How To Avoid Diaper Rash in Babies- नवजात शिशुओं की देखभाल करना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन पेरेंट्स अपने बच्चों को सुरक्षित रखने और उनकी सही देखभाल के लिए हर मुमकिन काम करने की कोशिश करते हैं। गर्मी का मौसम हो या फिर ठंड का बच्चे के जन्म के साथ बार-बार पेशाब करने और बिस्तर गिला करने की समस्या को रोकने के लिए पेरेंट्स उन्हें डायपर पहनाना शुरू कर देते हैं। शिशुओं की स्किन काफी नाजुक और मुलायम होती है, जिस कारण उन्हें लगातार डायपर पहनाने से रैशेज होने का जोखिम बढ़ जाता है। शिशुओं के डायपर एरिया के आस-पास अक्सर रेडनेस, लाल छोटे दाने या रैशेज नजर आते हैं, जिनके कारण उन्हें काफी असुविधा होती है। डायपर रैशेज को नजरअंदाज करने से शिशु को स्किन इंफेक्शन का जोखिम भी बढ़ जाता है। डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. जुश्या भाटिया सरीन ने शिशुओं को डायपर रैश (Baby Diaper Rash) होने से रोकने के लिए कुछ टिप्स शेयर किए हैं, जिसकी मदद से आप अपने शिशु के डायपर एरिया को सुरक्षित रख पाएंगे।
शिशु को डायपर रैश से बचाने के टिप्स - Tips To Protect Baby From Diaper Rash in Hindi
1. शिशु के नैपी वाले हिस्से को साफ करने और पोंछने के लिए हमेशा गीले कपड़े या गुनगुने पानी में भिगोई हुई कॉटन बॉल का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। खुशबुदार वेट वाइप्स, जो केमिकल वाले होते हैं उनका इस्तेमाल करने से बचें और अगर आपको उनका उपयोग करना भी पड़ रहा है तो सिर्फ ट्रेवल के दौरान ही करें।
2. शिशु के सॉफ्ट स्किन की देखभाल के लिए हल्के क्लींजर का उपोयग करें, जिसका पीएच लेवल कम हो और जो हल्का एसिडिक हो।
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3. नवजात शिशुओं का हर 2 घंटे में डायपर बदलें और 4 से 5 महीने के शिशुओं का 3 से 4 घंटे में डायपर बदलने की कोशिश करें।
4. शिशु का डायपर बदलते समय ऐसी क्रीम का उपयोग करने की कोशिश करें जिसमें जिंक ऑक्साइड, डाइमेथिकोन और पेट्रोलेटम जेली शामिल हो। इस तरह की क्रीम शिशु के डायपर एरिया पर दाने और रेडनेस होने से रोकने में मदद कर सकते हैं।
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शिशुओं को डायपर रैश से बचाने के लिए आप उन्हें कॉटन के डायपर भी पहना सकते हैं और अगर उनके डायपर एरिया पर रेडनेस और दाने बहुत अधिक हो रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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