खानपान का सेहत पर कितना असर पड़ता है, ये बात आपसे छुपी नहीं है। सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि आधी से ज्यादा गंभीर बीमारियों का कारण गलत लाइफस्टाइल और गलत खानपान होता है। पिछली एक सदी में दुनिया में जो बीमारियां सबसे तेजी से बढ़ी हैं, वो हैं- डायबिटीज, हार्ट अटैक और कैंसर। दुनियाभर में 80% से ज्यादा लोग सिर्फ इन 3 बीमारियों के कारण ही मरते हैं। हाल में आया कोरोना वायरस भी जिन लोगों की मृत्यु का कारण बन रहा है, उनमें इन 3 बीमारियों के रोगियों की संख्या बहुत ज्यादा है। वैज्ञानिकों ने एक नई स्टडी में पाया है कि इन तीनों ही बीमारियों का सबसे बड़ा कारण प्रॉसेस्ड फूड है।
क्या होते हैं प्रॉसेस्ड फूड्स?
अगर आप नहीं जानते हैं कि प्रॉसेस्ड फूड्स क्या होते हैं, तो हम आपको बताते हैं। प्रॉसेस्ड फूड्स का अर्थ है, ऐसे आहार- जिन्हें स्वादिष्ट बनाने के चक्कर में तेज तापमान, भारी दबाव, मशीनों आदि से गुजारा जाता है। सबसे पॉपुलर प्रॉसेस्ड फूड्स हैं- ब्रेड, चिप्स, ब्रेकफास्ट सीरियल्स (कॉर्न फ्लेक्स, म्यूसली, चोको चिप्स), चीज़, बटर, मैदा, माइक्रोवेव किए गए आहार, पैकेटबंद चीजें (चिप्स, नमकीन, पफ्स, नमक वाले अन्य स्नैक्स), पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक आदि।
इन प्रॉसेस्ड फूड्स को भले ही गेंहूं, चावल, ओट्स, कॉर्न, चने की दाल जैसे अनाजों या दालों से बनाया जाता हो, मगर प्रॉसेसिंग के दौरान इसके सभी पोषक तत्व निकल जाते हैं। इसलिए जब आप कोई प्रॉसेस्ड फूड खाते हैं, तो असल में आपको सिर्फ स्वाद मिलता है, पोषण नहीं।
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वैज्ञानिकों का दावा- प्रॉसेस्ड फूड से घटती है इंसान की जिंदगी
ओटैगो यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में बताया गया है कि प्रॉसेस्ड फूड्स में फाइबर बिल्कुल नहीं होता है। जबकि हमारे शरीर के लिए फाइबर इतना जरूरी है कि यही हमारे शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार फाइबर वाले फूड्स के सेवन से आप ज्यादा दिन तक जीवित रह सकते हैं। जबकि प्रॉसेस्ड फूड्स के सेवन से व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है, जिसके कारण उसका जीवन लंबा नहीं हो सकता है।
Plos Medicine नामक जर्नल में छपे इस अध्ययन के लिए 8,300 लोगों का डाटा इकट्ठा किया गया, जो टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के शिकार थे। इन लोगों पर हुए अध्ययन में पता चला कि जो लोग अपने खाने में ज्यादा फाइबर लेते थे, उनके ब्लड शुगर में कमी थी, लेकिन जो लोग प्रॉसेस्ड आहार लेते थे, उनका रोग और अधिक बढ़ता गया।
हर रोज जरूरी है 19 ग्राम फाइबर
प्रमुख अध्ययनकर्ता और National Heart Foundation के मेडिसिन विभाग के डॉ, एंड्र्यू रेनॉल्ड्स कहते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति को हर रोज कम से कम 19 ग्राम फाइबर रोज जरूर खाना चाहिए। ऐसे लोग जो रोजाना 35 ग्राम से ज्यादा फाइबर खाते हैं, उनमें समय से पहले मौत का खतरा 35% तक कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा फाइबर के लिए आप ज्यादा से ज्यादा साबुत अनाज, लेग्यूम्स (दाल, राजमा, चना, बीन्स आदि), सब्जियां और कच्चे फल खाइए।
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खाने की आदतें बदलें, स्वस्थ जीवन जिएं
डॉ. एंड्र्यू आगे कहते हैं कि अगर आप अपने सेहत को लेकर चिंतित हैं, तो अपने खाने में फाइबर को ज्यादा से ज्यादा शामिल करने के नए तरीके खोजिए। अगर आप अभी सफेद ब्रेड खाते हैं या मैदे से बनी चीजें खाते हैं, तो अगली बार होलग्रेन ब्रेड खरीदिए और मैदे की जगह आटे का प्रयोग किजीए। व्हाइट राइस की जगह ब्राउन राइस खाइए और ब्राउन पास्ता ट्राई कीजिए। अपने खाने में हर रोज कम से कम 1 कटोरी लेग्यूम्स (दाल, राजमा, चना, बीन्स) आदि को जरूर शामिल करें। फ्रोजन की जगह ताजी सब्जियों का प्रयोग करें।
Inputs From ANI News
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