सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए तैयार हो गई है स्वदेशी वैक्सीन, सरकारी पैनल से मिली मंजूरी

सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई वैक्सीन को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने मंजूरी दे दी है।
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सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए तैयार हो गई है स्वदेशी वैक्सीन, सरकारी पैनल से मिली मंजूरी


भारत में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का दर्द बर्दाश्त कर रही महिलाओं के लिए राहत की खबर हैं। भारत में सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए तैयार की गई स्वदेशी वैक्सीन को सरकारी पैनल की मंजूरी मिल गई है। सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए बनी इस स्वदेशी वैक्सीन का नाम क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन है। ड्रग रेगुलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन को बाजार में उपलब्ध करवाने की सिफारिश की है। इस वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। 

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के निदेशक (गवर्नमेंट एंड रेगुलेटरी अफेयर्स) प्रकाश कुमार सिंह ने 8 जून को डीसीजीआई के समक्ष क्यूएचपीवी वैक्सीन (qHPV Vaccine) की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। एसआईआई ने अपने आवेदन में कहा था कि सर्वाइकल कैंसर की इस स्वदेशी वैक्सीन की डोज 9 से 26 साल की आयु तक की महिलाओं में इस्तेमाल की जा सकती है।

ट्रायल में मिले CERVAVAC के नतीजे मिले बेहतर

डीसीजीआई में किए गए आवेदन में एसआईआई ने कहा है कि qHPV वैक्सीन CERVAVAC के ट्रायल में मजबूत एंटीबॉडी रिस्पॉन्स मिला है। इस वैक्सीन के तीनों फेज के ट्रायल सफल रहे हैं। एसआईआई का कहना है कि उन्होंने इस वैक्सीन का ट्रायल सभी उम्र की महिलाओं पर किया है। इस वैक्सीन का असर सभी महिलाओं में एचपीवी वायरस पर एंटीबॉडी रिस्पांस बेसलाइन से 1000 गुना ज्यादा पाया गया है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कंपनी के आवेदन के बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट ने इस पर विचार किया। सभी नतीजों को देखने के बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट ने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ qHPV के निर्माण के बाजार प्राधिकरण की सिफारिश की है।

हर साल 80-90 हजार सर्वाइकल कैंसर होते हैं दर्ज

कंपनी की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि भारत में हर साल लाखों महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के अलावा कई अन्य तरह के कैंसर से जूझना पड़ता है। भारत में सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रतिवर्ष 80-90 हजार मामले सर्वाइकल कैंसर से जुड़े आते है, जो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। सर्वाइकल कैंसर के अलावा भारत में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर के आते हैं।

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क्या है सर्वाइकल कैंसर? (What is Cervical Cancer?)

भारत में सर्वाइकल कैंसर से ज्यादातर महिलाएं परिचित ही नहीं है। सर्वाइकल कैंसर में महिलाओं की सर्विक्स यूटेरस पर प्रभाव पड़ता है। सर्विक्स यूट्रस का नीचे वाला हिस्सा वजाइना से जुड़ा होता है। भारत में सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के एचपीवी स्ट्रेन्स के कारण हो सकते हैं। एचपीवी एक यौन रोग है। यह जननांग में मस्से के तौर पर दिखना शुरू होता है। हालांकि ज्यादातर लोग इस पर शुरुआत में ध्यान ही नहीं देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर के 95 प्रतिशत मामले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस या एचपीवी के कारण होते हैं।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण क्या है? (Symptoms of cervical cancer?)

पहले स्टेज पर सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। महिलाओं के शरीर में इस तरह के लक्षण तब नजर आते हैं जब गर्भाशय ग्रीवा के आसपास की कोशिकाओं प्रभावित होनी शुरू हो जाती हैं। सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में गर्भाशय ग्रीवा के बहुत तेज दर्द, पेशाब के दौरान दर्द होने जैसे लक्षण शामिल हैं।

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क्या है सर्वाइकल कैंसर का इलाज (Cervical cancer treatment)

भारत में अब तक सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल भी कुछ जगहों पर कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए किया जाता है।

बाजार में कब आएगी सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन?

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है इस साल के अंत तक यह वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो सकेगी।

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