पतली कार्निया वाले लोगों को रहता है नेत्र रोग का ज्यादा खतरा

आंख हर व्यक्ति के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग होता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
पतली कार्निया वाले लोगों को रहता है नेत्र रोग का ज्यादा खतरा

आंख हर व्यक्ति के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग होता है। अगर व्यक्ति की आंखें कमजोर हैं तो उसके लिए जीवन बेकार है। कई बार हमें नेत्र रोग होने का खतरा कार्निया पर भी निर्भर करता है। हाल ही में आई एक रिसर्च में साफ हुआ है कि कार्निया की मोटाई को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार एक प्रोटीन की वजह से एक प्रकार के नेत्र रोग का खतरा पैदा हो सकता है।

मोतियाबिंद जिसे ग्लूकोमा भी कहते हैं उसमें नेत्र रोगों के कई विकार शामिल होते हैं, जो आंख पर दबाव बढ़ाता है और नेत्र संबंधी नसों को नुकसान पहुचाता है, जिससे आगे चलकर नेत्रहीनता हो सकती है। इस शोध को चूहों पर किया गया है। इसमें पाया गया कि चूहों के जीन के आनुवांशिक विभिन्नता में जो प्रोटीन पीओयू6एफ2 के लिए कोड करता है, वह आंख की संरचना पर असर डाल सकता है और व्यक्ति में ग्लूकोमा का खतरा बढ़ा सकता है।

शोधकर्ताओं ने जब पीओयू6एफ2 के वाहक जीन को हटा दिया तो प्रभावित चूहों में सामान्य चूहों के मुकाबले कार्निया पतली पाई गई। शोधकर्ताओं ने पाया है कि बहुत से जीन का जटिल मिश्रण व बदलाव साथ ही साथ पर्यावरण संबंधी स्थितियां ग्लूकोमा के लिए जिम्मेदार होती हैं। यह पतली कार्निया का सबसे आम जोखिम कारक है।अमेरिका के अटलांटा के इमोरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एल्डान ई. गेईसर्ट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मध्य कार्निया की मोटाई व मोतियाबिंद के बीच संबंध को परिभाषित करने से हमें ग्लूकोमा के जल्दी पहचान में सहायता मिलेगी और इससे बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकेगा।

Read Next

सर्दियों में आप भी पहनते हैं ऐसे कपड़े, तो हो जाएंगे बीमार

Disclaimer