स्मोकलैस तम्बाकू का अर्थ है वे सभी उत्पाद जिनमें तम्बाकू की जरा सी भी मात्रा मौजूद है। इनकी मिठास और खुशबू के कारण लोग इन्हें माउथ फ्रेशनर समझते हैं और इन्हें चबाते हैं। चबाने के बाद निकलने वाले रस को वे थूक देते हैं लेकिन तब तक इनमें मौजूद निकोटीन मुंह के अंदरूनी हिस्से द्वारा अवशोषित किया जा चुका होता है और यह हमारी सेहत के लिए बेहद घातक सिद्ध होती है।
गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस हॉस्पिटल के अग्रिम इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेस के निदेशक डॉ. विपुल गुप्ता ने स्मोकलैस तम्बाकू से होने वाले खतरे, इससे बचाव के तरीके के सुझाए हैं, जिसे अपनाकर वह इस स्थिति से बच सकते हैं।
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स्मोकलैस तम्बाकू से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा
- तंबाकू पीने का जितना नुकसान है उससे कहीं ज़्यादा नुकसान इसे चबाने से होता है। तंबाकू में कार्बन मोनोऑक्साइड, और टार जैसे जहरीले पदार्थ पाये जाते हैं। और यह सभी पदार्थ स्वास्थ के लिए जानलेवा हैं। धुंए रहित (तंबाकू चबाना) दोनों ही समान रूप से जानलेवा हैं। लोग धूम्रपान या तो स्टाइल या फिर स्टेटस के लिए शुरू करते हैं पर तंबाकू आपके फेफड़ों पर हमला करता है और हृदय और रक्त धमनियों में ऑक्सीजन के आवागमन में बाधा डालता है।
- धूम्रपान के कारण भी हृदय रोगों और स्ट्रोक की आशंका काफी बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की आशंका धूम्रपान न करने वालों की तुलना में तीन गुनी होती है। जितना अधिक आप धूम्रपान करेंगे उतनी यह आशंका बढ़ जाएगी। अगर आप एक दिन में बीस सिगरेट पीते हैं, आपको धूम्रपान न करने वाले की तुलना में स्ट्रोक होने की आशंका छह गुनी हो जाती है। जब आप धूम्रपान करते हैं, तंबाकू का धुआं आपके शरीर में जाता है, जिसमें 7,000 से अधिक विषैले रसायन होते हैं जिनमें कार्बन मोनो आक्साकइड, फार्मेलडिहाइड और हाइड्रोजन साइनाइड होते हैं। ये रसायन आपके फेफड़ों से आपके रक्त में जाते हैं, आपके पूरे शरीर की कोशिकाओं को परिवर्तित और क्षतिग्रस्त कर देते हैं।
- इतना ही नहीं तम्बाकू प्रजनन क्षमता को भी कमजोर कर सकता है। तंबाकू शारीर में कैंसर जेसी जानलेवा बीमारी को भी सीधा न्योता देता है। 4000 रसायनों में से तंबाकू में 70 आईएआरसी समूह 1 कैंसरजन हैं, जो मुंह के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, ग्रासनली, अग्नाशय, मूत्राशय आदि में कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं। आपके द्वारा उपभोग किए जाने वाले तंबाकू की ब्रांड या प्रकार को देखकर कभी गुमराह न हों कि यह आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता। विश्वास कीजिए, तम्बाकू का सेवन हर हाल में आपको नुकसान पहुंचाता है।
स्ट्रोक से बचाव के तरीका
स्ट्रोक से बचाव थ्रांबोलिटिक दवाओं द्वारा किया जाता है जो क्लाट बस्टिंग का काम करता है और धमनियों में पैदा रुकावट को खोलता है। यह दवा, स्ट्रोक के 4.5 घंटे तक दिया जा सकता है और परिणाम में स्ट्रोक के उत्क्रमण और बेहतर स्वास्थ्य लाभ हो सकता हैं। लेकिन यह दवा 4.5 घंटे के बाद नहीं दी जा सकती खासकर उन रोगियों को जिनको अत्यधिक रक्त थिनिंग दवाएं प्रभावित नहीं करती। इन मामलों में रक्त के बहाव को फिर से शुरू करने के लिए न्यूरोइंटरवेंशन तकनीक द्वारा क्लाट को हटाया जाता है। इस चयनात्मक उपचार को ब्रेन अटैक के कम से कम 6 घंटे या उससे अधिक समय के बाद दिया जा सकता है। इसलिए हरेक व्यक्ति को यह सलाह दी जाती है कि जल्द से जल्द इन सुविधाओं के लिए अस्पताल तक पहुँचना चाहिए।
कैसे निजात पाएं
तम्बाकू, सिगरेट, गुटखा हो या अन्य कोई निकोटीन युक्त पदार्थ का पूरी तरह आदी होने पर छोड़ना मुश्किल हो जाता है लेकिन मन में पक्का निश्चय कर ही इसे मात भी दी जा सकती है।
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स्मोकलैस तम्बाकू की लत का उपचार
- अपने पास सिगरेट या तंबाकू के उत्पाद ना रखें।
- इसे छोडने के दौरान सिरदर्द, कफ, वजन बढना,अनिद्रा जैसी परेशानियां हो सकती हैं, ऐसें में इनसे बचने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं।
- पौष्टिक भेाजन, भरपूर पानी पीएं और इसके साथ शारीरिक व्यायाम जरूर करें।
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