जो पुरुष अपना ज्यादातर समय जिम या एक्सरसाइज में गुजारते हैं ताकि वे बेहतर मसल्स बना सकें, उन्हें इस बात का आभास है इस दौरान उन्हें कितनी ज्यादा वर्कआउट की जरूरत है। साथ ही उन्हें लंबा समय भी चाहिए होता है और खूब पसीना भी बहाना होता है। लेकिन हम आपके लिए हाई इंटेंसिटी रेसिस्टेंस ट्रेनिंग (एचआईआरटी)लेकर आए हैं, जो कि न सिर्फ आपके लंबे समय को कम करता है बल्कि आपके मसल्स को ज्यादा सख्त और दिखने में आकर्षक भी बनाता है।
इससे पहले कि आगे बढ़ें यह जानना आवश्यक है कि एचआईआरटी है क्या? असल में एचआईआरटी कोई नई चीज नहीं है और न ही इसे करने से कोई जादुई अंदाज में आपके मसल्स बन जाते हैं। लेकिन इसके तहत जो वर्कआउट आप 1 घंटे में पूरा करते हैं, उसे आप महज मिनटों में पूरा कर पाएंगे। सही मायनों में कम समय में ही आप वर्कआउट कर हारमोन और टेस्टोस्ट्रोन की ग्रोथ ज्यादा होगी।
बाइसेप्स ग्रोथ के लिए बेहतर तरीका
तमाम अध्ययनों ने इस बात की पुष्टि की है कि बाइसेप्स की ग्रोथ के लिए टाइम अंडर टेंशन के नियम को फालो करना चाहिए। लेकिन यह ध्यान रखें कि सुपर हैवी वेट की बजाय मोडरेट हेवी वेट अपलिफ्ट करना ज्याद समझदारी है। जब आप बाइसेप्स के ग्रोथ के लिए कोई वर्कआउट करते हैं तो लोअर फसे आफ बाइसेप कर्ल का खास ख्याल रखें।
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रखें ध्यान
जब आप घंटों की वर्कआउट को महज 15 मिनट में करने की सोच रहे हैं तो इसके लिए सबसे पहले अलार्म सेट कर लें। आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपको हर हाल में 15 मिनट में अपने वर्कआउट खत्म करने हैं। लेकिन इस दौरान आपको अपना सारा फोकस बाइसेप्स पर देना है। उस पर जितना ज्यादा टेंशन क्रिएट करेंगे, उतना ही आपको ज्यादा लाभ होगा। आप प्रत्येक सेट करते हुए खास ख्याल रखें।
सेट अप
आप अपने सेट अप की ओर भी ध्यान दें। आप अपने स्ट्रेट बाइसेप कर्ल राॅड में 2.5 किलो की दो प्लेटें लगा दें। फर्ज करें कि आपकी स्ट्रेट बाइसेप कर्ल राॅड का वजन 12 किलो है यानी दो प्लेटे जोड़ने के बाद आप इसका कुल वजन 17 हो चुका है। अब फैट ग्रिप्स ग्रैब करें। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपने इससे पहले इसे कभी नहीं किया है तो आपके वर्कआउट के नियम बदल जाएंगे। इसके लिए आपको अपने ट्रेनर से बात करनी चाहिए।
15 किलो डंबल
अगर आप स्ट्रेट बाइसेप कर्ल राॅड करने में सफल रहे हैं तो अब 15 किलो के डंबल लिफ्ट करें। लेकिन इसे अपलिफ्ट करते हुए अपने हाथ के मूवमेंट्स पर ध्यान दें। आपकी कोहनी पर इसका जोर पड़ना चाहिए साथ ही जब आप अपने हाथ स्विंग करते हैं, तो इस बार भी ध्यान दें। इसे आप कम से कम 10 बार दोहराएं। इसके तहत आपको वही नियमि फालो करना होगा यानी टेंशन अंडर टाइम को समझना होगा। लेकिन हां, अगर आप ज्यादा वजन न उठा पा रही हों तो बेहतर है कि न उठाएं। अकसर पुरुष अपनी इगो के कारण भारी वजन उठाने लगते हैं। आपको बता दें कि इससे आपके शरीर में कहीं भी चोट लग सकती है। आपके मसल्स जख्मी तक हो सकते हैं। अतः जितना संभव हो, उतना ही करें। यही समझदारी है।
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