भारत में ज्यादातर लोग खाना बनाते समय सोयाबीन या फिर सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो अपनी फिटनेस का ध्यान रखते हुए अब ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करने लगे हैं। भारतीयों से ज्यादा इस ऑयल का इस्तेमाल इटैलियन, चाइनीज और थाई जैसे विदेशी खानों में किया जाता है।
लोगों को अक्सर लगता है कि ऑलिव ऑयल से बना खाना हमारी सेहत के लिए काफी हेल्दी होता है। आपको बता दें कि ऑलिव ऑयल में हेल्दी फैटी एसिड के साथ ही एंटीऑक्सीडैंट तत्व पाए जाते हैं। हालांकि, लेकिन लोगों को लगता है कि इस तेल में मौजूद फैट्स हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है।
आजकल लोगों की मांग ऑलिव ऑयल को लेकर दिन-प्रतिदन बढ़ती जा रही है। वैसे तो कई अध्ययनों में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऑलिव ऑयल हमारी सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। ये हमारे वजन को कम करने में हमारी मदद करता है और इसके साथ ही ये हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या के खतरे को कम करने का काम करता है। ऑलिव ऑयल का मेडिटेरियन डाइट के लिए भी काफी जरूरी होता है। लेकिन बाजार में कई तरह के ऑलिव ऑयल मौजूद हैं, इनमें से हमारी सेहत के लिए कौन-सा अच्छा है ये पता करना बहुत ही जरूरी होता है। बाजार में आपको एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, वर्जिन ऑलिव ऑयल, रिफाइंड ऑलिव ऑयल मिलते हैं, लेकिन सभी हमारे सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं। हम आपको बताते हैं कि कौन-से ऐसे ऑलिव ऑयल हैं जिनका सेवन करना हमारे लिए नकुसानदायक हो सकता है।
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
बाजार में मौजूद सभी प्रकार के ऑलिव ऑयल में से कुछ ऐसे भी हैं जो हमारी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल(extra virgin olive oil) से खाना बनाना हमारी सेहत के लिए बेहद ही खराब हो सकता है। खासकर ये ऑयल भारतीय खानों के हिसाब से बहुत खराब होता है, क्योंकि उनमें किसी भी चीज को देर तक तलने की आदत होती है।
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एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल क्यों सही नहीं है?
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल को सभी ऑलिव ऑयल के बाद तैयार किया जाता है और उसे पैक करने तक कई बॉयोएक्टिविटी से गुजरना पड़ता है। ऐसे में इस ऑयल में कई ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट तत्व और विटामिन ई को शामिल किया जाता है, जो कि हमारे रेडिक्ल्स को खत्म करने का काम करते हैं। इस तेल में काफी ज्यादा मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और पोलीअनसैचुरेटेड फैट्टी एसिड होते हैं जिनका सीधा संबंध हमारे ह्दय से होता है।
इस ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना तब नुकसानदायक हो जाता है जब उसका इस्तेमाल लो स्मोकिंग प्वाइंट्स में किया जाता है। इस ऑयल के लिए स्मोकिंग प्वाइंट्स करीब 374–405°F (190–207°C) हो। जब कोई भी तेल स्मोक प्वाइंट्स तक पहुंचता है तो वो एक तरह से खराब होने लगता है, जिसकी वजह से न्यूट्रीएंट्स कम होने लगते हैं।
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इन तरीकों से करें इस्तेमाल
ज्यादातर देशों में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल सलाद को बेहतर स्वाद देने के लिए किया जाता है, बल्कि उन देशों में इस ऑयल का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए नहीं किया जाता है। लेकिन भारत के सभी खानों में तेल में तला हुआ खाना बहुत ही जरूरी हो जाता है। यही वजह है कि भारतीयों के घर में इस्तेमाल होने पर ये ऑयल काफी देर तक पकाया जाता है जिसकी वजह से इसमें मौजूद सभी जरूरी न्यूट्रीएंट्स कम होने लगते हैं। आप इस ऑयल का इस्तेमाल या तो कम तलने वाली चीजों के लिए करें या फिर उसे सलाद में इस्तेमाल किया जाए।
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