नियमित तौर पर शुगर युक्त मीठे ड्रिंक्स का सेवन करने वाले लोगों में प्रीडायबिटीज का खतरा बढ़ता है। एक नई स्टडी के मुताबिक ऐसे लोग जो शुगर युक्त मीठे ड्रिंक्स जैसे सोडा, कोला या अन्य कॉर्बोनेटेड और नॉन कॉर्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे फ्रूट जूस आदि का नियमित सेवन करते हैं उनमें प्रीडायबिटीज होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
प्रीडायबिटीज वह स्थिति होती है जिसमें ब्लड शुगर ज्यादा तो होता है लेकिन टाइप 2 डायबिटीज जितना नहीं। यानी इसे डायबिटीज की शुरुआत कहा जा सकता है। अगर जल्द ही इसका पता चल जाए तो डायट और एक्सरसाइज जैसे बदलावों से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।
अमेरिका की मैसाचुऐट्स स्थित टफट्स यूनिवर्सिटी के असोसिएट प्रोफेसर निकोला मैकियोन ने कहा, 'हमारा रिजल्ट दिखाता है कि ज्यादा मात्रा में शुगर युक्त ड्रिंक्स लेने से टाइप 2 डायबिटीज के शुरुआत लक्षणों के पैदा होने का खतरा बढ़ता है।' उन्होंने कहा कि अगर लाइफ स्टाइल में बदलाव नहीं होते हैं तो प्रीडायबिटिक व्यक्ति में डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस स्टडी के मुताबिक ऐसे अडल्ट जो हर दिन एक केन सोडा पीते हैं या सप्ताह में 170 से 340 ग्राम के मध्यम शुगर युक्त लिक्विड लेते हैं उनमें प्रीडायबिटीज होने का खतरा 46 फीसदी ज्यादा होता है।
मैकियोन ने कहा कि शुगर यु्क्त मीठे ड्रिंक्स का प्रयोग सीमित होना चाहिए या फिर इनकी जगह पानी या शुगर फ्री कॉफी और चाय जैसे हेल्थी ड्रिंक्स लेने चाहिए। इस स्टडी को जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में छापा गया है।
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