मन और तन की शांति के लिए योग बहुत कारगर है। सिर्फ इतना ही नहीं योग से आप अपनी सुंदरता को भी बरकरार रख सकते हैं। बाहरी मेकअप दो पल की खुशी दे सकता है पर ये मन को संतुष्ट नहीं कर सकता। थोड़ी सी मेहनत से आप ताउम्र सुंदर रह सकते हैं। इस लेख में हम आपको दो योगासन, सर्वांगासन और सुप्तवज्रासन के बारे में बता रहे हैं। पढ़ते हैं आगे...
सर्वांगासन-
सर्वांगासन का अर्थ है सर्वअंग और आसन। इस आसन में जमीन पर लेटकर पैरों के साथ पेट भी हाथों के सहारे ऊपर जाता है। जानते हैं, सर्वांगासन करने की विधि, लाभ और सावधानियां...
- सबसे पहले आपको पीठ के बल सीधा लेटना है।
- अब दोनों पैर मिले हुए होने चाहिए और अपने हाथों की हथेली को बगल से सटाकर जमीन पर रखें।
- सांस अंदर भरते हुए हाथों की मदद से पैरों को धीरे-धीरे 30 डिग्री से 90 डिग्री तक ऊपर लेकर जाएं।
- अब अपने हाथों को कमर के पीछे लगाएं।
- वापस आते वक्त ऊपर उठे पैरों को पीछे की तरफ थोड़ा झुकाएं।
- दोनों हाथों को भी कमर से हटा लें और जमीन पर रख लें।
- अब अपनी हथेली पर जोर देते हुए, जिस क्रम में उठते थे, उसी क्रम में धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को जमीन पर रखें।
- थोड़ी देर आराम करके फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
इस आसन से लाभ
इस आसन के नियमित रूप से करने से फेस स्किन में कसाव और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इस आसन का अधिक लाभ उठाने के लिए आप इससे पहले मत्स्यासन करें
बरतें ये सावधानियां
यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है या स्लिप डिस्क और थायरॉयड जैसी समस्या है तो आप इस आसन को न करें। इसके अलावा यदि आपको गर्दन और रीढ़ में शिकायत है तब भी ये आसन नहीं करना चाहिए।
सुप्तवज्रासन
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि सुप्त यानि सोया हुआ और सुप्तवज्रासन का मतलब है कि वज्रासन की स्थिति में सोया हुआ। इस आसन में पीठ के बल लेटना होता है। जानें इस आसन को करने की विधि, सावधानी और लाभ ...
- सबसे पहले आप घुटने के बल जमीन पर बैठें।
- अब आप नितंब को दोनों पैरों की एड़ियों के मध्य रखें।
- इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ते रहें।
- इसके बाद दोनों हाथों को पीठ के पीछे जमीन पर रख शरीर को धीरे-धीरे पीछे की तरफ झुकाएं। सिर का ऊपरी भाग जमीन पर रख दें।
- अब दोनों हाथों को पेट पर रखकर आरामदायक अवधि तक रुकें और फिर पूर्व स्थिति में आएं।
- शुरू में केवल 15 सेकेंड तक रूकें। उसके बाद आप 5 से 6 मिनट तक रुक सकते हैं।
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इस आसन के लाभ
शरीर को सुडौल, ऊर्जावान बनाने के साथ-साथ ये आसन घुटने, वक्षस्थल और मेरुदंड के लिए भी असरदार है। इस आसन से पेट संबंधित नाड़ियों में रक्त प्रवाहित होता है, जिससे वे सशक्त बनते हैं। ये हार्ट बीट को नियंत्रित रखता है और रक्त संचार को सुचारु करता है। इस आसन को रोज करने से चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं। इसके अलावा थाइज़ व पेट की चर्बी भी घटती है।
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बरतें ये सावधानियां-
जिन लोगों को वायु विकार, कमर दर्द की शिकायत है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। खाना के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, जिसको घुटने के दर्द की शिकायत है वे भी इस आसन को न करें।
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