प्रसव के बाद अवसाद

प्रसव के बाद महिलाओं के जीवन में सब कुछ बदल जाने से कभी कभी वे अवसाद से ग्रस्त हो जाती हैं क्योंकि उन्हें अपनी आदतें अपने शिशु की दिनचर्या के अनुसार बदलनी पड़ती हैं।
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प्रसव के बाद अवसाद

प्रसव के बाद महिलाओं के जीवन में सब कुछ बदल जाने से कभी कभी वे अवसाद से ग्रस्त हो जाती हैं क्योंकि उन्हें अपनी आदतें अपने शिशु की दिनचर्या के अनुसार बदलनी पड़ती हैं। इसके साथ साथ उन पर घर की भी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में वे परेशान हो जाती हैं और तनाव से घिर जाती हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है आराम नहीं मिल पाना। प्रसव के बाद महिलाओं के मूड में बदलाव होना स्वाभाविक है। वे थोड़ी चिड़चिड़ी हो जाती है। जिन महिलाओं को पहले कभी अवसाद की समस्या हुई हो उनमें प्रसव के बाद अवसाद होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में उन्हें एक अच्छी सलाह के साथ अवसाद रोधी दवाएं लेनी चाहिए।


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कारण

  •     प्रसव के पहले या उस दौरान होने वाला अवसाद या कोई अन्य मानसिक विकार।
  •     हार्मोन्स में बदलाव (जैसे ईस्ट्रोजन,प्रोजेस्टोरोन), शिशु को जन्म देने और उसकी देखरेख में होने वाली परेशानियों से संबंधी तनाव।
  •     सामाजिक सहयोग का अभाव
  •     वैवाहिक मतभेद
  •     जीवन के अन्य महत्वपूर्ण तनाव कारक जैसे आर्थिक कठिनाईयां या हाल में हुआ बदलाव
  •     यदि महिला के गर्भवती होने के पहले अवसाद हुआ हो तो इसके बारे में डाक्टर को जरूर बताएं। ऐसा अवसाद अकसर प्रसव के बाद के अवसाद का मुख्य कारण हो सकता है।

 

 

लक्षण

प्रसव के बाद के लक्षणों में बार-बार रोना, मूड में लगातार बदलाव होना, चिड़चिड़ापन और अत्यंत दुख के भाव शामिल हैं। जल्दी जल्दी थकान होना, किसी काम में मन नहीं लगना या नींद ना आने की समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा अवसाद से ग्रस्त महिलाएं अपने शिशु में भी रुचि नहीं दिखाती हैं।


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अवसाद की रोकथाम

प्रसव के बाद अवसाद की समस्या से बचने के लिए महिलाएं नीचे दिए गए नुस्खों को अपनाएं।

 


आराम करें

प्रसव के बाद जितना संभव हो उतना आराम करें। अगर आपको समय नहीं मिल पा रहा है तो जब बच्चा सो रहा हो उसी समय आप भी अपनी नींद पूरी करें।


ज्यादा काम नहीं करें

महिलाओं पर पूरे घर की जिम्मेदारी होती हैं ऐसे में वे सब-कुछ एक साथ करने की कोशिश करती हैं जो संभव नहीं है। जो काम ज्यादा जरूरी हो उसे पहले करें बाकी कामों को बाद के लिए रखें।

 

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अपनी समस्या के बारे में बताएं

आप क्या महसूस कर रही है इसके बारे में अपने पति, रिश्तेदार व सहयोगी से बात करें। खुद ही अंदर अंदर ना घुटें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा।

 

 अवसाद से बचने के लिए नियमित रूप से नहाकर व तैयार होकर कुछ देर के लिए घर से बाहर निकलें जैसे कुछ खरीददारी करने या मित्रों से मिलने के लिए।

 

Image Source - Getty Images 

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