
मुंह में छाले, काले मसूड़े, भूरे-पीले दांत, मसूड़ों से खून निकलने, दांतों में सड़ने और कैविटीज जैसी मुंह से जुड़ी तमाम समस्याओं को आप छोटी समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, तो सावधान हो जाएं। मुंह में होने वाले ये सामान्य रोग आपको बना सकते हैं र्
मुंह में छाले, काले मसूड़े, भूरे-पीले दांत, मसूड़ों से खून निकलने, दांतों में सड़ने और कैविटीज जैसी मुंह से जुड़ी तमाम समस्याओं को आप छोटी समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, तो सावधान हो जाएं। मुंह में होने वाले ये सामान्य रोग आपको बना सकते हैं र्यूमेटॉइड अर्थराइटिस का शिकार। दरअसल आपके मसूड़ों और जोड़ों का स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर करता है। मुंह में कोई रोग होने पर इसका असर आपके जोड़ों पर पड़ता है। इसी तरह अगर आपको पहले से जोड़ों की कोई समस्या है, तो मुंह की गंदगी इसे और ज्यादा बढ़ा सकती है। मुंह में पैदा होने वाले कई हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने पर ये मसूड़ों से खून और पस निकलने, दांतों में कीड़े लगने या दांतों के गिरने का कारण बन सकते हैं।
कैसे जुड़ा है मसूड़ों और जोड़ों का स्वास्थ्य
मसूड़ों और जोड़ों का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। मसूड़ों और जोड़ों दोनों समस्याओं का मुख्य कारण सूजन है। मुंह में होने वाले पेरिओडॉन्टाइटिस रोग के कारण र्यमेटॉइड अर्थराइटिस का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। दरअसल मुंह में जो टिशूज और सेल्स पाए जाते हैं, बिल्कुल वैसे ही टिशूज और सेल्स जोड़ों में भी पाए जाते हैं। इसलिए शरीर में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और वायरस से दोनों प्रभावित होते हैं। र्यूमेटॉइड अर्थराइटिस एक गंभीर स्थिति है जिसका असर शरीर के अन्य उतकों पर भी पड़ता है, लेकिन आमतौर पर जोड़ों पर इसका सबसे बुरा असर पड़ता है और वे सबसे बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली व्यक्ति के जोड़ों के स्तर पर हमला कर देती है।
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ये हैं प्रमुख लक्षण
- सुबह उठने पर ऐसा महसूस होना कि जोड़ (ज्वाइंट) जाम हो गए हैं।
- तीन से अधिक जोड़ों में सूजन और दर्द रहता है।
- हाथ की उंगलियों के जोड़ों में भी तकलीफ हो सकती है।
- दाहिने और बाएं भाग के जोड़ों में तकलीफ महसूस होती है।
- अगर किसी व्यक्ति में उपर्युक्त लक्षण हैं, तो ऐसा शख्स र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस या फिर इस समूह की किसी गठिया से ग्रस्त है।
र्यूमेटॉइड अर्थराइटिस का इलाज
मौजूदा दौर में र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस के इलाज के दौरान पूरी कोशिश होती है कि दवाओं से ही बीमारी को नियंत्रित किया जा सके और जोड़ों को क्षतिग्रस्त होने और व्यक्ति को विकलांगता से बचाया जा सके। इसके विपरीत ऐसा पाया गया है कि बहुत से लोग जो र्यूमैटॉइड अर्थराइटिस से ग्रस्त हैं,उनका समय से इलाज न होने, अनियंत्रित और असमुचित इलाज के कारण जोड़ों के क्षतिग्रस्त होने के चलते घुटने, कूल्हे, कोहनी, कंधे और उंगलियां विकारग्रस्त (डिफार्म) हो जाती हैं। ऐसे लोगों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल बन जाती है। इस क्रम में यह जान लेना आवश्यक है कि ऐसे लोगों के लिए जोड़ प्रत्यारोपण जैसे ऑपरेशन व्यक्ति को दर्द से राहत दिलाते हैं बल्कि पीड़ित व्यक्ति को चलायमान बनाते हैं। ऐसे रोगियों के लिए अत्याधुनिक जोड़ प्रत्यारोपण में प्रयुक्त होने वाले इंप्लांट, नयी किस्म के डिस्पोजेबल नेविगेशन इंस्ट्रूमेंटेशन और जीरो एरर ऑपरेशन विधियां अच्छे परिणाम देती हैं।
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मुंह की सफाई है जरूरी
दांतों और मसूड़ों की रोजाना सफाई आपको मुंह के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। मुंह की सफाई न रखने से अगर आपमें अर्थराइटिस के लक्षण हैं, तो ये बढ़ सकते हैं और बीमारी गंभीर हो सकती है।
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