प्याज को रगड़ने से थायरॉइड होगा कंट्रोल, जानें कैसे करना है प्रयोग और जरूरी बातें

थायरॉइड एक गंभीर समस्या है, जिसे साइलेंट किलर बीमारी माना जाता है। थायरॉइड को कंट्रोल करने के लिए आप इस देसी नुस्खे का प्रयोग कर सकते हैं, जिसमें प्याज को रगड़ने से थायरॉइड में राहत मिलता है।
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प्याज को रगड़ने से थायरॉइड होगा कंट्रोल, जानें कैसे करना है प्रयोग और जरूरी बातें


आज थायरॉइड एक गंभीर समस्‍या बन गई है। थायरॉइड शरीर का एक प्रमुख एंडोक्राइन ग्लैंड (ग्रंथि) है, जो तितली के आकार का होता है। ये गले में स्थित होता है। इस ग्रंथि से थायरॉइड हार्मोन का स्राव होता है जो हमारे मेटाबॉलिज्म की दर को संतुलित करता है। यह हार्मोन मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होती हैं। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है, जिससे शरीर की एनर्जी कंट्रोल, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थायरॉइड हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाने पर शरीर की समस्त कार्यप्रणालियां अव्यवस्थित हो जाती हैं। इस रोग में काफी दिक्कत होती है। कभी वजन अचानक से बढ़ जाता है तो कभी अचानक से कम हो जाता है।



आज थायरॉइड मानव जाति के लिए एक बेहद गंभीर समस्‍या बन गई है। क्‍योंकि थायरॉइड को साइलेंट किलर माना जाता है, और लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है। जिसके चलते छोटे रोगों से लेकर बड़े-बड़े रोग उत्पन्न होने लगते है, और लोग इसे कंट्रोल करने के लिए दवा खा-खा कर परेशान हो रहे हैं। एलोपैथी में इसका कोई इलाज भी नहीं हैं, बस जीवन भर दवाई लेते रहो, फिर भी पूरी तरह से कोई आराम नहीं। अगर आप भी इस समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसे घरेलू उपाय के बारे में बता रहे है जिसे आप बिना किसी संकोच के कर सकते हैं।

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थायरॉइड के लिए प्‍याज

त्यागी पंचकर्मा और आयुर्वेदिक हॉस्पिटल की आयुर्वेद डॉक्‍टर शिल्पी के अनुसार, प्‍याज के गुणों के बारे में हम सब जानते हैं कि इसमें एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इफ्लेमेटरी और कैंसर से लड़ने के गुण पाये जाते हैं। प्याज सल्फर से भरपूर होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन और मिनरल्‍स भी भरपूर मात्रा में पाये जाते है जो हमारे शरीर को पोषण देते हैं और बीमारियों से बचाते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि प्याज को गर्दन पर रगड़ने मात्र से ही आप थायरॉइड को कंट्रोल कर सकते है? डॉक्टर शिल्‍पी के अनुसार प्‍याज में सल्‍फर पाया जाता है जो सूजन को कम करता है और आपके शरीर को डिटॉक्‍स करता है।

आपने सुना होगा प्‍याज को मोजे में रखने से आपका शरीर डिटॉक्‍स होता है और आप बीमारियों से बचे रहते हैं। इसी तरह गर्दन पर थायराइड ग्‍लैंड के आस-पास इसे रगड़ने से थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है।

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थायरॉइड के लिए प्‍याज का कैसे करें इस्‍तेमाल

  • इस उपचार को करने के लिए आपको एक प्‍याज की जरूरत होती है।
  • प्‍याज को लेकर, इसे दो हिस्‍सों में काट लें।
  • फिर इसे थायरॉइड ग्‍लैंड के आस-पास क्‍लोक वाइज मसाज करें।
  • मसाज करने के बाद गर्दन को धोएं नहीं, बल्कि रातभर के लिए ऐसे की छोड़ दें।
  • प्‍याज का रस अपना काम करता रहेगा।

प्याज क्यों है थायरॉइड में फायदेमंद- वैज्ञानिक कारण

सल्फर के साथ आयोडीन वाले आहार के सेवन से आपको इस रोग में काफी आराम मिल सकता है। sulfurforhealth.com पर छपे एक लेख के अनुसार हमारे शरीर को रोजाना 12-15 मिलीग्राम आयोडीन की जरूरत होती है। हमारे शरीर में जो भी ग्रंथि कोई भी हार्मोन का उत्पादन करती हैं, उसे आयोडीन की जरूरत पड़ती है। थायरॉइड रोग का एक प्रमुख कारण शरीर में आयोडीन की कमी है। प्याज को थायरॉइड रोग में फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें सल्फर की मात्रा अच्छी होती है। सल्फर सेल्स को क्षारीय (alkalanize) बनाता है, जिससे वो ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण करती हैं। सल्फर के साथ आयोडीनयुक्त आहार लेने से सेल्स को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता है और ग्रंथियां ठीक से काम करती हैं। इसलिए हाइपोथायरॉइडिज्म के मरीजों को अपने आहार में प्याज जरूर शामिल करना चाहिए।
वैज्ञानिक रूप से देखें तो प्याज से मसाज करने पर थायरॉइड में राहत मिल सकती है। इसका कारण यह है कि प्याज में मौजूद सल्फर ग्रंथियों के लिए फायदेमंद होता है। दूसरा कारण यह है कि मसाज करने से नसों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे एंडोक्राइन ग्रंथि ठीक से फंक्शन करती है।

निर्देश: हालांकि प्याज को थायरॉइड रोग में फायदेमंद माना जाता है मगर इस इलाज के समर्थन में वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं। थायरॉइड एक गंभीर रोग है, जो समय के समय बढ़ता जाता है। इसलिए इस रोग के मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है। घरेलू नुस्खे और देसी उपाय कई बार कारगर साबित होते हैं, मगर इस दौरान आपको चिकित्सक से परामर्श लेना नहीं छोड़ना चाहिए। थायरॉइड की मेडिकल जांच द्वारा इस बात का पता लगाया जा सकता है कि आपका थायरॉइड कितना बढ़ा हुआ हैं और इसके भविष्यगत खतरे क्या होंगे। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेकर दवाओं का भी प्रयोग करते रहना चाहिए।

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