बच्चों में तनाव और मानसिक परेशानियों को दूर करते हैं ये आसान उपाय

- प्रतिस्पर्धा के कारण तमाम बच्चे बचपन से ही मानसिक दबाव में जीते हैं।
- नियमित रूप से मेडिटेशन करने से तनाव दूर होता है।
- ध्यान के द्वारा बच्चों को नींद अच्छी आती है।
आपने अक्सर बड़े-बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा कि बचपन अच्छा होता है क्योंकि बचपन में किसी बात की कोई चिंता नहीं होती है। लेकिन आजकल तमाम बच्चों में बचपन से ही चिंता और तनाव की समस्याएं देखी जा रही हैं। पढ़ाई का बोझ, सफलता का दबाव और स्कूल-ट्यूशन में प्रतिस्पर्धा के कारण तमाम बच्चे बचपन से ही मानसिक दबाव में जीते हैं, जिसके कारण उनका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है। कुछ खास तरीकों से आप बच्चों में तनाव और चिंता की समस्या को दूर कर सकते हैं।
बच्चे कैसे करें ध्यान
यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा नियंत्रण सीखें और बच्चे का दिमागी विकास सही रूप में हो तो आपको इसके लिए कुछ तरकीबें अपनानी होंगी। बच्चो को सुबह-सुबह अपने साथ पार्क में ले जाएं या फिर ऐसी जगह जहां बहुत शांति हो। वहां आप पालथी मार कर बैठ जाएं और अपने बच्चे को भी ठीक वैसा ही करने को कहें। इसके बाद बच्चे को आंखे बंद करने का निर्देश दें, साथ ही बच्चे को बताए की वह रिलैक्स होकर कमर सीधी करके बैठे और किसी भी चीज के बारे में कुछ ना सोचें। बच्चों को मेडिटेशन के फायदे और इसे करने के तरीके के बारे में बताएं। साथ ही बच्चों को धीरे-धीरे लंबी सांसे लेने के लिए कहें। आप चाहे तो शुरूआत में रिलैक्सेंशन सॉन्ग भी लगा सकते हैं ताकि बच्चों का इधर उधर ध्यान ना भटकें। बच्चों को इसी सॉन्ग पर रिलैक्स होने के लिए कहें।
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ध्यान से होता है तनाव कम
नियमित रूप से मेडिटेशन करने से तनाव दूर होता है। जर्नल हेल्थ साईकोलॉजी में छपे एक रिसर्च की मानें तो मेडिटेशन, तनाव को कम करता है और दिमाग को शांत करता है, इसे करने से शरीर का कॉर्टिसोल हार्मोन सही मात्रा में रहता है। बच्चों को रोज थोड़ा समय ध्यान करने की आदत डालें। ध्यान बच्चों के मस्तिष्क के अलावा शरीर के लिए भी फायदेमंद है।
बढ़ती है एकाग्रता
स्कूल, ट्यूशन में सफलता और घर-परिवार की परिस्थितियों के कारण कई बार बच्चों का दिमाग स्थिर नहीं रहता है। ऐसे में रोजाना ध्यान करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है। स्कूल जाने वाले बच्चों में एकाग्रता की कमी एक आम समस्या है, जिसके कारण बच्चों को पढ़ाई में परेशानी आती है। ऐसे में ध्यान बहुत सहायक है।
अच्छी आती है नींद
आजकल स्मार्टफोन और गैजेट्स की वजह से बच्चों में नींद की कमी की समस्या काफी देखी जाती है। ऐसे में ध्यान के द्वारा बच्चों को नींद अच्छी आती है।
सांसों पर नियंत्रण बढ़ाता है ध्यान
नियमित मेडिटेशन करने से श्वांस संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। श्वास से जुड़े अनेक रोगों जैसे अस्थमा, एंफीसेमा और श्वांसनली अवरूद्ध होने से श्वांस रूकने का खतरा बना रहता है जो कि जानलेवा हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसे रोगों से ग्रस्त रोगियों को ब्रेथ मेडिटेशन से सांस लेने में काफी राहत मिलती है।
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बच्चों से बात करें
अगर बच्चे तनाव में हैं या वो अक्सर गुमसुम और उदास रहते हैं, तो उनसे बात करें और परेशानी की वजह पूछें। अक्सर बच्चे मां-बाप को अपनी गलतियां या अपने साथ हुए गलत को बताने में डरते हैं। ऐसे में अगर आप उन्हें मदद का भरोसा दिलाते हैं, तो अपनी बात आपके सामने रख पाते हैं, जिससे समस्या का समाधान किया जा सकता है।
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Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Nov 14, 2018
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