क्या आपने किसी ऐसी प्रजाति के बारे में सुना है जिसकी सामान्य आयु 120 साल हो, और जहां पर 90 साल की महिलायें युवा दिखाई देती हैं, इसके अलावा वहां के पुरुष 100 साल के बाद भी बच्चे पैदा कर सकते हों। यहां की एक खास बात ये भी है कि इन लोगों को कैंसर जैसी कोई गंभीर बीमारी भी कभी नहीं हुई। आपको ये बाते अटपटी लग सकती हैं, वर्तमान की लाइफस्टाइल और खानपान के कारण जीवन सिमटता जा रहा है और कई गंभीर बीमारियां जो पहले बुजुर्गों को होती थीं उनके शिकार युवा हो रहे हैं।
पाकिस्तान के पहाड़ी इलाकों में रहने वाली इस हुंजा प्रजाति के लोग स्वस्थ जीवनशैली और हेल्दी आहार पर विशेष ध्यान देते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे ही एक तेल के बारे में बता रहे हैं जिसका प्रयोग करने से हुंजा प्रजाति को न तो जोड़ों का दर्द सताता है और न ही कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने का खतरा रहता है। इस जादुई तेल के बारे में विस्तार से पढ़ें।
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एप्रीकोट यानी खूबानी
खाने में मीठा लगने वाला खुबानी का फल सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह बहुत ही पौष्टिक है, क्योंकि इसमें लगभग सभी मिनरल और प्रोटीन पाये जाते हैं जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। खुबानी की गुठली मीठी होती है जिसके अंदर से गिरी निकलती है। खुबानी की गिरी और फूलों का प्रयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ खुबानी की गिरी का तेल भी बनाया जाता है। बुखार हो या दिल की बीमारी, कैंसर हो या गठिया, पौरुष शक्ति बढ़ानी हो या फिर चेहरे के दाग-धब्बे दूर करने हों, खुबानी की औषधि का प्रयोग सभी में फायदेमंद होता है।
खुबानी का तेल
खुबानी की गिरी से बने तेल का प्रयोग हुंजा प्रजाति के लोग करते हैं और वे इसी के चलते किसी भी बीमारी के शिकार नहीं होते और 90 साल की उम्र में भी हुंजा प्रजाति की महिलायें जवां दिखती हैं। खुबानी में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन बी और सी, आयरन, आदि तत्व पाये जाते हैं। जिनकी जरूरत हमें रोज होती है और इसके लिए हम विभिन्न प्रकार के आहारों का सेवन करते हैं। अगर ये सब एक ही फल या तेल में मिल जाये तो क्या कहने।
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इसके अलावा खुबानी में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो कैंसर से बचाव करता है, इसे विटामिन बी17 या लेट्रील (laetrile) कहते हैं। इसके कारण ही हुंजा प्रजाति में कैंसर का कोई मामला सामने नहीं आया। वे महीनों इसके फलों और तेल का प्रयोग करते हैं।
इसमें ओमेगा 6 और 9 फैटी एसिड होता है, जिसके सेवन से हड्डियों और जोड़ों की किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। अर्थराइटिस की समस्या है तो इसके तेल से मालिस करने से दर्द दूर हो जाता है।
खुबानी की गिरी का तेल, त्वयचा को भीतर से ठीक करता है। इसमें भरपूर मात्रा में लिनोलेनिक एसिड होता है जो त्वचा को हाईड्रेटेड बनाएं रखता है और त्वचा में निखार लाता है। इस तेल को लगाने से त्वचा की कोशिकाएं और कोलेजन उत्पादन अच्छा होता है जिससे झुर्रियां दूर होती हैं और चेहरे पर रेखायें भी नहीं पड़ती हैं।
तो आज से ही इस जादुई तेल का प्रयोग करें और स्वस्थ रहें।
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