Signs Of Depression In Teens In Hindi: अवसाद एक गंभीर मानसिक रोग, जिसका शिकार इन दिनों काफी लोग हो रहे हैं। लगभग हर उम्र के लोगों में अवसाद की समस्या देखने को मिल रही है। इन दिनों किशोरों में अवसाद के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। फिर चाहे वह पढ़ाई के स्ट्रेस को लेकर हो या कई अन्य कारणों के चलते। डिप्रेशन के कारण रोगी के भावनात्मक, व्यवहार और कार्यात्मक रूप से बदलावों का अनुभव करता है। इसका कारण लगातार रोगी उदास रहता है और नकारात्मक विचारों से घिरा रहता है। अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर उपचार न लिया जाए तो यह रोगी को आत्महत्या का कदम उठाने पर भी मजबूर कर सकता है। क्योंकि लगभग सभी गतिविधियों में रुचि कम होने लगती है और वह सामाजिक संपर्क से भी कटने लगता है।
लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि अगर कोई टीनएजर डिप्रेशन से ग्रस्त है, तो वह इसके बारे में कैसे जान सकता है या इसका कैसे पता चल सकता है। डॉ . सुप्रकाश चौधरी (Professor and HOD, Dept of Psychiatry, Dr D Y Patil Hospital) के अनुसार किशोरों में डिप्रेशन होने पर कई संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान कर आप डॉक्टर से उपचार ले सकते हैं और जल्द डिप्रेशन से छुटकारा पा सकते हैं। इस लेख में हम आपको किशोरों में डिप्रेशन के संकेत बता रहे हैं।
किशोरों में डिप्रेशन के संकेत- Signs of depression in teens in hindi
जब कोई टीनएजर डिप्रेशन में होता है तो उसके पिछले रवैये और व्यवहार में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। जिसके कारण उसे स्कूल या घर पर, सामाजिक गतिविधियों में, जीवन के अन्य क्षेत्रों में कठिनाई और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।..
किशोरों में डिप्रेशन के कारण भावनात्मक परिवर्तन के संकेत
- बिना किसी स्पष्ट कारण के उदासी की भावना
- चिड़चिड़ापन, जल्दी गुस्सा आना और छोटी-छोटी बातों पर निराश होना
- अकेलापन और खाली महसूस होना
- सामान्य एक्टिविटी में मन न लगना और कोई रूचि न होना
- परिवार, दोस्त और सामाजिक लोगों के साथ कम समय बिताना और उनमें रूची न होना
- आत्म सम्मान में कमी
- फोकस कमजोर होना, सोचने और ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने में कठिनाई महसूस होना
- मन में मृत्यु और आत्महत्या जैसे विचार आना
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किशोरों में डिप्रेशन के कारण व्यवहारिक परिवर्तन
- बहुत थका हुआ महसूस होना और शरीर एनर्जी की कमी
- नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना
- भूख कम लगना या बहुत लगना, वजन घटना या बढ़ना
- शराब या नशीली दवाएं लेना
- बेचैनी महसूस होना
- सिरदर्द, और बिनी किसी कारण शरीर में दर्द का बार-बार सामना करना
- जल्दी सोचने और बोलने में कठिनाई
- खेल, पढ़ाई या स्कूल में खराब प्रदर्शन
- खुद को चोट पहुंचाना
- आत्महत्या की योजना बनाना जैसे विचार
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डॉक्टर के पास कब जाएं
अगर किसी भी टीनएजर में उपरोक्त लक्षण अक्सर और बार-बार महसूस हो रहे हैं, तो उन्हें तुरंत किसी मनोचिकिक्सक से परामर्श करना चाहिए। जिससे कि समय रहते उपचार किया जा सके।
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