क्या आपको भी पीरियड्स आने से पहले तेज दर्द और कुछ अन्य लक्षण महससू होते हैं? शायद हां, लगभग हर महिला को पीरियड्स एक या दो हफ्ते पहले कुछ लक्षण दिखते हैं, इन लक्षणों के समूह को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कहा जाता है। प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में लगभग 8-20% महिलाओं में बहुत सारे शारीरिक और भावनात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। सामान्य लक्षण अक्सर आपके मूड से जुड़े होते हैं, जैसे कि अत्यधिक दर्द या दुखी या फिर मूड स्विंग्स होना आदि शामिल है।
हालांकि प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के कारणों को अच्छी तरह से समझा नहीं जा सकता है क्योंकि यह सभी लोगों में अलग-अलग दिख सकते हैं। लेकिन इसमें हार्मोन और मस्तिष्क रसायनों के उतार-चढ़ाव के स्तर को महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में आप क्या खाते-पीते हैं, इसका असर आपके पीएमएस के लक्षणों पर निर्भर करता है। आइए यहां कुछ डाइट टिप्स दिए गए हैं, जो आपको पीएमएस के लक्षणों से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों को कंट्रोल करने के टिप्स
1. कैल्शियमयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें
यदि आप अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह खाद्य पदार्थ आपके पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। विटामिन डी के सबसे अधिक सेवन करने वाली महिलाओं को पीएमएस विकसित करने की संभावना कम होती है। अध्ययन कहता है कि एक बदन में 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम और विटामिन डी के 700 IU का सेवन करना फायदेमंद है।
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इसमें आप लो फैट डेयरी मिल्क, पनीर, दही, संतरे का जूस या सोया मिल्क जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का कम से कम 3 सर्विंग्स का उपभोग कर सकते हैं। वहीं विटामिन डी के लिए आप सुबह की धूप, दूध, मशरूम और अंडे की जर्दी आदि चीजों का सेवन करें। कैल्शियम और विटामिन डी डिप्रेशन, चिंता और भावनात्मक परिवर्तनों को प्रभावित कर, पीएमएस के लक्षणों को कम करता है।
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2. साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और फल-सब्जियां
यदि आप पीएमएस के लक्षणों को कम करना चाहते हैं, तो आप अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें। आप इसके लिए अपनी डाइट में साबुत अनाज, ब्राउन राइस, लीन प्रोटीन, ओट्स और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियों का सेवल करें।
3. शुगरी फूड्स का सेवन कम करें
यदि आपको शुगर क्रेविंग होती है, तो आप शुगरी फूड्स के सेवन से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि शुगरी फूड्स का अधिक सेवन हार्मोन एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बदलता है, जो आपके मस्तिष्क में रासायनिक सेरोटोनिन के स्तर को भी कम कर सकता है। हार्मोन के ये परिवर्तन महिलाओं के मूड को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे पीएमएस के लक्षण और अधिक खराब हो सकते हैं।
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4. प्रतिदिन तीन बार खाना खाएं
आपके शरीर को स्वस्थ और एर्नेजेटिक रखने के लिए आप प्रतिदिन 3 बार खाना जरूर खाएं। इसमें आपकी भूख पर असर पड़ सकता है। इसलिए आप अपनी नियमित डाइट के हिसाब से 3 बार खाना खाएं और भरपूर पानी पिएं। पीएमएस के लक्षाणों में आपकी भूख कम हो सकती है, लेकिन आप किसी भी समय का खाना न छोड़ें क्योंकि खाना छोड़ना पीएमएस के लक्षणों को और भी बदतर बना देगा।
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