तनाव से पड़ने वाले प्रभाव के कारण शरीर में जिस रासायनिक हार्मोन का स्राव होता है वह अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) रोग का कारण बन सकता है।
इससे पहले किए गए अध्ययनों में दिखाया गया था कि तनाव के दौरान शरीर में रासायनिक हार्मोन कोर्टिकोस्टेरॉयड का स्राव होता है जो कि अल्जाइमर के मरीज़ों में उन मरीज़ों की तुलना में दो से तीन गुणा अधिक पाया जाता है जो इस रोग से पीड़ित नहीं होते।
शोध करने वाले अमेरिका के टेम्पल्स स्कूल ऑफ मेडिसिन में औषध विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान और प्रतिरक्षा विज्ञान के प्रोफेसर डोमेनिको प्राटिको ने कहा कि ऐसा लगता है कि तनाव वातावरण संबंधी एक ऐसा तत्व है जो अल्ज़ाइमर की बीमारी की शुरूआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि जब इस रासायनिक हार्मोन का स्तर बहुत उच्च होता है और यह अधिक समय तक रहता है तो यह न्यूरोनल सेल को खत्म कर सकता है जो कि स्मरण शक्ति के लिए बहुत जरूरी है।
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