हल्दी, जिसे गोल्डन मसाले के रूप में भी जाना जाता है और जो आपके खाने को एक अच्छा पीला रंग देती है, कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है। यह तो लगभग सभी जानते होंगे कि हल्दी आपकी कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद कर सकती है। लेकिन हल्दी और काली मिर्च का कॉम्बीनेशन आपके लिए काफी अच्छा हो सकता है। क्योंकि हल्दी और काली मिर्च दोनों ऐसे घटक हैं, जिनमें प्रमुख सक्रिय तत्व होते हैं, जो इन्हें बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। हल्दी और काली मिर्च दोनो रसोई मे मौजूद ऐसी सामाग्रियां हैं, जो एंटी इंफ्लामेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और डिजीज फाइटिंग गुणों से भरपूर हैं। आइए यहां हम आपको बताते है कि क्यों और कैसे यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।
हल्दी में है करक्यूमिन
हल्दी में सबसे प्रभावी और महत्वपूण तत्व होता है करक्यूमिन, जिसे करक्यूमिनोइड्स भी कहा जाता है। करक्यूमिन एक सक्रिय तत्व है और इसमें एंटी कैंसर गुण भी होता है, जो कैंसर से लड़ने में मददगार है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पॉलीफेनोल के रूप में सेहत के लिए कई फायदे देता है। यह एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं।
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काली मिर्च में है पेपराइन
काली मिर्च में पाया जाने वाला आपकी कई बीमारियों में मदद करता है। पेपराइन एक बायोएक्टिव कंपाउंड है, जो कैप्साइसिन की तरह एक क्षारीय होता है। पेपराइन काली मिर्च में पाया जाने वाला एक सक्रिय घटक है।
पेपराइन पाचन में सुधार, मतली और कई अन्य समस्याओं से राहत देने में मदद के लिए जाना जाता है। क्योकि यह भी हल्दी में मौजूद करक्यूमिन की तरह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर है।
हल्दी और काली मिर्च का कॉम्बीनेशन क्यों है बेस्ट?
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि जब यह दोनों ही घटक स्वास्थ्य के लिए इतने प्रभावी हैं, तो इनका अलग-अलग इस्तेमाल करना भी तो फायदेमंद हो सकता है। आपका सोचना बिलकुल सही है, हालांकि, हल्दी और काली मिर्च को अकेले भी इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इनका कॉम्बीनेशन क्यों बेस्ट इसका जवाब डा. स्वाती बथवाल यहां बता रही हैं। इंटरनेशनल र्स्पोट्स डायटीशियन स्वाती बताती हैं, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन की सबसे बड़ी कमी यह है कि यह शरीर में अच्छी तरह से अवशोषित नहीं होता है। जबकि, काली मिर्च को हल्दी के साथ उपयोग करने से यह करक्यूमिन के अवशोषण को बढ़ावा देती है।
हल्दी और काली मिर्च के कॉम्बीनेशन के फायदे
इंफ्लमेशन और दर्द से राहत पाने में मददगार
हल्दी और काली मिर्च, इन दोनो को मिलाने से यह एक शक्तिशाली मिश्रण बनता है, जो इंफ्लमेशन को कम करने और दर्द से राहत पाने में मददगार हो सकता है। हल्दी के करक्यूमिन में मजबूत विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं। यह इम्युनिटी को बूस्ट करने से लेकर गठिया के दर्द और इंफ्लमेशन को कम करने में सहायक हैं। क्योंकि पेपराइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ एंटी-आर्थ्रिटिक गुण भी होते हैं।
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इम्युनिटी बूस्टर है हल्दी और काली मिर्च
डा. स्वाती बथवाल बताती हैं कि कच्ची हल्दी और काली मिर्च आपकी इम्युनिटी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका हो सकते हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि आप जब भी जितनी भी मात्रा में हल्दी का इस्तेमाल चाय, दूध या हल्दी वाले पानी के रूप में करते हैं, तो उसके साथ काली मिर्च पाउडर डालना न भूलें। ऐसा इसलिए क्योकि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को हमारा शरीर बिना काली मिर्च के बेहतरी ढ़ग से अवशोषित नहीं करता। इसलिए हल्दी और काली मिर्च का मिश्रण आपकी सेहत के लिए बेस्ट है।
कैंसर के खतरे को कम करे
करक्यूमिन में एंटी कैंसर गुण भी होते हैं, जो कैंसर को रोकने में मददगार हो सकते हैं। अध्ययन से पता चलता है कि यह कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने में मददगार है। वहीं पेपराइन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में भूमिका निभाता है, जो आपके ट्यूमर के विकास को कम कर सकता है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार, हल्दी और काली मिर्च प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल और ब्रेस्ट कैंसर जैसे कैंसर के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव को इंगित करते हैं।
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पाचन में सहायक है हल्दी और काली मिर्च
हल्दी और काली मिर्च को कई सालों से पाचन में सुधार के लिए इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। यह दोनों ही घटक आंतों की ऐंठन और पेट के फूलने और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार हैं। पेपराइन को आंत में पाचन एंजाइमों की गतिविधि को बढ़ाने में मददगार है। करक्यूमिन और पेपराइन दोनों के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंत की सूजन को कम करने और पाचन को सुचारू करने में मदद करते हैं।
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