एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में 2018 में 323,630 पुरुषों की मृत्यु कैंसर से हुई है। इनमें नॉन-मेलेनोमा स्किन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर के मामले ज्यादा हैं। हालांकि, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर की मृत्यु दर अधिक है। 2011-2015 के आंकड़ों के अनुसार, कैंसर की मृत्यु की दर प्रति 100,000 पुरुषों में 196.8 और प्रति 100,000 महिलाओं में 139.6 थी। यह आंकड़े भले ही अमेरिका के हैं, मगर भारत में भी कैंसर के मामले कम नही हैं।
कैंसर (Cancers in Men) जानलेवा बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। लेकिन कैंसर के लक्षणों को अगर समय पर पहचान लिया जाये तो इसके इलाज में आसानी होती है। कैंसर के शुरूआती स्टेज में पता चलने पर इसके इलाज में ज्यादा दिक्कत नही होती है और मरीज को बचाया जा सकता है। लेकिन जीवनशैली में थोड़ी सी सावधानी बरती जाये तो कैंसर से दूर भी रहा जा सकता है। अगर कैंसर के लक्षण समय रहते दिखने लगे तो जरूरी उपाय करके इससे बचा जा सकता है। कैंसर अपने पहले स्टेज में है तो आसानी से कीमोथेरेपी, लेजर थेरेपी और रेडियोथेरेपी द्वारा इसका इलाज हो सकता है।
शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं जैसे- मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन कैंसर आदि। पुरुषों को कैंसर के इन 15 लक्षणों को नजरअंदाज नही करना चाहिए, आइए हम आपको कैंसर के लक्षणों के बारे में बताते हैं।
पुरुषों में कैंसर के लक्षण
1 - जिन लोगों को कैंसर होता है उनका वजन असामान्य रूप से कम होने लगता है। अगर बिना किसी प्रयास के शरीर का वजन 10 पौंड से ज्यादा कम हो जाये तो इसे कैंसर का प्राथमिक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।
2 - बुखार कैंसर का एक सामान्य लक्षण होता है। कैंसर मरीज की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, इसलिए मरीज को अक्सर बुखार रहने लगता है। ब्लड कैंसर, ल्यूकीमिया इत्यादि में अक्सर बुखार के लक्षण नजर आते हैं।
3- थकान कैंसर का एक प्रमुख लक्षण माना जाता है। इसमें मरीज बिना वजह थका थका महसूस करता है। कभी-कभी तो वह हाथ पांव से काम करने लायक भी नहीं रहता।
4- हड्डियों के कैंसर या टेस्टीकुलर कैंसर में पीड़ा यानि दर्द होना कैंसर होने का संकेत है। ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को सर दर्द की शिकायत रहने लगती है। ऐसा सर दर्द जो प्राथमिक उपचार से या दवा से भी न ठीक हो, उसे ब्रेन ट्यूमर का लक्षण माना जा सकता है।
5- त्वचा में असामान्य परिवर्तन कैंसर के संकेत हो सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति की त्वचा बेवजह सांवली या काली पड़ने लगी हो तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है। त्वचा का पीला पड़ना भी कैंसर होने का संकेत देता है।
6- अगर किसी को लम्बे समय से कब्ज की शिकायत रहती हो अथवा कोई लम्बे समय से डायरिया से परेशान हो तो ये कोलोन कैंसर या उदर के कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
7- मूत्र त्याग के वक्त यदि पीड़ा होती हो अथवा मूत्र में रक्त की मौजूदगी पाई जाती हो तो ये प्रोस्टेट कैंसर अथवा डिम्बग्रंथि कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
8- स्तनों में गांठ होना ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हैं। ब्रेस्ट कैंसर केवल महिलाओं को ही नही होता, पुरुष भी इसकी गिरफ्त में आते हैं।
9- लिम्फ नोड्स में परिवर्तन होना भी कैंसर का संकेत है। लिम्फ नोड्स में या गले में एक गांठ या सूजन हो तो चिंता का विषय है।
10- सर्दी और जुकाम में कफ होना लाजमी है, लेकिन यदि लगातार चार हफ्ते से कफ आ रहा है तो यह कैंसर का संकेत है, इसे नकारना नही चाहिए।
11- निगलने में परेशानी होना भी कैंसर का लक्षण है। खाते और पीते वक्त निगलने में दिक्कत हो तो इसे नजरअंदाज मत कीजिए।
12- ऐसे हिस्से से खून निकलना जहां से खून निकलने की संभावना न हो। खांसी, मल त्याग, पेशाब के दौरान यदि खून निकले तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
13 - यदि स्मोकिंग और तंबाकू चबाने के दौरान मुंह या जीभ में सफेद दाग व धब्बे दिखे तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। यह ओरल कैंसर के लक्षण हैं।
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14- कैंसर होने पर पाचन क्रिया भी प्रभावित होता है। यदि खाना अच्छे से पच नही रहा है, तो यह पेट के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
15- टेस्टिकल्स में बदलाव होना टेस्टिकुलर कैंसर का लक्षण हो सकता है। टेस्टिकुलर कैंसर ज्यादातर 20 से 39 साल की उम्र में होता है।
कैंसर का जितना जल्दी निदान होगा इलाज में आसानी होगी, कैंसर के लक्षण के आधार पर ही यह पहचाना जाता है। यदि आपको कैंसर के यह लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क कीजिए।
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