प्रेगनेंसी में सुरक्षित और सेहतमंद रहने के नेचुरल तरीके, बता रही हैं आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर प्रतिभा

इन दिनों प्रेगनेंसी में खुद की देखभाल करना एक बड़ी चुनौती है। इससे बचने के लिए आप प्राकृतिक तरीके अपना सकती हैं। जानने के पढ़ें ये लेख।
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प्रेगनेंसी में सुरक्षित और सेहतमंद रहने के नेचुरल तरीके, बता रही हैं आयुर्वेदिक एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर प्रतिभा

मौजूदा परिवेश में सोशल डिसटेंसिंग और घर पर रहना आम बात हो गइ हैं, जिससे हमारी जीवनशैली बदल गई है। जहां सभी लोग इस जीवनशैली के लिए अभ्यस्त हो रहे हैं, वहीं गर्भवती महिला के लिए यह अवधि बहुत तनावपूर्ण हो गई है, क्योंकि उनका मन इस स्थिति को लेकर अनेक विचारों से भरा हुआ है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ, डॉक्टर प्रतिभा बबशेत ने कहा, "अनिश्चितता के इस दौर में आप सकारात्मक रहें और उन तरीकों का इस्तेमाल करें, जिससे आपकी और आपके शिशु की सेहत अच्छी बनी रहे। इसके लिए आप अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें और अपने मन को शांत रखें। इस महामारी के दौरान गर्भावस्था मुश्किल तो है, लेकिन असंभव नहीं। आप भीड़ वाले स्थानों से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा घर पर रहें और सोशल डिस्टैंसिंग एवं हाईज़ीन के दिशानिर्देशों का पालन करें।"

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गर्भावस्था के दौरान देखभाल पहले के मुकाबले अब अलग तरह से करनी होगी। आपको इसके लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं: 

  • कुछ गतिविधियों की दैनिक दिनचर्या बनाएं, जिससे वो आपकी नई जीवनशैली बन जाए। अपने आहार, ध्यान, योगा, स्किनकेयर, पर्याप्त नींद एवं नियमित मेडिकल चेकअप सहित हर चीज की एक सूची बनाकर उनकी प्राथमिकता तय कर लें।
  • यदि आपको काम या चेकअप के लिए घर से बाहर जाना पड़े, तो मास्क पहने रखें, सैनिटाइजर साथ लेकर जाएं और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करें। इससे जम्र्स एवं बैक्टीरिया का जोखिम कम हो जाएगा।
  • गर्भावस्था के दौरान समय पर चेकअप मां और शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए अपनी गायनेकोलॉजिस्‍ट से ऑनलाइन सत्र के माध्यम से चेकअप कराएं। यदि आपकी डिलीवरी नजदीक है, तो डिलीवरी के विकल्पों व पोस्ट-नैटल केयर के बारे में जानकर उनके प्रति सरल रहें।
  • गर्भावस्था के दौरान स्किन केयर मातृत्व के चरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी दैनिक दिनचर्या में मालिश एवं मॉइस्‍चराइजेशन को शामिल करें, ताकि गर्भावस्था के दौरान होने वाली स्किन की आम समस्याओं को दूर किया जा सके। मसाज ऑयल का उपयोग कर सुकून भरी मालिश करें; इससे रक्त का संचरण बढ़ेगा। आप बॉडी बटर का इस्तेमाल कर सकती हैं, जिससे रूखी त्वचा की समस्या कम होगी। आप किसी भी दिनचर्या का पालन करें, लेकिन एक बात ध्यान रखें कि आपको हर्बल एक्टिव्स युक्त उत्पादों का उपयोग करना है, जिनमें केमिकल्स न हों। 
  • आप जो कुछ भी खाती हैं, उससे आपके शिशु को पोषण मिलता है। इसलिए लगातार खाते न जाएं। एक संतुलित आहार लें, जिसमें फल व सब्जियां शामिल हों। कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पिएं। यदि आपको खाना बनाने का शौक है, तो सेहतमंद इम्यून सिस्टम के लिए सरल ऑनलाइन रेसिपी देखें।
  • अलग-अलग तरीकों से अपने तनाव को दूर करें। खुद को शांत रखने के लिए ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करें और नए शौक बनाएं या फिर पुराने शौक को दोहराएं। आप ऑनलाइन कोर्स कर सकती हैं, वाद्ययंत्र बजा सकती हैं, नई भाषा सीख सकती हैं या फिर ऐसा कुछ कर सकती हैं, जो आप हमेशा करना चाहती थीं। आप अपने शिशु के आगमन की की तैयारी कर सकती हैं, जैसे उसके लिए नर्सरी सजा सकती हैं। 
  • यदि स्तनपान के दौरान आपको अपने शिशु के वायरस का जोखिम होने की चिंता है, तो डॉक्‍टर से बात करें। स्तनपान कराने से पहले व बाद में अपने स्तन व निप्पल के हिस्से को साफ करें। अपने हाथों को सैनिटाइज करें व शिशु के आस पास के क्षेत्र को समय समय पर सैनिटाइज करें।

इन सुझावों का पालन करने के अलावा वायरस की लक्षणों के बारे में सुझावों को पढ़े व उनकी जानकारी रखें तथा उसकी रोकथाम के उपाय करें। मौजूदा स्थिति के बारे में नकारात्मक खबरें न पढ़ें ताकि डस व चिंता न उत्पन्न हो। इसकी जगह आप अपने दोस्तों व परिवार से बातें करें या कुछ रोचक चीज देखें। इससे आपका मन व्यस्त व प्रसन्न रहेगा।

इनपुट्स:  डॉक्‍टर प्रतिभा बबशेत, आयुर्वेद विशेषज्ञ, आरएंडडी, हिमालया ड्रग कंपनी! 

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