
हाल में हुए शोध के अनुसार, एंटीबॉयोटिक्स दवाओं का अधिक सेवन पार्किंसन से जुड़ा है। नियमित रूप से एंटीबायोटिक्स के सेवन से पार्किंसन का खतरा बढता है।
आप में से बहुत से लोग एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करते होंगे। एंटीबायोटिक्स दवाएं वैसे आपकी सेहत के लिए बुरी नहीं हैं, लेकिन किसी भी चीज की अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए बुरा है। ठीक इसी प्रकार एंटीबायोटिक्स हैं, यह बैक्टीरिया को मारकर रिकवरी को बढ़ावा देते हैं लेकिन केवल तब ही जब यह एक विनियमित मात्रा में लिया जाता है। इनका अधिक एक्सपोज़र आगे चलकर किसी व्यक्ति को पार्किंसन रोग होने की संभावना को बढ़ाता है।
हेलसिंकी विश्वविद्यालय, फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने इस पर शोध किया और अपने निष्कर्ष पाया कि एंटीबायोटिक्स के अधिक सेवन से पार्किंसन रोग यानि तंत्रिका तंत्र से जुड़ा रोग हो सकता है। पार्किंसन रोग में रोगी के हाथ-पैर और शरीर कंपन होती है।
शोधकर्ताओं की एक टीम ने पार्किंसन रोग के लगभग 14,000 रोगियों की मेडिकल रिपोर्ट की जांच की। जिसमें लगभग 40,000 स्वस्थ लोगों के साथ इस डेटा की तुलना करने पर, टीम ने पाया कि कुछ मौखिक एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से अच्छे आंत बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा है। जिससे पार्किंसंन जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों का खतरा बढ़ गया। उनकी अंतिम रिपोर्ट 'मूवमेंट डिसऑर्डर' पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
हेलसिंकी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के सीनियर रिसर्चर फिलिप शेपरजंस ने कहा, "हमारे नतीजे बताते हैं कि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ एंटीबायोटिक्स, जो आंत के माइक्रोबायोटा को जोरदार तरीके से प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। यह इसका एक कारक हो सकता है।"
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फिलिप के अनुसार, इन दिनों अधिकांश बीमारियाँ आंत के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई हैं। यदि आपका आंत स्वास्थ्य सही नहीं है, तो आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इस तरह न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों और उच्च एंटीबायोटिक जोखिम के बीच संबंध हो सकता है। कठोर मांसपेशियों, सुस्ती, हाथ-पैरों में कपंन और हिलाना इन विकारों के कुछ लक्षण हैं, जो विकार से बहुत पहले उत्पन्न होते हैं। पार्किंसंन से जुड़ी पेट संबंधी अन्य समस्याएं कब्ज और आंत्र सिंड्रोम हैं।
फिलिप शेपरजंस ने कहा, एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या के अलावा, एंटीमाइक्रोबियल प्रिस्क्राइबिंग को आंत माइक्रोबायोम और कुछ बीमारियों के विकास पर उनके संभावित लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों को भी ध्यान में रखना चाहिए"।
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इस प्रकार, मामूली स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एंटीबायोटिक दवाओं पर भरोसा नहीं करने की सलाह दी जाती है। शरीर को अपने आप ठीक होने दें, क्योंकि कई बार ये दवाएं आपको अन्य गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के खतरे में डाल सकती हैं। डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को नियंत्रित करने की सलाह देते हैं, जब तक कि यह आवश्यक न हो और चिकित्सक द्वारा निर्धारित न किया जाए।
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