यह सभी जानते हैं कि आपकी नींद आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभाव डालती है। इसलिए शरीर की संपूर्ण भलाई के लिए एक अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि एक वयस्क को कम से कम सात घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। क्याकि बेहतर नींद आपके शरीर को लंबे समय के बाद तनावमुक्त और रिबूट करने में मदद करती है। लेकिन फिर भी अगर आप र्प्याप्त नींद नहीं लेते, तो यह आपको अपने कार्यस्थल में बेहतर प्रदर्शन और प्रोडक्टिविटी पर बुरा असर पड़ता है। आइए यहां जानते हैं कि आपकी नींद आपके काम को कैसे प्रभावित करती है।
शारीरिक व मानसिक बीमािरियां
नींद का पूरा न होना या समय के साथ, नींद न आना आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ता है। जिसमें आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं, जैसे कि आपका वजन बढ़ना, ब्लड प्रेशर, त्वचा की अनियमितताओं और कइर् अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इससे आपका करियर खतरे में पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रात में छह-सात घंटे से भी कम नींद दिल की बीमारियों और आपकी मृत्यु दर भी बढ़ा सकती है।
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मेंटल फॉग
जब आप पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं, तो आप खुद को एक खराब मूड में पाते हैं। ऐसे में आपका मन और दिमाग भी धूमिल होता है। यानि कि आपको काम पर ध्यान लगाने में कठिनाई होती है, खासकर कि किसी परजेंटेशन या फिर मीटिंग के दौरान। नींद की कमी शरीर के सर्कैडियन लय को प्रभावित कर सकती है, जिससे संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं में अनियमितता हो सकती है। इसका सीध असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ता है।
गलत फैसले ले लेना
जब आप रात को अच्छी नींद नहीं लेते हैं, तो इसका असा आपके निर्णय लेने की क्षमता पर भी पड़ता है। क्योंकि नींद में रूकावट या नींद की कमी आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। यह आपको अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने से पीछे करती है और जिससे कि आप काम पर केंद्रित रहने में असमर्थ दिखते हैं।
दुर्घटनाओं की संभावना
यदि अधूरी नींद के साथ ड्राइव कर रहे हैं या फिर सीडि़यों में चल रहे हैं, तो ऐसे में संभावना है कि आप दुर्घटना ग्रस्त हो सकते हैं। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, उनके आराम करने वाले सहयोगियों की तुलना में नींद पूरी न लेने वालों में चोट लगने की संभावना अधिक होती है।
चिड़चिड़ापन होना
जब आपकी नींद पूरी न हो, तो आप असहज महसूस करते हैं, जिससे आपका कहीं भी किसी भी बात में मन नहीं लगता और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। यह नींद की कमी का एक क्लासिक संकेत है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, नींद की कमी आपके मनोदशा को प्रभावित कर सकती है और भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए कठिन बना सकती है।
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