
सीने मे दर्द को अक्सर लोग हृदयघात से जोड़ लेते है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। सीने में दर्द का कारण फेफड़े से संबंधित किसी रोग के कारण भी हो सकता है। इस बारें में विस्तार से जानने के लिए ये स्ला इडशो पढ़े।
ऑफिस से आते बी राजेश ने छाती में दर्द की शिकायत की तो उसके घरवाले तुरंत ही उसे अस्पताल ले गए। घर वालों को संदेह था कि राजेश को हृ्दय संबंधी कोई रोग तो नहीं। पर डॉक्टरों के अनुसार राजेश के फेफड़ों में समस्या थी। अक्सर ऐसा होता है कि छाती में उठे दर्द को या तो हमा नजरंदाज कर देते है या फिर उये हृ्दय से संबंधित मान लेते है। पर आपको जानकार हैरानी होगी कि छाती का दर्द फेफड़ों से संबंधित बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण होता है। जानिए छाती के दर्द से क्या क्या बीमारी होने का खतरा रहता है।
- सीने में उठने वाले दर्द के कई कारण होते होते है इनमें से एक महत्वपूर्ण फेफड़े का कैंसर का होना होता है। फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण स्मोकिंग है। लंग कैंसर होने पर सांस लेने में दिक्कत होती है, सीने में दर्द और थूक के साथ खून निकलने लगता है। इतना ही नहीं अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं और ऐसे लोगों के साथ रहते हैं जो धूम्रपान करते हैं तो भी आपके फेफड़ों को खतरा हो सकता है। इससे भी छाती में दर्द की शिकायत हो सकती है।
- फेफड़े के अंदर स्थित सांस की नली में सूजन हो जाने के कारण ब्रोंकाटिस की शिकायत हो जाती है।जिसकी वजह से इनका आकार नलीनुमा न रहकर गुब्बारेनुमा हो जाता है। यह रोग रोगी के फेफड़ों को धीरे-धीरे गला देता है और तेज ब्रोंकाइटिस में रोगी को सीने में तेज दर्द उठ सकता है। इसमें सांस की नली में संक्रमण के कारण मोटी सी दीवार बन जाती हैं जो हवा को रोक देती है।
- फेफड़ों की बीमारी होने पर सामान्यत: छाती में दर्द होना होता है। यह छाती की मांसपेशियों और हडि्डयों में किसी समस्या की ओर संकेत करता है। यह समस्या छोटी और गंभीर भी हो सकती है। कुछ मामलों में इसके कारण आदमी की जान भी जा सकती है। यदि छाती में दर्द के साथ खांसी और बुखार भी हो, तो यह संक्रमण की ओर संकेत करता है।खांसी एक प्रतिरक्षा प्रणाली है जो म्यूकस, यानी जहरीले पदार्थों और बाहरी तत्वों से श्वसन यानी रेस्पिरेटरी नली को साफ करती है। लेकिन यदि खांसी अधिक आये तो यह फेफड़ों की बीमारी के संकेत हैं।
- जो धमनियाँ रक्त को फेफड़ों तक ले जाती है उसमें जब रक्त का चाप बढ़ जाता है तब सीने में दर्द होता है और इस अवस्था को उच्च रक्तचाप कहते हैं। जब रक्त धमनियों में थक्का जमने लगता है तब फेफड़ों के टिशु या ऊतकों में रक्त का प्रवाह रुकने लगता है, ऐसा होने से बेचैनी होने लगती है और साँस लेने में मुश्किल होता है, जो बाद में दर्द का कारण बनता है।
- छाती में दर्द छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन के कारण भी हो सकता है। दरअसल जब फेफ़डे की ऊपरी सतह पर स्थित झिल्ली में सूजन आ जाती है तो छाती की अंदरूनी दीवार की सूजी हुई सतह से सांस लेते वक्त हवा रगड़ खाने लगती है। जिस कारण असहनीय दर्द होता है। इस अवस्था को मेडिकल भाषा में प्ल्यूराइटिस कहते हैं।
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