Doctor Verified

IVF and Diabetes: कितना मुश्किल है डायबिटीज के मरीजों के लिए IVF का सफर? जानें सभी जरूरी बातें

Khushkhabri With IVF In Hindi: डायबिटीज के रोगियों के लिए आईवीएफ तकनीक मुश्किलों भरा सफर हो सकता है, लेकिन इसकी सफलता दर भी काफी होती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
IVF and Diabetes: कितना मुश्किल है डायबिटीज के मरीजों के लिए IVF का सफर? जानें सभी जरूरी बातें


Khushkhabri With IVF In Hindi: आईवीएफ अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है। हालांकि, इस तकनीक की मदद से कई कपल्स अब तक मां बन चुके हैं। सच बात ये है कि आईवीएफ कई लोगों के लिए चमत्कार जैसा है। अब तक लाखों की संख्या में कपल्स आईवीएफ तकनीक की मदद से पेरेंट्स बन चुके हैं। लेकिन, हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते हैं कि आईवीएफ तकनीक के साथ कई तरह की जटिलताएं और रिस्क फैक्टर्स भी शामिल हैं। जैसे कि अगर हम बात करें डायबिटीज के मरीजों की। माना जाता है कि डायबिटीज एक खतरनाक हेल्थ कंडीशन है। डायबिटीज के मरीज अगर अपने ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज न करें, तो उन्हें कई तरह अन्य स्वास्थ्य से जु़ड़ी समस्या हो सकती है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए आईवीएफ तकनीक को अपनाना कितना मुश्किल है? इस तकनीक के सफल होने की संभवना कितनी होती है? आइए, डॉक्टर से डायबिटीज के मरीजों की ए टू जी सभी जरूरी बातें जानते हैं।

लोगों के मन में अक्सर आईवीएफ तकनीक से जुड़े कई सवाल होते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ ने Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चलाई है, जिसमें आपको आईवीएफ से जुड़े तमाम सवालों के जवाब मिल जाएंगे। आज इस सीरीज में हम Max Healthcare Ltd. Delhi & Noida में Director, IVF and Reproductive medicine डॉ. श्वेता गुप्ता की मदद से आपको बता रहे हैं कि अगर किसी को डायबिटीज है, तो क्या वे आईवीएफ तकनीक चुन सकते हैं? डायबिटीज के रोगियों के लिए उनकी सफलता दर कितनी होती है? इसके अलावा, डायबिटीज में आईवीएफ तकनीक से जुड़ा कोई जोखिम है या नहीं।

डायबिटीज के मरीजों के लिए IVF की A To Z गाइड

The Impact of Diabetes on IVF In Hindi

क्या डायबिटीज फर्टिलिटी को प्रभावित करती है?

जैसा कि हमने कुछ देर पहले ही जिक्र किया है कि डायबिटीज ओवर ऑल हेल्थ पर नेगेटिव असर डालती है। वास्तव में, डायबिटीज इनफर्टिलिटी का भी एक मुख्य कारण है। खासकर, महिलाओं की बात करें तो टाइप-1 डायबिटीज के कारण महिलाओं के पीरियड्स डिस्टर्ब होने लगते हैं, जिस वजह से महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आने लगती है। वहीं, पुरुषों में डायबिटीज के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और स्पर्म क्वालिटी और सीमन मोबिलिटी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

इसे भी पढ़ें: IVF in Diabetes: डायबिटीज है और आईवीएफ के बारे में सोच रही हैं? जानें इससे जुड़ी सावधानियां और सफलता दर

क्या डायबिटीज के मरीज आईवीएफ करवा सकते हैं?

The Impact of Diabetes on IVF In Hindi

हां, डायबिटीज के मरीज निश्चित रूप से इस विकल्प को चुन सकते हैं। हालांकि, आईवीएफ हमेशा आखिरी ऑप्शन के तौर पर चुना जाता है। शुरुआती समय में डायबिटीज के मरीज भी नेचुरल कंसीव करने की कोशिश करते हैं। वहीं, आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए डायबिटीज के मरीज भी पेरेंट्स बनने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं। आपको बताते चलें कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जिसमें शरीर के बाहर शुक्राणु और अंडे को मिलाकर भ्रूण यानी एंब्रेयो बनाया जाता है। फिर गर्भधारण की उम्मीद में भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

इसे भी पढ़ें: Gestational Diabetes: IVF से प्रेग्नेंसी में 50% से ज्यादा महिलाएं हो जाती हैं जेस्टेशनल डायबिटीज का शिकार

आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान डायबिटीज के मरीज क्या करें?

