गर्दन दर्द का कारण हो सकता है सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क रोग, जानें लक्षण

गर्दन में अक्सर होने वाले इस दर्द का कारण सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क रोग हो सकता है। सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क रोग का शिकार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होता है।
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गर्दन दर्द का कारण हो सकता है सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क रोग, जानें लक्षण


अक्सर ज्यादा काम करने के कारण या सिर झुकाकर देर तक काम करने के कारण आपको कंधे और गर्दन में दर्द की शिकायत हो जाती है। ऐसा दर्द डेस्क पर बैठकर कंप्यूटर पर काम करने वालों में ज्यादा देखने को मिलता है। दरअसल लगातार गर्दन झुकाकर या गर्दन सीधी करके कंप्यूटर के सामने बैठने से रीढ़ की हड्डियों में कड़ापन आ जाता है। गर्दन में अक्सर होने वाले इस दर्द का कारण सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क रोग हो सकता है।

महिलाओं को अधिक होता है खतरा

सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क रोग का शिकार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होता है। इसका कारण ये है कि उम्र के साथ महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसके अलावा पीरियड्स, प्रेगनेंसी और काम की जिम्मेदारियों के बीच खुद का ध्यान न रखने के कारण महिलाओं का शरीर अपेक्षाकृत कमजोर हो जाता है। ऐसे में इन हड्डियों की जोड़ों में जब दवाब पड़ता है तो बहुत अधिक तकलीफ होती है। सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क एक तरह की बीमारी है जिसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है।

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क्या हैं सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क के लक्षण

सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग गर्दन में होने वाले दर्द का सबसे मुख्य और आम कारण है। इस रोग के निम्न लक्षण हो सकते हैं।

  • गर्दन में खिंचाव
  • गर्दन में जलन और झुनझुनी का एहसास
  • गर्दन और सिर को हिलाने पर काफी दर्द होता है
  • गर्दन में कड़ापन महसूस होता है।
  • गर्दन का दर्द कभी-कभी कंधों में भी महसूस होता है।
  • गर्दन में जकड़न आ जाती है जिससे सिर हिलाने में दर्द होता है।
  • बीमारी के घातक होने पर चक्कर और उल्टियां भी होती हैं।

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क्यों होता है सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग

सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग का कारण गर्दन की डी-जेनरेशन वाली नसों पर दबाव पड़ना है। ये दबाव आमतौर पर ज्यादा काम करने, भारी बोझ उठाने, हड्डियों के कमजोर होने, लगातार काम करने, सिर झुकाकर काम करने, सिर झुकाकर लगातार पढ़ने और गर्दन पर किसी चोट के कारण हो सकता है।

क्या है सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग का इलाज

इस दर्द को ठीक करने के लिए कैस्टर ऑयल थेरैपी या हॉट एंड कोल्ड थेरैपी लें। इन थैरेपीज से गर्दन की मांसपेशियों व अन्य ऊतकों को लचीला बनाया जाता है जिससे असामान्य ऊतकों का एलाइनमेंट किया जाता है। ज्यादातर रोगियों को एक या दो उपचारों के बाद डिस्क के नर्व पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। जिससे में पहले की तरह लचीलापन आ जाता है।

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