सोशल फोबिया का लक्षण है किसी से बात करने में झिझक होना, जानें इसका सही इलाज

कई लोगों के साथ यह दिक्कत होती है कि वैसे तो वह खुद को बहुत आत्मविश्वासी और साहसी समझते हैं लेकिन जब किसी अंजान व्यक्ति से बात करने की बात आती है तो वह अंदर ही अंदर डरने लगते हैं। 

Rashmi Upadhyay
Written by: Rashmi UpadhyayUpdated at: Nov 24, 2018 00:00 IST
सोशल फोबिया का लक्षण है किसी से बात करने में झिझक होना, जानें इसका सही इलाज

मलेरिया और डेंगू दिवस 2023: बुखार के कारण, लक्षण और रोकथाम गाइड - Onlymyhealth

कई लोगों के साथ यह दिक्कत होती है कि वैसे तो वह खुद को बहुत आत्मविश्वासी और साहसी समझते हैं लेकिन जब किसी अंजान व्यक्ति से बात करने की बात आती है तो वह अंदर ही अंदर डरने लगते हैं। सामाजिक चिंता विकार को सोशल फोबिया के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का डर है जो लोगों से बात करते समय लगता है खासकर तब जब आप उन लोगों को नहीं जानते हैं। यह आपके जीवन को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। कई बार लोग किसी खास परिस्थिति में नर्वस व डरा हुआ सा महसूस करने लगते हैं खासकर जब वे स्पीच देते हैं या जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं। सामाजिक चिंता विकार को शर्माने का नाम नहीं दिया जा सकता है, यह इससे कहीं ज्यादा होता है। जो लोग इस समस्या से ग्रस्त होते हैं वे अकसर यह सोचते रहते हैं कि लोग उनके बारे में क्या सोचते होंगे। जिसके परिणामस्वरुप उन लोगों को सामाजिक परिस्थितियों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिसका असर उनके जीवन पर पड़ता है।

सामाजिक चिंता विकार के शारीरिक लक्षण

  • चेहरे का लाल हो जाना।
  • सांस में कमी।
  • पेट में समस्या होना
  • आवाज में कंपन होना
  • धड़कनों का तेज होना।
  • अत्यधिक पसीना आना।
  • चक्कर आना या बेहोश हो जाना।

सोशल फोबिया के कारण

सोशल फोबिया परिवार के अंदर से ही आता है, लेकिन कोई नहीं जानता कि यह समस्या कुछ लोगों के साथ ही क्यों होती है। शोधों के मुताबिक दिमाग के कई हिस्से डर व चिंता के कारणों में शामिल होते हैं। दिमाग में होने वाले डर व चिंता के बारे में ज्यादा अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों इस समस्या का इलाज ढूंढ सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक तनाव व वातावरण संबंधी तत्व इसके कारण हो सकते हैं।

क्या है इसका इलाज

साइकोथेरेपी- साइकोथेरेपी के प्रकार को कॉग्नेटिव बिहेवियर थेरेपी के नाम से जाना जाता है खासकर तब जब इसका प्रयोग सोशल फोबिया के इलाज के प्रयोग के लिए किया जाता है। इसमें व्यक्ति को सोचने, व्यवहार करने व भावनाएं प्रकट करने के अलग ढंग सिखाए जाते हैं। इस थेरेपी के जरिए व्यक्ति अपने डर व चिंता पर काबू पा सकता है। साथ ही यह लोगों में सामाजिक ज्ञान को भी बढा़ता है। 

दवाएं- व्यक्ति की जांच के बाद डॉक्टर उन्हें चिक्तिसीय सलाह देते हैं। सोशल फोबिया के इलाज के लिए दवाएं सामान्य इलाज हैं जो व्यक्ति को चिंता व डर को दूर करने में मदद करता है। इस तरह की दवाएं रोगी के दिमाग को शांत कर चिंता व डर से निजात दिलाती है। इन दवाओं के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें और याद रखें इन दवाओं को लंबे समय तक नहीं लेना चाहिए।

इसे भी पढ़ें : हॉर्मोनल असंतुलन के लक्षण क्या हैं और इन्हें संतुलित कैसे करें?

तनाव दूर करने के लिए क्या खाएं  

अपने आहार में फाइबरयुक्त ची़जों को शामिल करें। फाइबर आपकी पाचन-क्रिया को भी दुरुस्त रखता है। आपको अपने भोजन से प्रतिदिन लगभग 25 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। फल, सब्जियां और साबुत अनाज फाइबर के बेहतरीन स्त्रोत हैं। तनाव से बचने के लिए ब्रेक़फास्ट में जूस की अपेक्षा पूरा फल खाएं। गेहूं से बनी ब्रेड, होल ग्रेन सीरियल्स लें। इसके अलावा अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स को भी शामिल करें। चावल, पास्ता, आलू, ब्रेड, लो कैलरी़ज कुकी़ज कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्त्रोत होते हैं इसके। अगर आप दिन में एक बेक्ड आलू या एक कप स्पैगेटी या चावल लेते हैं तो आपका पूरा दिन चिंतामुक्त और तनावमुक्त गु़जरेगा।

ये है तनाव को बढ़ाने वाले आहार  

संतुलित आहार न सिर्फ आपकी सेहत को अच्छा रखता है, बल्कि तनाव को कम करने में मदद करता है। कुछ खास फूड और ड्रिंक्स सीधे तनाव का कारण बनते हैं। जैसे- कॉफी, चाय, चॉकलेट और केक आदि। इनमें कै़फीन की मात्रा अत्यधिक पाई जाती है, जिनसे तनाव का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए इनसे बचना ही बेहतर होता है। तले और वसायुक्त भोजन से दूर रहें।  हाई प्रोटीन फूड का भी कम प्रयोग करें। अगर आप सोचते हैं कि हफ्ते या महीने में एक या दो बार फास्ट फूड खाने से शरीर पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा तो बिल्कुल गलत सोचते हैं। फास्ट फूड खाने से हमारे शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है और हम किसी विषय पर तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Miscellaneous In Hindi

Disclaimer