जब डायबिटीज के मरीज आईवीएफ ट्रीटमेंट को चुनें, तो उन्हें बहुत सारी बातों पर गौर करना चाहिए, जैसे-

  • अपने ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने सबसे ज्यादा जरूरी है।
  • आईवीएफ ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने और हेल्थ में हो रहे बदलाव पर गौर करने की सलाह दी जाती है।
  • ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से डायबिटीज के मरीजों के अंडे और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार करने और मिसकैरेज के रिस्क को कम करने में मदद मिलती है।
  • ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को कुछ आवश्यक दवाएं दी जाती है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को इंसुलिन और अन्य दवाओं को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है।
  • इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहे और कंसीव करने की संभावना दर भी बढ़े।

आईवीएफ प्रक्रिया के पहले किन बातों का रखें ध्यान

डायबिटीज के मरीजों को हमेशा यह पता होना चाहिए कि यह एक जटिल प्रक्रिया है। इससे कंसीव करने की संभावना निश्चित रूप से बढ़ती है। लेकिन, मां या पिता बनने की यह सौ फीसदी गारंटी नहीं होती है। इसके अलावा, इसका कपल्स की मेंटल हेल्थ पर भी नेगेटिव असर पड़ सकता है। इस कुछ विशेष बातों पर भी गौर करें, जैसे-

  • आईवीएफ प्रक्रिया खर्चीली होती है।
  • इसका फिजिकल और इमोशनल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • डायबिटीज के मरीजों में मिसकैरेज का रिस्क भी रहता है। इसलिए, हमेशा इसके लिए तैयार रहें।
  • डायबिटीज के मरीजों को आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान कुछ अन्य जोखिम भी रहते हैं, जैसे उन्हें मल्टीपल प्रेग्नेंसी हो सकती है।

डायबिटीज के रोगियों की आईवीएफ प्रक्रिया के लिए डाइट

जैसा कि डाइट का हमारी ओवर ऑल हेल्थ पर महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसी तरह, आईवीएफ ट्रीटमेंट में भी डाइट की अनदेखी नहीं की जा सकती है। डायबिटीज के मरीजों को आईवीएफ प्रक्रिया से गुजरते वक्त अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का पूरा ध्यान रखना चाहिए। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान डायबिटीज के रोगियों को सोडा, आईस्क्रीम, कार्बोहाइड्रेट, रिफाइंड शुगर, ट्रांसफैट या रेडी टू ईट फूड जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा, डाइट में हेल्दी विकल्प को शामिल करना चाहिए। इस संबंध में उन्हें अपने पर्सनल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ध्यान रखें कि लो ब्लड शुगर और हाई ब्लड शुगर या डायबिटीज के साथ कोई अन्य मेडिकल कंडीशन है। इस तरह की बातों को ध्यान में रखते हुए डाइट प्लान किया जाता है।

डायबिटीज के मरीज आईवीएफ प्रक्रिया की सक्सेस के लिए क्या करें?

The Impact of Diabetes on IVF In Hindi

डायबिटीज के कई मरीज आईवीएफ प्रक्रिया को इसलिए चुनने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसकी सफलता दर बहुत कम है। जबकि, ऐसा नहीं है। सही ट्रीटमेंट और देखभाल करके आप इसकी सफलता दर को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में कुछ अच्छे बदलाव करना भी इस प्रक्रिया की सक्सेस रेट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जैसे-

  • नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर का टेस्ट करवाएं।
  • अपने वजन को बढ़ने न दें।
  • अपनी डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करें।
  • स्मोकिंग और ड्रिंकिंग जैसी आदतों से दूर रहें।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  • जितना संभव हो, उतना कम तनाव लें।
  • हमेशा फिजिकली एक्टिव रहें। 
  • समय-समय पर अपनी मेडिकल जांच करवाते रहें।
  • जब भी जरूरत हो, प्रोफेशनल की मदद जरूर लें।

अगर आप डायबिटिक हैं और जल्द से जल्द पेरेंट्स बनने का सुख उठाना चाहते हैं। ऐसे में आपको बिना देरी किए आईवीएफ एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए। हालांकि, हमने अपने इस Khushkhabri With IVF की स्पेशल सीरीज में आईवीएफ और डायबिटीज से जुड़े सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की है। इसके बावजूद, अगर आपके मन में डायबिटीज और आईवीएफ तकनीक से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप हमारी वेबसाइट में विजिट कर सकते हैं। 

All Image Credit: Freepik

Read Next

58 की उम्र में IVF से प्रेग्नेंट हुईं सिद्धू मूसेवाला की मां, जानें क्या इस उम्र IVF से प्रेग्नेंसी संभव है?

Disclaimer