देशभर में टीबी के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब सरकार भी कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हट रही है। हाल ही में टीबी मरीजों के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मामला बिहार का है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में जो लोग भी क्षयरोग यानि कि टीबी के मरीज हैं उन्हें सरकार हर महीने मुफ्त दवा देगी और पौष्टिक आहार के लिए 500 रुपये देगी। ये रकम मरीजों को कभी भी सरकार को वापिस नहीं देनी है।
उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को भी सरकार प्रति मरीज के रूप में 100 रुपये देगी। बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सभागार में बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की 15 वीं वार्षिक आमसभा के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 886 दवाओं की कीमतों में 75 प्रतिशत तक की कटौती कर दी है।
उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से मधेपुरा में मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो जाएगी, वहीं अगले वर्ष मधुबनी, समस्तीपुर, भोजपुर, बेगूसराय, छपरा और पूर्णिया में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की पहल की जाएगी। इस मौके पर मोदी ने कहा कि बिहार ही ऐसा अकेला शहर है जो पूरे देशभर में पोलियो मुक्त हो चुका है। बिहार में टीबी के मरीजों की संख्या करीब 25 लाख है। मुफ्त दवा के साथ इन मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए प्रति महीने 500 रुपये दी जाएगी तथा टीबी मरीजों का इलाज करने वाले निजी चिकित्सक को भी प्रति मरीज 100 रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र के स्तर पर दवा दुकानदारों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार तैयार है। उन्होंने दुकानदारों को आश्वासन देते हुए कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा तंग-परेशान किए जाने की गोपनीय सूचना मिलने पर वैसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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