
सूजन एक ऐसी समस्या है, जो हमें बहुत सामान्य लगती है मगर कई बार ये खतरनाक हो सकती है। आमतौर पर सूजन और दर्द होने पर आप तेल और बाम लगाकर इसे ठीक करने की कोशिश करते हैं, तो ये लापरवाही कई बार आपको परेशानी में डाल सकती है। कई बार किसी बीमारी के कारण शरीर में तरल पदार्थ भरने लगता है, तो भी शरीर में सूजन की समस्या हो जाती है। ऐसी सूजन बहुत खतरनाक होती है। आइए आपको बताते हैं अगर आपको हुआ है क्रॉनिक सूजन, तो किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।
एडिमा का संकेत हो सकती है सूजन
चेहरे या शरीर के किसी हिस्से में लंबे समय से हो रही सूजन को देख कर अनदेखा करना कोई समझदारी नहीं है। अगर शरीर में बार-बार पानी एकत्र हो रहा है तो यह हृदय, लिवर या किडनी की किसी समस्या का संकेत भी हो सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब शरीर में अतिरिक्त फ्लूइड एकत्रित हो जाता है तो शरीर में सूजन आने लगती है, जिसे एडिमा के नाम से भी जाना जाता है।
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कई तरह के होते हैं एडिमा
- सूजन के टखनों, पैरों और टांगों में आ जाने पर इसे पेरिफेरल एडिमा कहा जाता है।
- फेफड़ों की सूजन पल्मोनरी एडिमा कहते हैं।
- आंखों के पास आने वाली सूजन पेरिऑरबिटल एडिमा कहलाती है।
- शरीर के ज्यादातर भागों में दिखायी पड़ने वाली सूजन को मैसिव एडिमा के नाम से जाना जाता है।
दरअसल दिल से जुड़ी बीमारियों, किडनी की समस्या, असंतुलित हॉरमोन और स्टेरॉयड दवाओं के सेवन की वजह से भी कई बार एडिमा की समस्या हो सकती है। हमारा अनियमित भोजन व जीवनचर्या भी एडिमा की बड़ी वजह है।
क्या हैं क्रॉनिक सूजन के लक्षण
क्रोनिक सूजन की स्थिति में मसूड़ों, पेट, चेहरे, स्तन, लसिका ग्रंथि व जोड़ों आदि सभी भागों पर सूजन आ जाती है। इसके अलावा ज्यादा देर तक खड़े रहने या बैठे रहने के कारण होने वाली सूजन को ऑर्थोस्टेटिक एडिमा कहा जाता है। आमतौर पर हल्की फुल्की सूजन ज्यादातर कोई बड़ी समस्या नहीं होती, लेकिन लंबे समय तक रहने वाली ज्यादा सूजन गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के एक सप्ताह पहले भी कुछ ऐसे ही लक्षण नजर आ सकते हैं।
कब करें चिकित्सक से संपर्क
पेट या शरीर के किसी भी अन्य अंग में एक हफ्ते से अधिक सूजन रहने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिये। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सूजन के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में वसा का अनुपात अधिक होता है और वसा कोशिकाएं अतिरिक्त पानी संचित कर लेती हैं। नियमित व्यायाम व खान-पान में लापरवाही भी एडिमा की स्थिति को बढ़ा सकती है, तो इसका भी खयाल रखें।
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पल्मोनरी एडिमा है खतरनाक
क्या आपको सांस लेने में परेशानी हो रही है या आपकी छाती में तेज दर्द होता है या आपको खांसी के साथ खून आता है, तो ये सभी लक्षण पल्मोनरी एडिमा के हो सकते हैं। इस बीमारी में फेफड़ों के अंदर अतिरिक्त पानी इकट्ठा हो जाता है जिससे फेफड़ों में सूजन पैदा हो जाती है। ऐसे में रोगी को साँस लेने में परिशानी होती है। फेफड़ों में पानी कई कारणों से एकत्र हो जाता है। जैसे कई बार छाती में सामान्य सी चोट लगने से भी निमेनिया से, कुछ टॉक्सिन या दवाईयों के संपर्क में आने से या कई बार तो गलत व्यायाम करने से भी फेफड़ों में पानी भर जाता है। वहीं फेफड़ों में पानी भरने के अलावा पल्मोनरी एडिमा बहुत से मामलों में, हृदय में किसी भी प्रकार की समस्या के कारण हो जाता है। अगर आपको पल्मोनरी एडिमा की शिकायत है और आप बहुत अधिक ऊंचाई पर रहते हैं तो आपकी बीमारी की गंभीरता बढ़ सकती है।
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