
क्या आपको भी पिज्जा, बर्गर, फ्रेच फ्राइज, नूडल्स और फ्राइड टिक्की, मोमोज, सोडा ड्रिंक्स आदि बहुत पसंद हैं? युवाओं और बच्चों में इन दिनों इस तरह के फूड्स का काफी क्रेज देखा जाता है। कई लोगों को तो शाम होते ही या वीकेंड्स पर बाहर जाते ही इन फूड्स की क्रेविंग होने लगती है। ये तो आप पहले से ही जानते हैं कि इन फूड्स का ज्यादा सेवन नुकसानदायक होता है, लेकिन शायद ये बात आपके लिए नई होगी कि जंक फूड्स के सेवन से आपका शरीर तेजी से बूढ़ा होने लगता है। तो अगर जंक फूड्स को देखते ही आपके मुंह में पानी आ जाता है या फिर आपको अक्सर इन चीजों की क्रेविंग होती है, तो आपको वक्त रहते सावधान हो जाना चाहिए।
जंक फूड्स की क्रेविंग होती है तो ध्यान दें
कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब लोग इन जंक फूड्स को बाहर जाकर नहीं खा पा रहे थे, तो घर पर ही बनाकर खूब खाया गया। कुल मिलाकर रेस्टोरेंट्स वाले जंक फूड्स में बहुत सारे एडिक्टिव चीजें मिलाई जाती हैं, जिसके कारण एक बार खाने पर आपको बार-बार इनकी क्रेविंग होती है। लेकिन इनका ज्यादा सेवन आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ये फूड्स वजन बढ़ाते हैं और कैंसर, डायबिटीज, कुपोषण जैसी बीमारियों का खतरा तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही साथ आपके शरीर को तेजी से बूढ़ा भी बनाते हैं।
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जल्दी मौत का खतरा बढ़ाते हैं जंक फूड्स
एक नई रिसर्च के अनुसार अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड्स खाने से आपका शरीर तेजी से बूढ़ा होता है और जल्दी मौत का खतरा बढ़ता है। अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड्स वो होते हैं, जिन्हें बनाने में बहुत ज्यादा तेल, फैट, शुगर, स्टार्च, नमक और प्रोटीन आदि का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर ये फूड्स रिफाइंड इंग्रीडिएंट्स से बने होते हैं, जिसके कारण इनमें शरीर के लिए पोषक तत्व बहुत कम मात्रा में होते हैं। इन फूड्स को स्वादिष्ट और खूबसूरत के साथ-साथ खराब होने से बचाने के लिए इन्हें बनाते समय इनमें आर्टिफिशियल फ्लेवर, कलर, इमल्सिफायर, प्रिजर्वेटिव्स और अन्य चीजें मिलाई जाती हैं। और यही सारी चीजें इन्हें अनहेल्दी बनाती हैं।
DNA तक में बदलाव कर सकते हैं प्रॉसेस्ड फूड्स
आपको जानकर हैरानी होगी कि अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन आपके डीएनए तक में बदलाव कर सकता है। मोटापे पर हुए यूरोपियन एंड इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिकों ने बताया कि एक दिन में 3 सर्विंग से ज्यादा अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड्स खाने से क्रोमोसोम्स के छोर पर मौजूद टेलोमेयर्स की लंबाई घट जाती है। टेलोमेयर्स की लंबाई कम होना सेल्युलर लेवल पर व्यक्ति की बायलॉजिकल उम्र बढ़ने का संकेत हैं। इसका अर्थ है कि भले ही व्यक्ति की वास्तविक उम्र काफी कम हो, मगर उसके शरीर में अपेक्षाकृत ज्यादा उम्र में होने वाले बदलाव दिखने लगते हैं। कुल मिलाकर आसान भाषा में समझें तो व्यक्ति अपनी उम्र से ज्यादा बूढ़ा नजर आने लगता है।
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तेजी से बूढ़ा होने लगता है शरीर
इंसानों की सभी सेल्स में क्रोमोसोम्स के 23 जोड़े होते हैं, जिनमें जेनेटिक कोड होता है। इन क्रोमोसोम्स से लगे हुए टेलोमेयर्स वैसे तो कोई जेनेटिक सूचना नहीं रखते हैं, लेकिन इनके कारण ही क्रोमोसोम्स को स्थिरता मिलती है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, उसके टेलोमेयर्स सेल्स के बंटने के कारण छोटे होते जाते हैं। लेकिन नई रिसर्च के अनुसार प्रॉसेस्ड फूड्स खाने वालों में ये बदलाव प्राकृतिक गति की अपेक्षा बहुत तेजी से बढ़ जाती है, जिसके कारण व्यक्ति बूढ़ा लगने लगता है।
जंक फूड्स के अन्य खतरे
इस खतरे के अलावा भी जंक फूड्स खाने के ढेर सारे खतरे हैं, जिसके कारण व्यक्ति के शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जैसे- टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा, कैंसर, किडनी में पथरी, लिवर सिरोसिस, हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि।
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