पढ़ाई-लिखाई के दौरान अक्सर बच्चे अपने सब्जेक्ट्स के चुनाव और करियर को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। कई बार तो इसका कारण ये होता है कि इस उम्र में ज्यादातर बच्चे इतने समझदार नहीं होते हैं कि करियर जैसे बड़े फैसले ले सकें और कई बार बच्चे अपने दोस्तों और आस-पास के लोगों को देखकर कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐसे समय में माता-पिता अगर बच्चे को ठीक से गाइडेंस नहीं देते हैं, तो वो गलत फैसले ले सकते हैं। आइये आपको बताते हैं कि आप किस तरह बच्चों को उनके कठिन फैसले लेने में मदद कर सकते हैं।
करियर को लेकर कंफ्यूजन
उम्र के इस दौर में कुछ बच्चे करियर के चुनाव को लेकर बहुत दुविधाग्रस्त रहते हैं। उनकी पसंद और रुचियां अकसर बदलती रहती हैं। किसी एक प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेने के कुछ ही महीने बाद वे वहां जाने से मना करने लगते हैं। इससे पेरेंट्स उनके भविष्य को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं।
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क्यों होता है कंफ्यूजन
कुछ बच्चों के पास अपनी रुचियों को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं होता या उन्हें एक साथ कई करियर ऑप्शन आकर्षित करते हैं, इससे उनके मन में दुविधा हो सकती है। कुछ बच्चे बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। मसलन कोई स्टूडेंट मैथ्स में बहुत अच्छे मार्क्स लाता है और स्पोर्ट्स में भी सबसे आगे रहता है, तो उसके मन में करियर के चुनाव को लेकर दुविधा हो सकती है।
क्या करें माता-पिता
पेरेंट्स की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे खुद भी करियर के विभिन्न विकल्पों के प्रति जागरूक बनें। अपने बच्चे का रिज़ल्ट और उसका रुझान देखते हुए उसे सही दिशा में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। बच्चे से पूछें कि भविष्य में वो क्या बनना चाहता है और इसी आधार पर उसे कैरियर चुनने के लिए प्रेरित करें। अगर बच्चे को दो या दो से ज्यादा चीजों में रूचि है, तो उसे समझाएं कि किसी एक को वो मुख्य विषय या मुख्य करियर के रूप में चुने जबकि अन्य चीजों को अपने शौक या एक्स्ट्रा क्वालिटीज के रूप में सीखता रहे या पढ़ता रहे। इसके बावजूद अगर उसके मन में कोई दुविधा हो तो किसी करियर काउंसलर से अपने बच्चे का एप्टीट्यूड टेस्ट कराएं।
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बच्चों पर दबाव न बनाएं
कई बार बच्चे की रुचि माता-पिता की रूचि से मेल नहीं खाती है। ऐसे में अक्सर बच्चा कुछ और चुनना चाहता है मगर माता-पिता उस पर कुछ और चुनने का दबाव बनाते हैं। ऐसी स्थिति में ज्यादातर बच्चे दोनों ही तरह के फैसलों पर खरे नहीं उतर पाते हैं और ज्यादातर उन्हें असफलता हाथ लगती है। हर बच्चे में एक नैसर्गिक प्रतिभा छिपी होती है, जो उसे बचपन से ही उस क्षेत्र में प्रेरित करती रहती है। अगर आप बचपन से ध्यान दें, तो आप उस प्रतिभा का पता लगा सकते हैं और वही आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा कैरियर ऑप्शन हो सकता है। इसलिए कभी भी बच्चे पर बहुत ज्यादा दबाव न बनाएं।
बच्चे अगर गलत फैसला करें
बच्चे अगर गलत फैसला लें, तो उन्हें प्यार से समझाएं लेकिन उसके पहले आप उस कैरियर से जुड़ी सभी संभावनाओं के बारे में पता कर लें। कई बार बच्चों की सोच आपको अटपटी लग सकती है मगर बच्चे भी अपनी जगह सही हो सकते हैं। फिर भी अगर आपको लगता है कि बच्चा गलत फैसला ले रहा है, तो उसे किसी करियर काउंसलर से मिलवाएं। अगर कैरियर काउंसलर भी उस फैसले को गलत बताता है, तब आप बच्चो को दोबारा समझा सकते हैं। अगर बच्चों को आपकी बात समझ आ जाएगी तो वो उस चीज के लिए इतना परेशान नहीं होगा।
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