है जिससे हृदय की पेशियों में सूजन आ सकती है अथवा स्नायु तंत्र की खराबी हो सकती है।
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खसरा
9 माह में बच्चे को खसरे का टीका लगाया जाता है। 15 माह की उम्र में एमएमआर का टीका लगाया जाता है। यह टीका भी तीन बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है : एम - खसरा, एम - मम्पस (गलसुए), आर - रूबेला।
चिकनपॉक्स
यह टीका बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी जरूरी है। इसमें एक-दो दिन हल्के बुखार के बाद शरीर में मसूर जितने छोटे-छोटे दाने आने लगते हैं। शुरुआत में यह छाती, पेट व पीठ में आते हैं फिर चेहरे, व हाथ-पैर पर भी दिखने लगते हैं। बच्चों में यह टीका 12 से 15 महीने पर लगाया जाता है।
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पोलियो
बच्चों को पोलियो का टीका लगवाना जरूरी है। पोलियो के टीके की मदद से बच्चों में आइपीवी नामक वायरस को खत्म किया जाता है। यह टीका बच्चों को दो महीने, चार महीने, छ से आठ महीने या चार से छ साल के बीच में लगाया जाता है।
निमोनिया
बच्चों में निमोनिया बदलते मौसम के कारण भी हो सकती है, खास कर सर्दी के मौसम में। तो यदि बच्चे को पहले से ही टीका लगवा दिया जाए, तो काफी सीमा तक निमोनिया होने का खतरा समाप्त हो सकता है। बाजार में उपलब्ध यह टीका लगवाने पर बच्चे को खतरा भी नही रहता है। क्योंकि यह टीका विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्युएचओ) के मानक के अनुरूप ही तैयार किया गया है।
टिटनस
बच्चों को टिटनस का टीका लगवाने से वे बैक्टेरिया से बचे रहते हैं। टिटनस एक खतरनाक बीमारी है जो टेटेनी नाम के बैक्टेरिया से होती है और ये त्वचा पर खरोंच, चोट, कटने आदि से होती है।
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