ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है टार्गेटेड थेरेपी: एक्सपर्ट

कैंसर का इलाज तीन तरह से होता है-सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी। रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी के बाद होता है, ताकि दोबारा कैंसर से बचाव हो सके। रेडिएशन से कैंसर कोशिकाएं तो मर जाती हैं, लेकिन इससे स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है।
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ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है टार्गेटेड थेरेपी: एक्सपर्ट

ब्रेस्ट कैंसर के मामले पिछले एक दशक में तेजी से बढ़े हैं। इस गंभीर रोग के कारण हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं। अगर सही समय पर इलाज किया जाए और चिकित्सीय सलाह ली जाए, तो ऐसे रोगों से बचाव संभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कैंसर के इलाज की दिशा में टागेर्टेड रेडिएशन थेरेपी को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा सकता है।

तीन तरह से होता है कैंसर का इलाज

राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) की सीनियर कंसल्टेंट और गायनाक्लॉजी रेडिऐशन विभाग की प्रमुख डॉ. स्वरूपा मित्रा ने बताया, "कैंसर का इलाज तीन तरह से होता है-सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी। रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल सर्जरी के बाद होता है, ताकि दोबारा कैंसर से बचाव हो सके। रेडिएशन से कैंसर कोशिकाएं तो मर जाती हैं, लेकिन इससे स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है। अब 3डीसीआरटी और आईएमआरटी जैसी टागेर्टेड रेडिएशन थेरेपी से यह परेशानी काफी हद तक दूर हो गई है। इसमें स्वस्थ कोशिकाओं को बचाते हुए सीधे प्रभावित क्षेत्र पर रेडिएशन देना संभव होता है। डॉ. मित्रा ने ब्रेथ कंट्रोल्ड रेडियो थेरेपी की चर्चा करते हुए कहा कि यह स्तन कैंसर के मरीजों को बेहतर जिंदगी जीने में सहायक है।"

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शहरी महिलाएं हैं ज्यादा शिकार

बैठक के दौरान आरजीसीआई के ओंकोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी ने स्तन कैंसर की वर्तमान परिस्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत के शहरी इलाकों में महिलाओं में होने वाले कैंसर में सबसे बड़ा हिस्सा स्तन कैंसर का है। यहां तक कि 20-30 साल की युवतियां भी इसका शिकार हो रही हैं।

गलत खानपान है कैंसर का कारण

डॉ. दत्ता ने कहा, "बिना मेहनत वाली लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड और जंक फूड खाने की आदत तथा खेतों में इस्तेमाल होने वाले पेस्टिसाइड्स की वजह से देश में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इससे बचने के लिए सभी को शारीरिक श्रम करने, घर पर बना सेहतमंद खाना खाने और खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाने की जरूरत है।"

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कीमोथैरेपी से कैसे अलग है टारगेटेड थैरेपी

स्टैंडर्ड कीमोथैरेपी में मरीज के शरीर में मौजूद स्वस्थ और अस्वस्थ दोनों कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है जबकि टागरेटेड थैरेपी में कैंसर सेल्स को ब्लॉक करके केवल उसे नष्ट किया जाता है इसलिए मरीज की स्वस्थ कोशिकाएं इस थैरेपी में बच जाती हैं। कैंसर सेल्स स्वस्थ कोशिकाओं से अलग होती हैं। ये थैरेपी इस तरह डिजाइन की गई है कि इससे कैंसर सेल्स का अलग से पता लगाया जा सकता है और उन्हें ऐसे सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकता है कि स्वस्थ कोशिकाओं को कोई हानि न पहुंचे।

इनपुट्स- आईएएनएस

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