महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में स्लीप ऐप्निया का खतरा ज्यादा

जो पुरुष नींद में सांस लेने में समस्या को हल्के में लेते हैं वे संभल जाएं। यह समस्या आगे चलकर काफी गंभीर रुप ले सकती है। हाल ही में हुए शोध में सामने आया है कि यह समस्या महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक देखी जाती है।

एजेंसी
Written by: एजेंसीUpdated at: Sep 26, 2013 12:45 IST
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में स्लीप ऐप्निया का खतरा ज्यादा

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sleep apneaअक्सर नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है, जिसे स्लीप ऐप्निया की समस्या के नाम से जाना जाता है। यह समस्या भले ही सुनने में छोटी लगती हो लेकिन इसके परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं।

आईआईएमएस के एक शोध के मुताबिक भारतीय पुरुषों में नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत महिलाओं की अपेक्षा तीन गुना अधिक हैं। इतना ही नहीं, शोध में यह भी माना गया है कि इस बीमारी में अधिकतर लोग डॉक्टर के पास जाने की सोचते ही नहीं हैं। यही वजह है कि हमारे देश में केवल चार प्रतिशत लोग ही अपनी समस्या को बीमारी मानकर इसका उपचार कराने के लिए डॉक्टरी परामर्श लेते हैं।

जबकि दूसरे देशों की अपेक्षा हमारे देश में इस बीमारी के मामले कहीं अधिक हैं। इस बारे में ईएनटी विशेषज्ञ (शल्यचिकित्सा रोबोटिक तंत्र तथा एंडोस्कोपी) डॉ.विकास अग्रवाल ने बताया,''भारतीय लोगों का चेहरा गोरे लोगों की तुलना में समतल होता है और जबड़े का हिस्सा भी बाहर उभरकर नहीं आता है। इसके परिणाम स्वरूप, हमारी जुबान से गले के पीछे की तरफ अधिक दबाव पड़ता है। कंटिन्युअस एअर प्रेशर थेरपी (सीपीएपी) यह उपचार पद्धति पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय रोगियों में अधिक सफल ना होने की यह भी एक वजह है।''

गौरतलब है कि यह समस्या रात को नींद के दौरान होती है। इस समस्या की वजह से सोते समय व्यक्ति की सांस सैकड़ों बार रुक जाती है। श्वसन क्रिया में आने वाले इस अंतर को ऐप्निया कहा जाता है।

कार्डियाक केयर हॉस्पिटल 'एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट' में ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप ऐप्निया के लिए हाल में लाइव रोबोटिक सर्जरी कोर्स का आयोजन किया गया था। दो रोगियों पर की गई इस शल्य चिकित्सा को दुनिया भर से 2000 से भी अधिक डॉक्टरों ने वेबकास्ट की मदद से देखा।

 

 

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