महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 % तक बढ़ा सकता है धूम्रपान, जानें एक्सपर्ट की राय

इंदिरा आईवीएफ हास्पिटल की आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ.सागरिका अग्रवाल का कहना है कि धूम्रपान, महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।  
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महिलाओं में  इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 % तक बढ़ा सकता है धूम्रपान, जानें एक्सपर्ट की राय


तेजी से बदलती जीवनशैली और इस भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। ऑफिस कार्यों, अपने टार्गेट को पूरा करने का दबाव और निजी समस्याओं के कारण अब महिलाएं भी तनाव लेने लगी हैं और उस तनाव को दूर करने के चक्कर में महिलाएं अक्सर धूम्रपान शुरू कर देती हैं, जो कि बड़ी स्वास्थ्य समस्या का कारण बन रहा है।

नई दिल्ली स्थित इंदिरा आईवीएफ हास्पिटल की आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ.सागरिका अग्रवाल का कहना है कि धूम्रपान, महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।

डॉ.सागरिका का कहना है कि धूम्रपान महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। जिससे गर्भाशय में परिवर्तन आ सकता है और इस कारण गर्भाशय कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट में मौजूद रसायन अंडाशय के भीतर एंटीऑक्सीडेंट स्तर में असंतुलन पैदा कर सकते हैं। यह असंतुलन निषेचन को प्रभावित कर सकता है और स्पष्ट है कि इसके बाद इम्प्लांटेशन में कमी आ जाएगी।

उन्होंने कहा कि तम्बाकू का पुरुष प्रजनन क्षमता पर भी भारी दुष्प्रभाव पड़ता है। यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। कुछ अध्ययनों में धूम्रपान के प्रभाव का इरेक्टाइल डिस्फान और यौन प्रदर्शन में कमी से भी संबंध पाया गया है। तम्बाकू के कारण क्रोमोसोम को भी क्षति पहुंच सकती है और शुक्राणु में डीएनए फ्रैगमेंटेशन हो सकता है।

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धूम्रपान से वैवाहिक जीवन भी होता है प्रभावित

अगर किसी व्यक्ति को धूम्रपान की लत है तो उसकी संबंध बनाने की इच्छा पर भी प्रभाव पड़ता है। वो दंपत्ति जो गर्भधारण करना चाहते है और उनमें से पुरुष धूम्रपान का सेवन करता है तो उनके असफल होने की संभावनाएं अधिक होती है। इसका कारण संभावित इनफर्टीलिटी हो सकती है क्योंकि धूम्रपान करने से आपके स्पर्म काउंट पर असर होता है। धूम्रपान करने वाले लोगों में शुक्राणुओं की कम गतिशीलता और अन्य समस्याओं के होने की संभावनाएं अधिक होती है जो उनकी फर्टीलिटी को कठिन बनाती हैं।

धूम्रपान शुक्राणु को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण निषेचन की संभावना कम हो जाती है। धूम्रपान करने वाले लोगों के शुक्राणुओं से विकसित भ्रूण में डीएनए की क्षति के कारण उसके जीवित रहने की संभावना कम होती है।

स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव

धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस सावधानी से हम अपने दैनिक जीवन में हर जगह रूबरू होते हैं। लेकिन अभी भी तम्बाकू के आदी लोग इसे अनदेखा करते हैं। तंबाकू न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि दिल, गुर्दे और यहां तक कि शुक्राणुओं को भी नुकसान पहुंचाता है। यह पुरुषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। चाहे तंबाकू हो या हुक्का, सच्चाई यह है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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धूम्रपान से निजात कैसे पाएं

धूम्रपान छोड़ना आसान होता, तो हमारे आस पास इतने लोग सिगरेट सुलगाते नहीं नजर आते। सच तो यह है कि यह आदत किसी भी वजह से शुरू हुई हो, आदत पड़ जाने के बाद इससे छुटकारा बहुत मुश्किल है।

  • स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वस्थ आहार लें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • मेडिटेशन और योग करें। 
  • अपने डॉक्टरों से सलाह लें।

धूम्रपान से बचाव के लिए कारगर है निकोटिन ?

धूम्रपान और तम्बाकू के सेवन से शरीर में निकोटिन व कार्बनमोनोऑक्साइड जमा हो जाती है, जो कि धीमा जहर है। स्कोमिंग छोड़ने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले इन विषैले पदार्थों की शरीर से सफाई की जाए।

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