Tea Myths & Fact: कहीं आप तो नहीं हो रहे चाय से जुड़ी इन 5 गलतफहमियों का शिकार, जानें क्‍या है सच?

Tea Myths & Fact: क्‍या आप भी हर्बल टी को फायदेमंद मानते हैं? क्‍योंकि आपको लगता है उसमें कैफीन नहीं होता। इसके अलावा, शायद आप भी ऐसी दुविधा में रहते हैं कि आपको कौन सी चाय पीनी चाहिए, तो आइए इन सब सवालों के जवाब हम आपको यहां दे रहे हैं। चाय से जुड़े कुछ सच हम आपको बता रहे हैं।    
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Tea Myths & Fact: कहीं आप तो नहीं हो रहे चाय से जुड़ी इन 5 गलतफहमियों का शिकार, जानें क्‍या है सच?

एक गर्म चाय की प्‍याली पीने का मजा ही कुछ और है, जो शायद इसे दुनिया भर में लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक बनाता है। अब चाहे, ठंड से बचने के लिए एक कप गर्म चाय हो या फिर दिन भर के काम और तनाव से निपटने के लिए। चाय की एक प्‍याली आपको आराम तो देती ही है, लेकिन दुनियाभर में इसके ताजगी पहुंचाने से लेकर स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के कई चर्चे हैं। 

सामान्‍य तौर पर, सभी प्रकार के ब्रू को चाय कहा जाता है, लेकिन प्यूरिस्ट्स के अनुसार, केवल ग्रीन टी, ब्लैक टी, व्हाइट टी, ऊलोंग टी और पु-एर्ह टी ही सही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि चाय स्वास्थ्य के लिए अच्छी है, लेकिन इसके साथ बहुत सारे मिथक भी हैं। तो आइए चाय से जुड़ी ये 5 गलतफहमियों को हम दूर कर देते हैं। 

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हर्बल चाय में कैफीन नहीं होता 

सबसे पहली बात की हर्बल चाय को असली चाय के रूप में नहीं माना जाता है, क्योंकि वे कैमेलिया सिनेंसिस प्‍लांट से संसाधित नहीं होती हैं। हर्बल चाय गर्म पानी में फूल, जड़ी बूटी, बीज, जड़ों या पौधे के छालों को मिलाकर बनाई जाती है। जहां तक कैफीन की मात्रा की बात है, तो सभी हर्बल चाय कैफीन मुक्त नहीं हैं। ग्वाराना चाय और यर्बा मेट चाय में कैफीन होता है, इसलिए ऐसा न सोचें की सभी हर्बल चाय में कैफीन नहीं होता। हमेशा हर्बल चाय खरीदने से पहले लेबल पढ़ें। 

टी बैग खुली चाय जितना फायदेमंद 

टी बैग का उपयोग करके चाय तैयार करना स्वाभाविक रूप से आसान है, लेकिन याद रखें कि खुली चाय हमेशा बैग से बेहतर होती है। टी बैग में मौजूद चाय पत्‍ती में धूल और फैनिंग होती है। टी बैग में मौजूद चाय पत्‍ती में बोकेन चाय पत्तियों की तुलना एसेंशियल तेलों और सुगंध की कमी होती है। तो, हमेशा टी बैग के बजाय, खुली चाय पत्‍ती का उपयोग करना बेहतर है।

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ब्‍लैक टी की तुलना ग्रीन टी अधिक फायदेमंद है 

बहुत से लोगों को लगता है कि ग्रीन टी आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अधिक फायदेमंद है। क्‍योंकि वास्तव में ब्‍लैक टी की तुलना ग्रीन टी अधिक लोकप्रिय है। हालांकि, इनमें ज्‍यादा अंतर नहीं है, क्‍योंकि दोनों में ही शक्तिशाली और लाभकारी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।(एंटीबायोटिक्स से होने वाले नुकसान से बचाती है ग्रीन टी, वैज्ञानिकों ने बताए कारण)

ऑक्सीकरण या फर्मेंटेशन प्रक्रिया से गुजरने के बाद चाय की पत्तियां हरी या काली हो जाती हैं। इस प्रक्रिया के दौरान, ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट, जैसे कैटेचिन, थिएफ्लेविन में परिवर्तित हो जाते हैं, जो काली चाय में पाया जाता है।

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चाय में दूध मिलाने से स्वास्थ्य लाभ कम हो जाते हैं 

यह एक बहुत ही आम बात है और यह एक बड़ी गलतफहमी के अलावा और कुछ नहीं है। किसी भी तरह की चाय में दूध मिलाने से इसके स्वास्थ्य लाभ कम नहीं होंगे। क्‍योंकि दूध में प्रोटीन के साथ कैल्शियम होता है, जो आपकी हड्डियों के लिए अच्छा है। जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चाय से अवशोषित कैटेचिन की संख्या समान रहती है, चाहे आप उसमें दूध मिलाएं या नहीं।

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ग्रीन टी वजन कम करने में मददगार है 

वेट वॉचर्स के बीच यह बात काफी सुनने को मिलती है कि ग्रीन टी वजन कम करने में मदद कर सकती है। दुर्भाग्य से, यह सिर्फ एक मिथक है। ग्रीन टी में एक उत्तेजक तत्व होता है, जो आपके मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ाता है, लेकिन इसकी मात्रा बहुत कम होती है। हां यह आपकी वेट लॉस जर्नी का हिस्‍सा जरूर बन सकती है, पर ऐसा नहीं है कि आपका वजन घटना पूरी तरह से ग्रीन टी पर निर्भर हो सकता है। अगर आपको लगता है कि एक दिन में 4-5 कप ग्रीन टी पीने से आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी, तो आप गलत हैं।

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